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"पानी की मांग वाली याचिका में खामियां, दूर नहीं किया तो खारिज कर देंगे" सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को लगाई फटकार - Delhi Water Crisis

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jun 10, 2024, 11:14 AM IST

Updated : Jun 10, 2024, 2:06 PM IST

Delhi Water Crisis: दिल्ली में चल रहे जल संकट पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की, हालांकि इसमें कोर्ट ने दिल्ली सरकार को ही फटकार लगाई. दरअसल, कोर्ट ने पानी की मांग वाली याचिका में खामियों का जिक्र करते हुए इसे ठीक करने के लिए कहा. बता दें कि अदालत ने 6 जून को हुई सुनवाई में हिमाचल प्रदेश को 137 क्यूसेक पानी छोड़ने का निर्देश दिया था.

दिल्ली जल संकट पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
दिल्ली जल संकट पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई (Source: ETV BHARAT)

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को याचिका में खामियों को दूर करने की बात कहते हुए दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है. इसमें राजधानी में चल रहे जल संकट को खत्म करने के लिए हिमाचल प्रदेश द्वारा प्रदान किए गए बचे पानी को जारी करने के लिए हरियाणा को निर्देश देने की मांग की गई थी.

शीर्ष अदालत ने कहा कि वह अखबारों की रिपोर्टों के आधार पर आदेश पारित नहीं कर सकती, साथ ही दिल्ली सरकार को चेतावनी दी कि अगर खामियां दूर नहीं की गईं तो वह उसकी याचिका खारिज कर देगी.

हरियाणा सरकार की ओर से वकील श्याम दीवान ने न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति पीबी वराले की पीठ के समक्ष दलील दी कि दिल्ली सरकार ने अपनी याचिका से खामियां नहीं हटाई हैं और राज्य सरकार हलफनामा और स्थिति रिपोर्ट ई-फाइल नहीं कर सकती है.

क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ''हम इस याचिका को खारिज कर देंगे...पिछली तारीख को इस बारे में बताया गया था और आपने खामियां दूर नहीं कीं. अदालती कार्यवाही को हल्के में न लें... आपका मामला महत्वपूर्ण हो सकता है, अदालत में बयान दिया गया था कि खामियां दूर कर दी जाएंगी और आपने (खामियां) दूर नहीं की हैं. हम सीधे तौर पर इस याचिका को खारिज कर देंगे.' हमें कभी भी हल्के में न लें.” दिल्ली सरकार के वकील ने पीठ के समक्ष माफी मांगी.

इससे पहले 6 जून को हुई सुनवाई में देश की सर्वोच्च अदालत ने हिमाचल प्रदेश को 137 क्यूसेक अतिरिक्त पानी दिल्ली के लिए छोड़ने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक 7 जून को ये पानी दिल्ली के लिए छोड़ा जाना था औ मामले में अगली सुनवाई के लिए 10 जून की तारीख रखी गई थी.

दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने 31 मई को सुप्रीम कोर्ट में बताया था कि दिल्ली में भीषण गर्मी के कारण दिल्ली में पानी की जरूरतें बढ़ गई है. सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार ने बताया कि हिमाचल सरकार के पास 137 क्यूसेक अतिरिक्त पीने का पानी है. जिसके बाद आम आदमी पार्टी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई कि ये पानी हरियाणा द्वारा दिल्ली आने दिया जाए. जिसके बाद अदालत ने हिमाचल प्रदेश को आदेश दिया था, चूंकि हिमाचल प्रदेश के पास अतिरिक्त पानी है और उन्हें पानी छोड़ने में कोई आपत्ति नहीं है इसलिए पानी छोड़ा जाए.

कोर्ट ने 10 जून का रखा था समय
6 जून को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली सरकार इस बात का ध्यान रखें कि किसी भी तरह की पानी की बर्बादी नहीं हो. वहीं कोर्ट ने सभी पक्षों को रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 10 जून यानी आज का समय दिया है. इसके साथ ही अदालत ने इस मामले पर राजनीति न करने की भी सलाह दी थी.

आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया
वहीं दिल्ली की AAP सरकार ने हरियाणा की बीजेपी सरकार पर आरोप लगाया है कि हिमाचल की ओर से आने वाले पानी को रोक रही है. वहीं AAP का ये भी आरोप है कि हिमाचल की ओर से पानी रिलीज नहीं किया गया है. आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने प्रेस कॉन्फ्रेस कर कहा कि दिल्ली में आने वाले 1050 क्यूसेक आने वाले पानी में 200 क्यूसेक पानी हरियाणा ने कम कर दिया है.

