तिरुवनंतपुरम (केरल): तिरुवनंतपुरम लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ के उम्मीदवार शशि थरूर ने कहा कि मणिपुर में ईस्टर पर छुट्टी से इनकार करना 'अनुचित', 'आश्चर्यजनक' और 'चिंताजनक' है. उन्होंने केंद्र से हस्तक्षेप करने और मणिपुर सरकार को अपना निर्णय वापस लेने का आग्रह किया.
थरूर ने कहा कि 'प्रत्येक धार्मिक समूह की छुट्टियों का सम्मान किया जाना चाहिए. यह फैसला बेहद आश्चर्यजनक और चिंताजनक है. यह मणिपुर में एक विनाशकारी वर्ष के बाद आया है जिसमें हिंसा, कठिनाई और हत्याएं देखी गईं. जरूरत इस बात की होनी चाहिए कि चीजों को शांत रखा जाए और समुदाय के एक वर्ग को यह महसूस कराया जाए कि उनके साथ कोई भेदभाव नहीं किया गया है.'
थरूर ने कहा कि 'अब कोई ऐसा निर्णय लेना, चाहे इसका औचित्य कितना भी व्यावहारिक क्यों न हो, मणिपुर की लगभग 40 प्रतिशत आबादी की भावनाओं को ठेस पहुंचाता है, ये गंभीर चिंता का विषय है. भारत सरकार को हस्तक्षेप कर इस फैसले को वापस लेना चाहिए.'
यह कहते हुए कि मणिपुर सरकार का फैसला देश के लिए खतरनाक होगा, थरूर ने कहा कि अन्य राज्यों को यह संदेश दिया जा रहा है कि यहां लोगों की आस्था को महत्व नहीं दिया जाता है. उन्होंने कहा कि यह एक अस्वीकार्य निर्णय है, यह सिर्फ उनकी निजी राय नहीं है बल्कि इस मुद्दे पर उनकी पार्टी का रुख है.
थरूर ने यह भी आरोप लगाया कि केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन सीएए मुद्दे पर बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं. थरूर ने कहा कि 'यह एक समुदाय के वोटों को साधने का प्रयास है. यह कांग्रेस ही थी जिसने विधेयक पेश होने पर इसका विरोध करने का साहस किया.' थरूर ने मुख्यमंत्री से अपने आरोपों के समर्थन में सबूत पेश करने को कहा.