रांची: लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे से इस बार के नतीजे काफी बेहतर होने के बावजूद झारखंड कांग्रेस के अंदर इस बात पर नाराजगी बढ़ने लगी है कि कई मंत्री, विधायक और पार्टी के पदाधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में कांग्रेस, झामुमो, माले और राजद के प्रत्याशी को बढ़त नहीं दिला सके. कांग्रेस के पुराने कार्यकर्ताओं की मांग है कि जल्द ही प्रदेश स्तर पर बैठक बुलाकर संपन्न हुए लोकसभा चुनाव 2024 की विधानसभा वार समीक्षा की जाए.
जिस विधानसभा में भाजपा को मिली बढ़त, उस क्षेत्र की हो समीक्षाः प्रभात कुमार
रांची ग्रामीण कांग्रेस के पूर्व महासचिव और कई जिलों के प्रभारी रह चुके कांग्रेस नेता प्रभात कुमार कहते हैं कि सबसे पहले उन मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्र की समीक्षा होनी चाहिए जहां बड़े मार्जिन से भाजपा प्रत्याशियों को बढ़त मिली है. उन्होंने कहा कि समीक्षा बैठक के दौरान उनसे इसका जवाब-तलब होना चाहिए कि आखिर क्यों उनके विधानसभा क्षेत्र में जनता में इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार को नकार दिया, जबकि इस बार देश और राज्य की जनता महंगाई, बेरोजगारी,अग्निवीर जैसे मुद्दों की वजह से मोदी सरकार से नाराज थी.
प्रदेश प्रवक्ता ने भी अध्यक्ष से कर दी जल्द समीक्षा बैठक बुलाने की मांग
राज्य में सात लोकसभा सीट पर चुनाव लड़कर सिर्फ दो लोकसभा सीट पर ही जीत दर्ज कर पाने को लेकर झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ नेता और वर्तमान में प्रदेश प्रवक्ता जगदीश साहू कहते हैं कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से प्रदेश अध्यक्ष से शीघ्र समीक्षा बैठक बुलाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव प्रबंधन में कहां कमियां रह गई, क्यों हमारे वर्तमान मंत्री और विधायक अपने-अपने क्षेत्र में क्यों पिछड़ गए. उन कमियों को दूर कर 2024 के विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन किया जा सकता है.
कई दिग्गज लोकसभा चुनाव में अपने क्षेत्र में ही वोट पाने में पिछड़ गए
झारखंड में वर्ष 2024 के लोकसभा आम चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने सहयोगी दलों के साथ मिलकर सभी 14 लोकसभा सीट पर उम्मीदवार खड़ा किए थे. जिसमें 7 सीटों पर कांग्रेस, पांच लोकसभा सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा और एक-एक सीट पर राष्ट्रीय जनता दल और सीपीआई माले के उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे. चुनाव नतीजे के अनुसार झारखंड मुक्ति मोर्चा ने जहां पांच लोकसभा सीटों में से तीन सीटों पर जीत हासिल की, वहीं कांग्रेस सात लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़कर सिर्फ दो सीट पर ही जीत हासिल की थी.
आंकड़े बताते हैं कि कांग्रेस के कई मंत्री और विधायक अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में ही कांग्रेस या सहयोगी दलों के उम्मीदवारों को बढ़त दिलाने में नाकाम साबित हुए. इनमें राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, झरिया से विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह, हजारीबाग के बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद सहित कई पार्टी पदाधिकारी के नाम शामिल हैं. कई लोकसभा प्रत्याशी भी अपने घर यानी विधानसभा क्षेत्र में प्रतिद्वंदी से पिछड़ गए.
लोकसभा चुनाव नतीजे की जल्द समीक्षा होगी- झारखंड कांग्रेस
झारखंड प्रदेश कांग्रेस के अंदर से ही लोकसभा चुनाव में कई विधायकों, मंत्रियों और पार्टी पदाधिकारियों के गृह क्षेत्र में ही इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवारों के लचर प्रदर्शन के खिलाफ उठ रही आवाज और समीक्षा बैठक बुलाने की मांग पर झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि हर चुनाव के बाद राजनीतिक दल समीक्षा बैठक करती ही है. उन्होंने कहा कि झारखंड में भी जल्द कांग्रेस की समीक्षा बैठक होगी. उन्होंने कहा कि यह बैठक बूथ स्तर का होगा या विधानसभा स्तर पर होगा इसका फैसला पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष करेंगे.
उन्होंने कहा कि झारखंड कांग्रेस ने 2024 लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन किया है. बावजूद इसके जो भी कमियां रह गई हैं उसे दूर की जाएगी, ताकि इसी वर्ष के अंत में होने वाले झारखंड विधानसभा चुनाव में पार्टी सर्वोत्तम प्रदर्शन कर सके.
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