ये भी पढ़ें- दिल्ली में जल्द खत्म होगा जलसंकट, SC ने हिमाचल सरकार को 137 क्यूसेक पानी छोड़ने का दिया निर्देश

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को याचिका में खामियों को दूर करने की बात कहते हुए दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है. इसमें राजधानी में चल रहे जल संकट को खत्म करने के लिए हिमाचल प्रदेश द्वारा प्रदान किए गए बचे पानी को जारी करने के लिए हरियाणा को निर्देश देने की मांग की गई थी.

शीर्ष अदालत ने कहा कि वह अखबारों की रिपोर्टों के आधार पर आदेश पारित नहीं कर सकती, साथ ही दिल्ली सरकार को चेतावनी दी कि अगर खामियां दूर नहीं की गईं तो वह उसकी याचिका खारिज कर देगी.

हरियाणा सरकार की ओर से वकील श्याम दीवान ने न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति पीबी वराले की पीठ के समक्ष दलील दी कि दिल्ली सरकार ने अपनी याचिका से खामियां नहीं हटाई हैं और राज्य सरकार हलफनामा और स्थिति रिपोर्ट ई-फाइल नहीं कर सकती है.

क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ''हम इस याचिका को खारिज कर देंगे...पिछली तारीख को इस बारे में बताया गया था और आपने खामियां दूर नहीं कीं. अदालती कार्यवाही को हल्के में न लें... आपका मामला महत्वपूर्ण हो सकता है, अदालत में बयान दिया गया था कि खामियां दूर कर दी जाएंगी और आपने (खामियां) दूर नहीं की हैं. हम सीधे तौर पर इस याचिका को खारिज कर देंगे.' हमें कभी भी हल्के में न लें.” दिल्ली सरकार के वकील ने पीठ के समक्ष माफी मांगी.

इससे पहले 6 जून को हुई सुनवाई में देश की सर्वोच्च अदालत ने हिमाचल प्रदेश को 137 क्यूसेक अतिरिक्त पानी दिल्ली के लिए छोड़ने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक 7 जून को ये पानी दिल्ली के लिए छोड़ा जाना था औ मामले में अगली सुनवाई के लिए 10 जून की तारीख रखी गई थी.

दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने 31 मई को सुप्रीम कोर्ट में बताया था कि दिल्ली में भीषण गर्मी के कारण दिल्ली में पानी की जरूरतें बढ़ गई है. सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार ने बताया कि हिमाचल सरकार के पास 137 क्यूसेक अतिरिक्त पीने का पानी है. जिसके बाद आम आदमी पार्टी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई कि ये पानी हरियाणा द्वारा दिल्ली आने दिया जाए. जिसके बाद अदालत ने हिमाचल प्रदेश को आदेश दिया था, चूंकि हिमाचल प्रदेश के पास अतिरिक्त पानी है और उन्हें पानी छोड़ने में कोई आपत्ति नहीं है इसलिए पानी छोड़ा जाए.

कोर्ट ने 10 जून का रखा था समय
6 जून को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली सरकार इस बात का ध्यान रखें कि किसी भी तरह की पानी की बर्बादी नहीं हो. वहीं कोर्ट ने सभी पक्षों को रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 10 जून यानी आज का समय दिया है. इसके साथ ही अदालत ने इस मामले पर राजनीति न करने की भी सलाह दी थी.

आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया
वहीं दिल्ली की AAP सरकार ने हरियाणा की बीजेपी सरकार पर आरोप लगाया है कि हिमाचल की ओर से आने वाले पानी को रोक रही है. वहीं AAP का ये भी आरोप है कि हिमाचल की ओर से पानी रिलीज नहीं किया गया है. आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने प्रेस कॉन्फ्रेस कर कहा कि दिल्ली में आने वाले 1050 क्यूसेक आने वाले पानी में 200 क्यूसेक पानी हरियाणा ने कम कर दिया है.

ये भी पढ़ें- दिल्ली में जल्द खत्म होगा जलसंकट, SC ने हिमाचल सरकार को 137 क्यूसेक पानी छोड़ने का दिया निर्देश

Last Updated : Jun 10, 2024, 2:06 PM IST
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