ETV Bharat / bharat

सावधान! द‍िल्‍ली-NCR में नकली नोटों की सप्‍लाई, नेपाल-बांग्‍लादेश के रास्‍ते पाक से आ रहे नोट; इंटरनेशनल रैकेट का पर्दाफाश - Fake Currency Racket - FAKE CURRENCY RACKET

स्पेशल सेल को सूचना मिली थी कि 6 जुलाई को इंटरनेशनल रैकेट का एक खास मेंबर राम प्रवेश राय फेक करेंसी की एक बड़ी खेप की सप्लाई के लिए आनंद विहार रेल टर्मिनल एरिया में आएगा. इसके बाद तुरंत एक छापामारी टीम एसीपी साउथ वेस्टर्न रेंज संजय दत्त के सुपरविजन में इंस्पेक्टर नीरज कुमार के नेतृत्व में गठित की गई.

द‍िल्‍ली NCR में हो रही नकली नोटों की सप्‍लाई
द‍िल्‍ली NCR में हो रही नकली नोटों की सप्‍लाई (ETV bharat)
author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 21, 2024, 2:20 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के साउथ वेस्टर्न रेंज की टीम ने दो आरोपियों को दबोचा है जो कि इंटरनेशनल फेक इंडियन करेंसी नोट (FICN) रैकेट के मेंबर हैं. स्पेशल सेल ने इन दोनों आरोपियों के पास से ₹500 मूल्य के 582 नकली नोट बरामद किए हैं जोकि पड़ोसी देशों से बिहार और फिर दिल्ली में तस्करी किए जा रहे थे. गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों की पहचान राम प्रवेश राय (48) और अली असगर (48) के रूप में की गई है. दोनों आरोपी मूल रूप से बिहार के अलग-अलग जिलों के रहने वाले हैं. यह फेक करंसी पाक‍िस्‍तान से नेपाल और बांग्‍लादेश के रास्‍ते भारत के अलग-अलग राज्‍यों में सप्‍लाई की जा रही थी.

स्पेशल सेल के पुलिस उपायुक्त मनोज सी के मुताबिक, दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में फेक करंसी सर्कुलेट करने के संबंध में एंटी नेशनल एलिमेंट्स के खिलाफ पुल‍िस टीम को इनपुट्स मिले थे. इस इनुपट्स पर जानकारी को और पुख्ता करने का काम किया गया. इंस्पेक्टर मनिंदर सिंह, इंस्पेक्टर नीरज कुमार और इंस्पेक्टर संदीप यादव के नेतृत्व में टीम ने खुफिया सूत्रों से और जानकारी एकत्र की और सिंडिकेट के मेंबरों की गतिविधियों पर पैनी नजर रखी. इसके बाद टीम को जानकारी मिली कि फेक इंडियन करंसी नोट को नेपाल रक्सौल सीमा से भारत में सप्लाई किया जा रहा है.

टीम को खास सूचना मिली थी कि 6 जुलाई को इंटरनेशनल रैकेट का एक खास मेंबर राम प्रवेश राय फेक करेंसी की एक बड़ी खेप की सप्लाई के लिए आनंद विहार रेल टर्मिनल एरिया में आएगा. इसके बाद तुरंत एक छापामारी टीम एसीपी साउथ वेस्टर्न रेंज संजय दत्त के सुपरविजन में इंस्पेक्टर नीरज कुमार के नेतृत्व में गठित की गई.

टीम ने तुरंत आनंद विहार रेल टर्मिनल के पास स्थित फुटओवर ब्रिज के पास पूरा जाल बिछाया और मुखब‍िरों के कहने पर रात्रि करीब 8:15 बजे एक शख्स को पकड़ने में कामयाबी म‍िली जिसकी पहचान राम प्रवेश राय के रूप में की गई जोक‍ि बिहार के शिवहर जिला के गांव भोड‍िया का रहने वाला है. उसके कब्जे से ₹500 मूल्य के 2.89 लाख रुपए की फेक करंसी के 578 नोट बरामद किए गए. इसके खिलाफ स्पेशल सेल थाना पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 179/180 के तहत मामला दर्ज कर ग‍िरफ्तार कर ल‍िया.

