नई दिल्ली : पर्यटन मंत्रालय ने देश भर में पर्यटन क्षेत्र में रोजगार पैदा करने के लिए पर्यटक स्थलों और गंतव्यों के पास रहने वाले स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित करने, उन्नत करने और संवेदनशील बनाने के लिए विभिन्न स्थानों पर गंतव्य आधारित कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए हैं. उक्त जानकारी केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राज्यसभा में दी. मंत्री ने कहा कि इस पहल के तहत देश भर में 145 स्थानों पर लगभग 12,187 अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण दिया गया है.
एक लिखित जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में घरेलू पर्यटन के विकास के लिए मंत्रालय घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पर्यटन स्थलों और उत्पादों को बढ़ावा देता है. साथ ही आयोजनों और सोशल मीडिया सहित विभिन्न पहलों के माध्यम से विपणन और प्रचार किया जाता है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा मंत्रालय अपनी 'स्वदेश दर्शन' योजना के तहत राज्य, केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन और केंद्रीय एजेंसियों को मौजूदा स्थलों के साथ-साथ नए स्थलों के लिए पर्यटन अवसंरचना विकास के लिए धनराशि उपलब्ध कराता है. इससे पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ रोजगार सृजन में भी मदद मिलेगी.
मंत्री ने कहा कि नए गंतव्यों के विकास के लिए मंत्रालय ने स्वदेश दर्शन योजना को स्वदेश दर्शन 2.0 (एसडी 2.0) के रूप में नया रूप दिया है. इसका उद्देश्य गंतव्य और पर्यटन-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाते हुए टिकाऊ और जिम्मेदार पर्यटन स्थलों का विकास करना है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा मंत्रालय ने एसडी 2.0 के तहत एक उप-योजना के रूप में 'चुनौती आधारित गंतव्य विकास (सीबीडीडी)' तैयार की है. इसका उद्देश्य पर्यटकों के अनुभव को बढ़ाने के लिए गंतव्यों का समग्र विकास करना है.
शेखावत ने बताया कि 'स्वदेश दर्शन 2.0' योजनाओं के तहत विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्वीकृत परियोजनाओं और सीबीडीडी के तहत पहचाने गए स्थलों का राज्यवार विवरण दिया गया है. मंत्रालय ने 4 श्रेणियों के अंतर्गत 42 स्थलों की पहचान की है, इसमें संस्कृति एवं विरासत स्थल, आध्यात्मिक पर्यटन, पारिस्थितिकी पर्यटन और अमृत धरोहर स्थल तथा जीवंत गांव कार्यक्रम स्थल शामिल हैं. मंत्रालय ने वर्ष 2022-23 में उत्तराखंड के 'गुंजी में ग्रामीण पर्यटन क्लस्टर अनुभव' सहित 32.20 करोड़ रुपये की 29 परियोजनाओं को मंजूरी दी है. इसने स्वदेश दर्शन योजना की एक उप-योजना सीबीडीडी के लिए दिशानिर्देश भी जारी किए हैं और विकास के लिए योजना दिशा-निर्देशों में निर्धारित मापदंडों के आधार पर देश में कई स्थलों की पहचान की है, जिनमें वाइब्रेंट विलेज श्रेणी के तहत पांच स्थल शामिल हैं.
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