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बार काउंसिल के चेयरमैन मनन मिश्रा को राज्यसभा सदस्य के रूप में अयोग्य करने की मांग खारिज - RAJYA SABHA MP MANAN MISHRA

मनन मिश्रा को राज्यसभा सदस्य के रूप में अयोग्य करने की मांग खारिज. दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता पर 25 हजार का जुर्माना लगाया.

मनन मिश्रा को
राज्यसभा सांसद मनन मिश्रा. (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 9, 2024, 9:19 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के चेयरमैन और वरिष्ठ वकील मनन कुमार मिश्रा को राज्यसभा सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित करने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दिया. जस्टिस संजीव नरुला की बेंच ने याचिका खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.

हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने याचिका दायर कर कानूनी प्रक्रिया का दुरूपयोग किया है. कोर्ट ने कहा कि संसद से अयोग्यता के लिए संविधान ने उचित प्रावधान किया है. एक रिट याचिका में किसी संसद सदस्य को अयोग्य करार देने का आदेश कोर्ट कैसे दे सकता है. हाईकोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 102(1) के तहत केवल अनुमानों के आधार पर अयोग्यता अपने आप नहीं हो जाती है. संविधान के दायरे में इसकी पड़ताल होती है तब अयोग्यता होती है. इसके लिए चुनाव याचिका दायर करनी होती है.

कोर्ट ने कहा कि ये याचिका कानूनी प्रक्रिया का खुला दुरुपयोग है. ऐसे में याचिकाकर्ता पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाता है. याचिका वकील अमित कुमार दिवाकर ने दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि बीसीआई चेयरमैन का पद लाभ का पद है, ऐसे में मनन कुमार मिश्रा राज्यसभा के सदस्य नहीं हो सकते हैं. मिश्रा एक ही साथ बीसीआई के चेयरमैन और राज्यसभा का सदस्य नहीं हो सकते हैं, क्योंकि दोनों संवैधानिक पद हैं. बता दें, मनन कुमार मिश्रा हाल ही में बिहार से बीजेपी के राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुए हैं.

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के चेयरमैन और वरिष्ठ वकील मनन कुमार मिश्रा को राज्यसभा सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित करने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दिया. जस्टिस संजीव नरुला की बेंच ने याचिका खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.

हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने याचिका दायर कर कानूनी प्रक्रिया का दुरूपयोग किया है. कोर्ट ने कहा कि संसद से अयोग्यता के लिए संविधान ने उचित प्रावधान किया है. एक रिट याचिका में किसी संसद सदस्य को अयोग्य करार देने का आदेश कोर्ट कैसे दे सकता है. हाईकोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 102(1) के तहत केवल अनुमानों के आधार पर अयोग्यता अपने आप नहीं हो जाती है. संविधान के दायरे में इसकी पड़ताल होती है तब अयोग्यता होती है. इसके लिए चुनाव याचिका दायर करनी होती है.

कोर्ट ने कहा कि ये याचिका कानूनी प्रक्रिया का खुला दुरुपयोग है. ऐसे में याचिकाकर्ता पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाता है. याचिका वकील अमित कुमार दिवाकर ने दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि बीसीआई चेयरमैन का पद लाभ का पद है, ऐसे में मनन कुमार मिश्रा राज्यसभा के सदस्य नहीं हो सकते हैं. मिश्रा एक ही साथ बीसीआई के चेयरमैन और राज्यसभा का सदस्य नहीं हो सकते हैं, क्योंकि दोनों संवैधानिक पद हैं. बता दें, मनन कुमार मिश्रा हाल ही में बिहार से बीजेपी के राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुए हैं.

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