एक आरोपी करता है ठेकदारी-प्‍लंबर का काम
आरोपी राम प्रवेश राय से गहन पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वह लोनी और खासकर दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में ठेकेदारी और प्लंबर का काम करता है और पिछले 3 सालों से फेक करेंसी की खरीद और सप्लाई में संलिप्त है. ठेकेदारी और प्‍लंबर के काम में ज्यादा मुनाफा नहीं होने और जल्दी पैसा कमाने के लिए उसने अपने सहयोगी अली असगर के साथ फेक इंडियन करंसी नोट की तस्करी का गोरखधंधा शुरू कर द‍िया.

राम प्रवेश की मुलाकात असगर से मुजफ्फरपुर में उसके गांव में हुई थी. रामप्रवेश राय की निशानदेही पर अली असगर के ठिकानों की भी पहचान की गई और 12 जुलाई को अली असगर को मुजफ्फरपुर बिहार से गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस रिमांड के दौरान अली असगर के ठ‍िकानों से ₹500 के फेक करेंसी के चार नोट बरामद किए गए हैं.

रैकेट का फरार सरगना आस‍िफ चला रहा है यह गोरखधंधा
पूछताछ के दौरान अली असगर ने खुलासा किया कि आसिफ इस रैकेट का सरगना है. आसिफ नेपाल सीमा से फेक करंसी की तस्करी करता है और वह आदतन अपराधी है. उसे पहले भी स्पेशल सेल ने फेक करंसी के मामले में गिरफ्तार किया था और वह फरार चल रहा है. उसका पता लगाने की कोशिश में भी पुलिस टीम जुटी हुई हैं. अली असगर पर साल 2009 में बिहार में फेक करेंसी नोट मामले में पहले से मामला दर्ज है.

सीमा से हो रही नकली करंसी की एंट्री
आरोपी अली असगर ने यह भी खुलासा किया है कि आसिफ एक अन्य शख्स अंसारी के साथ मिलकर भारत-नेपाल या भारत-बांग्लादेश बॉर्डर सीमा को पार करके नेपाल या बांग्लादेश के रास्ते पाकिस्तान से फेक करंसी खरीदता है. आसिफ के खिलाफ पहले से तीन पुराने अपराधिक मामले भी दर्ज पाए गए हैं. एक मामले में स्पेशल सेल ने उसको 2017 के मामले में भगोड़ा भी घोषित किया हुआ है. आरोपियों के पास से नकली करेंसी के अलावा 5 मोबाइल फोन भी बरामद किए हैं.

ये भी पढ़ें: घर में छाप रहा था नकली नोट, क्वालिटी देख पुलिस रह गई हैरान और फिर...

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के साउथ वेस्टर्न रेंज की टीम ने दो आरोपियों को दबोचा है जो कि इंटरनेशनल फेक इंडियन करेंसी नोट (FICN) रैकेट के मेंबर हैं. स्पेशल सेल ने इन दोनों आरोपियों के पास से ₹500 मूल्य के 582 नकली नोट बरामद किए हैं जोकि पड़ोसी देशों से बिहार और फिर दिल्ली में तस्करी किए जा रहे थे. गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों की पहचान राम प्रवेश राय (48) और अली असगर (48) के रूप में की गई है. दोनों आरोपी मूल रूप से बिहार के अलग-अलग जिलों के रहने वाले हैं. यह फेक करंसी पाक‍िस्‍तान से नेपाल और बांग्‍लादेश के रास्‍ते भारत के अलग-अलग राज्‍यों में सप्‍लाई की जा रही थी.

स्पेशल सेल के पुलिस उपायुक्त मनोज सी के मुताबिक, दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में फेक करंसी सर्कुलेट करने के संबंध में एंटी नेशनल एलिमेंट्स के खिलाफ पुल‍िस टीम को इनपुट्स मिले थे. इस इनुपट्स पर जानकारी को और पुख्ता करने का काम किया गया. इंस्पेक्टर मनिंदर सिंह, इंस्पेक्टर नीरज कुमार और इंस्पेक्टर संदीप यादव के नेतृत्व में टीम ने खुफिया सूत्रों से और जानकारी एकत्र की और सिंडिकेट के मेंबरों की गतिविधियों पर पैनी नजर रखी. इसके बाद टीम को जानकारी मिली कि फेक इंडियन करंसी नोट को नेपाल रक्सौल सीमा से भारत में सप्लाई किया जा रहा है.

