जम्मू: चुनाव आयोग ने आज लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है. ऐसे में देश भर में चुनावी सरगर्मी बढ़ गई है. इसके साथ ही इलेक्शन कमीशन ने इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों की भी घोषणा कर दी है. ये इलेक्शंस आंध्र प्रदेश, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम में होने वाले हैं. वहीं, जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव की घोषणा नहीं की गई है. इस पर शिवसेना (यूबीटी) की जम्मू-कश्मीर इकाई ने निराशा व्यक्त की है.
शिवसेना (यूबीटी) प्रदेश प्रमुख मनीष साहनी ने इलेक्शन कमीशन के इस फैसले पर निराशा जताई है. मनीष साहनी ने इस बाबत कहा कि 'लोकसभा के साथ-साथ चार राज्यों के विधानसभा चुनाव और सभी लंबित सीटों पर उपचुनाव की घोषणा हो चुकी है, लेकिन जम्मू-कश्मीर का विधानसभा चुनाव एक बार फिर टाल दिया गया है'. साहनी ने कहा कि 'सरकार वन नेशन वन कलेक्शन लाने का दावा करती है लेकिन जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव को लेकर टालमटोल का रवैया अपनाया जा रहा है'.
शिवसेना (यूबीटी) प्रदेश प्रमुख ने आगे कहा कि 'विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के अभिन्न अंग जम्मू-कश्मीर में पिछले विधानसभा चुनाव हुए थे. 2014, 2018 में पीडीपी और बीजेपी गठबंधन सरकार के गिरने और अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन में लगभग पांच साल लगने वाले हैं'. साहनी ने कहा कि 'आज जम्मू-कश्मीर में विधानसभा, नगर निगम, पंचायत समेत किसी भी स्तर पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया है. साहनी ने कहा कि हालांकि इस फैसले से जम्मू-कश्मीर के लोगों में निराशा का माहौल है.
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