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ज्ञानवापी की तर्ज पर धार भोजशाला का सर्वे शुरु, जुम्मे को अलसुबह भोजशाला पहुंची ASI की टीम - dhar bhojshala dispute - DHAR BHOJSHALA DISPUTE

Dhar Bhojshala ASI Survey: ज्ञानवापी की तर्ज पर धार की भोजशाला का सर्वे होगा. इंदौर हाईकोर्ट के आदेश के बाद ASI की टीम सर्वे के लिए शुक्रवार सुबह धार भोजशाला पहुंच गई है. चूंकि आज जुम्मे का दिन है इसलिए पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है.

ASI TEAM IN BHOJSHALA FOR SURVEY
धार भोजशाला पहुंची एएसआई की टीम
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 22, 2024, 8:10 AM IST

Updated : Mar 22, 2024, 8:27 AM IST

धार भोजशाला पहुंची एएसआई की टीम

धार। मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध स्थलों में से एक धार जिले में स्थित भोजशाला के सर्वे के लिए एएसआई की टीम यहां खुदाई करने वाली है. इंदौर हाई कोर्ट के आदेश के बाद शुक्रवार की अल सुबह ASI (आर्कियोलॉजी सर्वे ऑफ इंडिया) की टीम भोजशाला पहुंच गई. वहीं, सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन के द्वारा भी कड़े इंतजाम किए गए हैं. 60 कैमरों की मदद से क्षेत्र की निगरानी की जाएगी. नियमानुसार आज जुम्मे की नमाज अदा की जाएगी, इस दौरान खुदाई का काम रोक दिया जाएगा.

पुराना है भोजशाला का विवाद

बता दें कि भोजशाला का विवाद कई वर्षों पुराना है. क्योंकि हिंदू धर्म के लोग इसे सरस्वती का मंदिर बताते हैं और पूजा अर्चना करते हैं. वहीं, मुस्लिम समाज इसे कमाल मोला की मस्जिद बताकर नमाज अदा करता है. बताया जाता है कि, अंग्रेजों के शासनकाल में भी भोजशाला को लेकर विवाद का मुद्दा उठा था. तब उस समय लाॅर्ड कर्जन धार और मांडू के दौरे पर आए थे और उन्होंने भोजशाला के रखरखाव के लिए 50 हजार रुपये खर्च करने की मंजूरी दी थी, तब सर्वे भी किया गया था. 1951 में धार भोजशाला को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया गया. उस समय जारी हुए नोटिफिकेशन में भोजशाला और कमाल मौला की मस्जिद का उल्लेख है.

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ज्ञानवापी की तर्ज पर होगा सर्वे

हाल ही में हिंदू संगठन के द्वारा लगाई गई याचिका में भोजशाला का सर्वे कराकर उचित निराकरण की मांग की गई थी. उसी क्रम में हाई कोर्ट के निर्देश के बाद शुक्रवार की अल सुबह धार की ऐतिहासिक भोजशाला में सर्वे करने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग का दल पहुंचा और टीम ने अंदर प्रवेश किया. हालांकि मीडिया को फिलहाल अंदर आने की इजाजत नहीं दी गई है.

धार भोजशाला पहुंची एएसआई की टीम

धार। मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध स्थलों में से एक धार जिले में स्थित भोजशाला के सर्वे के लिए एएसआई की टीम यहां खुदाई करने वाली है. इंदौर हाई कोर्ट के आदेश के बाद शुक्रवार की अल सुबह ASI (आर्कियोलॉजी सर्वे ऑफ इंडिया) की टीम भोजशाला पहुंच गई. वहीं, सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन के द्वारा भी कड़े इंतजाम किए गए हैं. 60 कैमरों की मदद से क्षेत्र की निगरानी की जाएगी. नियमानुसार आज जुम्मे की नमाज अदा की जाएगी, इस दौरान खुदाई का काम रोक दिया जाएगा.

पुराना है भोजशाला का विवाद

बता दें कि भोजशाला का विवाद कई वर्षों पुराना है. क्योंकि हिंदू धर्म के लोग इसे सरस्वती का मंदिर बताते हैं और पूजा अर्चना करते हैं. वहीं, मुस्लिम समाज इसे कमाल मोला की मस्जिद बताकर नमाज अदा करता है. बताया जाता है कि, अंग्रेजों के शासनकाल में भी भोजशाला को लेकर विवाद का मुद्दा उठा था. तब उस समय लाॅर्ड कर्जन धार और मांडू के दौरे पर आए थे और उन्होंने भोजशाला के रखरखाव के लिए 50 हजार रुपये खर्च करने की मंजूरी दी थी, तब सर्वे भी किया गया था. 1951 में धार भोजशाला को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया गया. उस समय जारी हुए नोटिफिकेशन में भोजशाला और कमाल मौला की मस्जिद का उल्लेख है.

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हाल ही में हिंदू संगठन के द्वारा लगाई गई याचिका में भोजशाला का सर्वे कराकर उचित निराकरण की मांग की गई थी. उसी क्रम में हाई कोर्ट के निर्देश के बाद शुक्रवार की अल सुबह धार की ऐतिहासिक भोजशाला में सर्वे करने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग का दल पहुंचा और टीम ने अंदर प्रवेश किया. हालांकि मीडिया को फिलहाल अंदर आने की इजाजत नहीं दी गई है.

Last Updated : Mar 22, 2024, 8:27 AM IST
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