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अयोध्या में हार के बावजूद लल्लू सिंह के समर्थन में उतरे संत, बोले- उन्हें सरकार में मिले पद, वह हमेशा समर्पित रहे हैं - Ayodhya saints LALLU SINGH

लोकसभा चुनाव 2024 में फैजाबाद लोकसभा सीट पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद से कई दिनों तक अयोध्यावासियों का विरोध होता रहा. अब इस मामले में संत समाज ने अपनी मंशा जाहिर की है.

अयोध्या के संतों ने किया लल्लू सिंह का समर्थन.
अयोध्या के संतों ने किया लल्लू सिंह का समर्थन. (PHOTO Credit; Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 13, 2024, 6:46 AM IST

Updated : Jun 13, 2024, 7:35 AM IST

अयोध्या में संतों ने की बैठक. (VIDEO Credit; Etv Bharat)

अयोध्या : फैजाबाद लोकसभा सीट पर भाजपा की हार लगातार सुर्खियों में है. इसे लेकर अयोध्यावासियों की खूब आलोचना भी हुई. अब रामनगरी के संतों ने यहां से भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह की शिकस्त के बावजूद उन्हें सरकार में समायोजित करने की मांग उठाई है. उन्होंने इसे लेकर पीएम मोदी और सीएम योगी को पत्र भेजने की बात कही.

बुधवार को स्वर्गद्वार क्षेत्र स्थित जानकी कुंज में संतों की बैठक हुई. इसमें प्रशासनिक बंदिशों से त्रस्त आम जनता को राहत दिलाने, मठ-मंदिरों में व्यवस्थाएं बनाने में आ रही दिक्कतों के समाधान को लेकर चर्चा हुई. सभी की सहमति से तीन प्रमुख बिंदुओं पर मंथन कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजने का निर्णय लिया गया.

संतों का कहना है कि कार्यकर्ताओं में उत्साह की कमी और पदाधिकारियों में अति आत्मविश्वास के कारण इस सीट पर पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है. संतों का कहना है कि अयोध्या में चारों ओर तेजी से विकास हुआ है. भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह भले ही चुनाव हार गए हैं, लेकिन उन्हें सरकार में किसी ऐसे पद पर समायोजित किया जाए जिससे अयोध्या के लोगों के विचारों का सम्मान हो सके.

बैठक की अध्यक्षता कर रहे जानकी कुंज के महंत वीरेंद्र दास ने कहा कि अयोध्या हिंदुओं की आस्था का प्रमुख तीर्थ स्थल है. केंद्र की मोदी सरकार एवं प्रदेश की योगी सरकार ने अपने कार्यकाल में अयोध्या की महिमा एवं मर्यादा के अनुरूप इसे सजाने-संवारने का काम किया है. इसी बीच लोकसभा चुनाव के परिणाम ने सभी को चौंका दिया. सोशल मीडिया पर पूरे देश से प्रतिक्रियाएं आने लगीं. यह दुखद है.

लल्लू सिंह श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन के समय से ही अयोध्या के प्रति समर्पित रहे हैं. लंबे समय तक विधायक व प्रदेश सरकार में मंत्री, सांसद रहते हुए अयोध्या की मर्यादा के अनुरूप ही उनका आचरण रहा है. उन्होंने कहा कि भाजपा शीर्ष नेतृत्व किसी न किसी रूप में लल्लू सिंह को सरकार समाहित कर साधु-संत एवं राम भक्तों के विचारों का सम्मान करे.

बैठक का संचालन कर रहे महंत सत्येंद्र दास वेदांती ने कहा कि अयोध्यावासियों को अयोध्या से आने-जाने में प्रशासन द्वारा कई स्थानों पर अवरोध पैदा किया जाता है. ऐसे हाल में अफसरों को निर्देशित किया जाए कि आधार कार्ड देखकर वाहनों को आने-जाने की स्वीकृति दी जाए. अयोध्या नगर के अंदर गलियों में तोड़-फोड़ ठीक कराकर मलबे आदि हटवा दिए जाए, नहीं तो बारिश में आवागमन में कठिनाई होगी.

कल्पात्री जी महाराज ने कहा कि पथ निर्माण में प्रभावित दुकानदारों की समस्याओं पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर सहयोग प्रदान करे. बैठक में महंत बैदही बल्लभशरण, महंत अवध किशोरशरण हनुमत, महंत रामलोचन शरण नया मंदिर, महंत रामलखन शरण गहोई धर्मशाया, महंत रामदास बालाजी सेना ट्रस्ट, महंत सत्येन्द्र दास, महंत रामलखन शरण राम लला निवास, महंत अवधेश दास, महंत उद्धवशरण आदि थे.