टीम को खास सूचना मिली थी कि 6 जुलाई को इंटरनेशनल रैकेट का एक खास मेंबर राम प्रवेश राय फेक करेंसी की एक बड़ी खेप की सप्लाई के लिए आनंद विहार रेल टर्मिनल एरिया में आएगा. इसके बाद तुरंत एक छापामारी टीम एसीपी साउथ वेस्टर्न रेंज संजय दत्त के सुपरविजन में इंस्पेक्टर नीरज कुमार के नेतृत्व में गठित की गई.

टीम ने तुरंत आनंद विहार रेल टर्मिनल के पास स्थित फुटओवर ब्रिज के पास पूरा जाल बिछाया और मुखब‍िरों के कहने पर रात्रि करीब 8:15 बजे एक शख्स को पकड़ने में कामयाबी म‍िली जिसकी पहचान राम प्रवेश राय के रूप में की गई जोक‍ि बिहार के शिवहर जिला के गांव भोड‍िया का रहने वाला है. उसके कब्जे से ₹500 मूल्य के 2.89 लाख रुपए की फेक करंसी के 578 नोट बरामद किए गए. इसके खिलाफ स्पेशल सेल थाना पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 179/180 के तहत मामला दर्ज कर ग‍िरफ्तार कर ल‍िया.

एक आरोपी करता है ठेकदारी-प्‍लंबर का काम
आरोपी राम प्रवेश राय से गहन पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वह लोनी और खासकर दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में ठेकेदारी और प्लंबर का काम करता है और पिछले 3 सालों से फेक करेंसी की खरीद और सप्लाई में संलिप्त है. ठेकेदारी और प्‍लंबर के काम में ज्यादा मुनाफा नहीं होने और जल्दी पैसा कमाने के लिए उसने अपने सहयोगी अली असगर के साथ फेक इंडियन करंसी नोट की तस्करी का गोरखधंधा शुरू कर द‍िया.

राम प्रवेश की मुलाकात असगर से मुजफ्फरपुर में उसके गांव में हुई थी. रामप्रवेश राय की निशानदेही पर अली असगर के ठिकानों की भी पहचान की गई और 12 जुलाई को अली असगर को मुजफ्फरपुर बिहार से गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस रिमांड के दौरान अली असगर के ठ‍िकानों से ₹500 के फेक करेंसी के चार नोट बरामद किए गए हैं.

रैकेट का फरार सरगना आस‍िफ चला रहा है यह गोरखधंधा
पूछताछ के दौरान अली असगर ने खुलासा किया कि आसिफ इस रैकेट का सरगना है. आसिफ नेपाल सीमा से फेक करंसी की तस्करी करता है और वह आदतन अपराधी है. उसे पहले भी स्पेशल सेल ने फेक करंसी के मामले में गिरफ्तार किया था और वह फरार चल रहा है. उसका पता लगाने की कोशिश में भी पुलिस टीम जुटी हुई हैं. अली असगर पर साल 2009 में बिहार में फेक करेंसी नोट मामले में पहले से मामला दर्ज है.

सीमा से हो रही नकली करंसी की एंट्री
आरोपी अली असगर ने यह भी खुलासा किया है कि आसिफ एक अन्य शख्स अंसारी के साथ मिलकर भारत-नेपाल या भारत-बांग्लादेश बॉर्डर सीमा को पार करके नेपाल या बांग्लादेश के रास्ते पाकिस्तान से फेक करंसी खरीदता है. आसिफ के खिलाफ पहले से तीन पुराने अपराधिक मामले भी दर्ज पाए गए हैं. एक मामले में स्पेशल सेल ने उसको 2017 के मामले में भगोड़ा भी घोषित किया हुआ है. आरोपियों के पास से नकली करेंसी के अलावा 5 मोबाइल फोन भी बरामद किए हैं.

ये भी पढ़ें: घर में छाप रहा था नकली नोट, क्वालिटी देख पुलिस रह गई हैरान और फिर...

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.