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हरियाणा का वो विधानसभा चुनाव जब दिग्गज बंसीलाल और भजनलाल के खिलाफ लड़ गये देवीलाल, जानिए क्या हुआ - HARYANA ASSEMBLY ELECTION 2024

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Aug 29, 2024, 5:06 PM IST

Devi Lal Vs Bhajan Lal Vs Bansilal: हरियाणा के चुनावी इतिहास में कई दिलचस्प किस्से हैं. ऐसा ही एक किस्सा है हरियाणा के तीन दिग्गगज लालों, बंसीलाल, भजनलाल और देवीलाल के चुनावी मुकाबले का. जब बड़े किसान नेता देवीलाल ने उस समय हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे बंसीलाल और भजनलाल के खिलाफ एक साथ चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया. हरियाणा के दो दिग्गज लालों के खिलाफ देवीलाल का चुनाव लड़ना पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया था.

Devi Lal Vs Bhajan Lal Vs Bansilal
बंसीलाल और भजनलाल के खिलाफ चुनाव लड़े थे देवीलाल. (Photo- ETV Bharat)

चंडीगढ़: हरियाणा में विधानसभा चुनाव 2024 की रणभेरी बज चुकी है. हरियाणा में एक अक्टूबर को मतदान है और 4 अक्टूबर को नतीजे आयेंगे. सियासी समर के बीच एक बार फिर पुराने चुनावी किस्से भी याद किए जा रहे हैं. ऐसा ही एक दिलचस्प वाकया है हरियाणा विधानसभा चुनाव 1972 का. जब पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल उस समय के दिग्गज नेताओं मुख्यमंत्री रहे बंसीलाल और भजनलाल के खिलाफ लड़ गये. लेकिन जब नतीजा आये तो देवीलाल राजनीति से गायब हो गये और करीब एक डेढ़ा साल बाद वापस लौटे.

हरियाणा विधानसभा चुनाव 1972

ये किस्सा है सन 1972 का. समय से करीब एक साल पहले ही मुख्यमंत्री बंसीलाल (Bansi Lal) ने विधानसभा भंग कर दी और चुनाव करवाने का ऐलान कर दिया. करीब 2 साल पहले 1970 में देवीलाल कांग्रेस छोड़ चुके थे और पूरी तरह कांग्रेस विरोधी आंदोलनों का चेहरा बन चुके थे. वो उस समय के मुख्यमंत्री रहे दिग्गज नेता बंसीलाल से काफी नाराज चल रहे थे. इसी बीच जब 1972 चुनाव का ऐलान हुआ तो देवीलाल ने बंसीलाल और कांग्रेस के दूसरे दिग्गज नेता भजनलाल के खिलाफ उनके गढ़ में 2 सीटों से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया.

बंसीलाल और भजनलाल के खिलाफ चुनाव लड़े देवीलाल

देवीलाल ने बंसीलाल के खिलाफ भिवानी जिले की तोशाम और भजनलाल (Bhajan Lal) के खिलाफ हिसार की आदमपुर सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया. तोशाम सीट मुख्यमंत्री बंसीलाल और आदमपुर भजनलाल का गढ़ रही है. बंसीलाल उस समय हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे हैं. हरियाणा में इन दोनों नेताओं का उस दौर में सिक्का चलता था. इसीलिए उन्हें हराने के लिए देवीलाल ने उनके घर में उन्हें चुनौती देने पहुंच गये.

दोनों सीट से बुरी तरह हारे देवीलाल

हरियाणा विधानसभा चुनाव 1972 का ये किस्सा देशभर में काफी चर्चित हुआ. मुख्यमंत्री रहे बंसीलाल और कांग्रेस के दूसरे दिग्गज भजनलाल के खिलाफ चुनाव लड़ने के चलते देशभर में देवीलाल की काफी चर्चा हुई. लेकिन इस चुनाव में देवीलाल की दोनों सीटों पर बुरी तरह हार हुई. तोशाम सीट पर बंसीलाल के खिलाफ वो 10440 वोट से और आदमपुर में भजनलाल से वो 10961 मत से चुनाव हार गये. बताया जाता है कि इस हार से देवीलाल बेहद निराश हो गये और करीब एक साल तक वो राजनीति से दूर हो गये.