यह भी पढ़ें : यूपी से बस 6 दिन दूर मानसून; इस बार गोरखपुर से एंट्री, हफ्तेभर में पूरे प्रदेश में छा जाएगा, जोरदार बारिश से आगाज

अयोध्या में संतों ने की बैठक. (VIDEO Credit; Etv Bharat)

अयोध्या : फैजाबाद लोकसभा सीट पर भाजपा की हार लगातार सुर्खियों में है. इसे लेकर अयोध्यावासियों की खूब आलोचना भी हुई. अब रामनगरी के संतों ने यहां से भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह की शिकस्त के बावजूद उन्हें सरकार में समायोजित करने की मांग उठाई है. उन्होंने इसे लेकर पीएम मोदी और सीएम योगी को पत्र भेजने की बात कही.

बुधवार को स्वर्गद्वार क्षेत्र स्थित जानकी कुंज में संतों की बैठक हुई. इसमें प्रशासनिक बंदिशों से त्रस्त आम जनता को राहत दिलाने, मठ-मंदिरों में व्यवस्थाएं बनाने में आ रही दिक्कतों के समाधान को लेकर चर्चा हुई. सभी की सहमति से तीन प्रमुख बिंदुओं पर मंथन कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजने का निर्णय लिया गया.

संतों का कहना है कि कार्यकर्ताओं में उत्साह की कमी और पदाधिकारियों में अति आत्मविश्वास के कारण इस सीट पर पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है. संतों का कहना है कि अयोध्या में चारों ओर तेजी से विकास हुआ है. भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह भले ही चुनाव हार गए हैं, लेकिन उन्हें सरकार में किसी ऐसे पद पर समायोजित किया जाए जिससे अयोध्या के लोगों के विचारों का सम्मान हो सके.

बैठक की अध्यक्षता कर रहे जानकी कुंज के महंत वीरेंद्र दास ने कहा कि अयोध्या हिंदुओं की आस्था का प्रमुख तीर्थ स्थल है. केंद्र की मोदी सरकार एवं प्रदेश की योगी सरकार ने अपने कार्यकाल में अयोध्या की महिमा एवं मर्यादा के अनुरूप इसे सजाने-संवारने का काम किया है. इसी बीच लोकसभा चुनाव के परिणाम ने सभी को चौंका दिया. सोशल मीडिया पर पूरे देश से प्रतिक्रियाएं आने लगीं. यह दुखद है.

लल्लू सिंह श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन के समय से ही अयोध्या के प्रति समर्पित रहे हैं. लंबे समय तक विधायक व प्रदेश सरकार में मंत्री, सांसद रहते हुए अयोध्या की मर्यादा के अनुरूप ही उनका आचरण रहा है. उन्होंने कहा कि भाजपा शीर्ष नेतृत्व किसी न किसी रूप में लल्लू सिंह को सरकार समाहित कर साधु-संत एवं राम भक्तों के विचारों का सम्मान करे.

बैठक का संचालन कर रहे महंत सत्येंद्र दास वेदांती ने कहा कि अयोध्यावासियों को अयोध्या से आने-जाने में प्रशासन द्वारा कई स्थानों पर अवरोध पैदा किया जाता है. ऐसे हाल में अफसरों को निर्देशित किया जाए कि आधार कार्ड देखकर वाहनों को आने-जाने की स्वीकृति दी जाए. अयोध्या नगर के अंदर गलियों में तोड़-फोड़ ठीक कराकर मलबे आदि हटवा दिए जाए, नहीं तो बारिश में आवागमन में कठिनाई होगी.

कल्पात्री जी महाराज ने कहा कि पथ निर्माण में प्रभावित दुकानदारों की समस्याओं पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर सहयोग प्रदान करे. बैठक में महंत बैदही बल्लभशरण, महंत अवध किशोरशरण हनुमत, महंत रामलोचन शरण नया मंदिर, महंत रामलखन शरण गहोई धर्मशाया, महंत रामदास बालाजी सेना ट्रस्ट, महंत सत्येन्द्र दास, महंत रामलखन शरण राम लला निवास, महंत अवधेश दास, महंत उद्धवशरण आदि थे.

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Last Updated : Jun 13, 2024, 7:35 AM IST
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