बंसीलाल से नाराजगी के बाद छोड़ी थी कांग्रेस

बंसीलाल 1968 में हरियाणा के मुख्यमंत्री बने थे. अपने मुख्यमंत्री काल में उन्होंने देवीलाल को हरियाणा खादी एवं ग्राम उद्योग बोर्ड का चेयरमैन बना दिया. लेकिन कुछ खटपट के बीच देवीलाल ने 1970 में ये पद छोड़ दिया और कांग्रेस पार्टी से भी इस्तीफा दे दिया. उसके बाद वो कांग्रेस के खिलाफ आंदोलनों में शामिल हो गये. हलांकि 2 साल बाद देवीलाल 1974 में रोड़ी सीट से पहली बार हरियाणा का विधायक बनने में सफल रहे.

ये भी पढ़ें- हरियाणा का सबसे हॉट मुकाबला, जब एक सीट पर आमने-सामने था बंसी लाल, देवी लाल और भजन लाल का परिवार

ये भी पढ़ें- भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने जब देवी लाल को लगातार 3 बार हराया, जीवन का आखिरी चुनाव महज 383 वोट से हारे ताऊ

ये भी पढ़ें- बंसीलाल परिवार 47 साल में पहली बार लोकसभा चुनाव के मैदान से बाहर, गढ़ में भी खत्म हुआ दबदबा

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हरियाणा विधानसभा चुनाव 1972

ये किस्सा है सन 1972 का. समय से करीब एक साल पहले ही मुख्यमंत्री बंसीलाल (Bansi Lal) ने विधानसभा भंग कर दी और चुनाव करवाने का ऐलान कर दिया. करीब 2 साल पहले 1970 में देवीलाल कांग्रेस छोड़ चुके थे और पूरी तरह कांग्रेस विरोधी आंदोलनों का चेहरा बन चुके थे. वो उस समय के मुख्यमंत्री रहे दिग्गज नेता बंसीलाल से काफी नाराज चल रहे थे. इसी बीच जब 1972 चुनाव का ऐलान हुआ तो देवीलाल ने बंसीलाल और कांग्रेस के दूसरे दिग्गज नेता भजनलाल के खिलाफ उनके गढ़ में 2 सीटों से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया.

बंसीलाल और भजनलाल के खिलाफ चुनाव लड़े देवीलाल

देवीलाल ने बंसीलाल के खिलाफ भिवानी जिले की तोशाम और भजनलाल (Bhajan Lal) के खिलाफ हिसार की आदमपुर सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया. तोशाम सीट मुख्यमंत्री बंसीलाल और आदमपुर भजनलाल का गढ़ रही है. बंसीलाल उस समय हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे हैं. हरियाणा में इन दोनों नेताओं का उस दौर में सिक्का चलता था. इसीलिए उन्हें हराने के लिए देवीलाल ने उनके घर में उन्हें चुनौती देने पहुंच गये.

दोनों सीट से बुरी तरह हारे देवीलाल

हरियाणा विधानसभा चुनाव 1972 का ये किस्सा देशभर में काफी चर्चित हुआ. मुख्यमंत्री रहे बंसीलाल और कांग्रेस के दूसरे दिग्गज भजनलाल के खिलाफ चुनाव लड़ने के चलते देशभर में देवीलाल की काफी चर्चा हुई. लेकिन इस चुनाव में देवीलाल की दोनों सीटों पर बुरी तरह हार हुई. तोशाम सीट पर बंसीलाल के खिलाफ वो 10440 वोट से और आदमपुर में भजनलाल से वो 10961 मत से चुनाव हार गये. बताया जाता है कि इस हार से देवीलाल बेहद निराश हो गये और करीब एक साल तक वो राजनीति से दूर हो गये.

बंसीलाल से नाराजगी के बाद छोड़ी थी कांग्रेस

बंसीलाल 1968 में हरियाणा के मुख्यमंत्री बने थे. अपने मुख्यमंत्री काल में उन्होंने देवीलाल को हरियाणा खादी एवं ग्राम उद्योग बोर्ड का चेयरमैन बना दिया. लेकिन कुछ खटपट के बीच देवीलाल ने 1970 में ये पद छोड़ दिया और कांग्रेस पार्टी से भी इस्तीफा दे दिया. उसके बाद वो कांग्रेस के खिलाफ आंदोलनों में शामिल हो गये. हलांकि 2 साल बाद देवीलाल 1974 में रोड़ी सीट से पहली बार हरियाणा का विधायक बनने में सफल रहे.

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