नई दिल्लीः उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक सात पेज का पत्र लिखकर जल योजना को लेकर उन पर लगाए जा रहे आरोपों को झूठा बताया है. साथ ही कड़ी आपत्ति जताते हुए लिखा है कि जल, वित्त और शहरी विकास योजना से संबंधित सभी विभाग पूरी तरह से मुख्यमंत्री के नियंत्रण में हैं. उपराज्यपाल की इसमें कोई भूमिका नहीं है. वहीं, उपराज्यपाल के पत्र की भाषा पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने निराशा व्यक्त की है. मुख्यमंत्री ने उपराज्यपाल से जनहित की योजनाओं को बनाए रखने और प्रशासनिक व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई का आग्रह किया है.
एलजी ने आगे लिखा है कि मैं देख रहा हूं कि पिछले कुछ दिनों से आप और आपके मंत्री मुझ पर पानी योजना को रोकने का आरोप लगाकर झूठ फैला रहे हैं. जबकि, यह योजना अभी कागजों पर भी नहीं उतारी गई है. इस योजना को एलजी द्वारा रोके जाने को लेकर दिया गया आपका बयान सफेद झूठ है. यह आरोप लगाकर भाग जाने का एक उदाहरण है, जिसमें आपको महारथ हासिल है. इसी से आपने अपना करियर बनाया है.
आपने दिल्ली के लिए कुछ नहीं कियाः उन्होंने कहा है, 'आप और आपकी सरकार ने दिल्ली के विकास के लिए कोई भी ठोस काम नहीं किया है. 2013 से आप केंद्र सरकार, एलजी, कांग्रेस पार्टी, भाजपा और नौकरशाहों पर कामों को रोकने का आरोप मढ़ते आ रहे हैं.' उल्लेखनीय है कि केजरीवाल ने कुछ दिन पहले ही यह बयान दिया था हम कोरोना काल में आए पानी के बढ़े हुए बिलों को माफ करने के लिए एकमुश्त भुगतान योजना लाना चाहते हैं. लेकिन, भाजपा ने एलजी से कहकर इस योजना को रुकवा दिया है.
CM ने LG को दिया जवाबः केजरीवाल ने एलजी विनय कुमार सक्सेना को जवाबी पत्र लिख सवाल किया- क्या अधिकारी एलजी के निर्देशों पर दिल्ली की चुनी हुई सरकार की अवहेलना कर रहे हैं? उन्होंने कहा है कि 'सेवाएं' और सतर्कता' आपके नियंत्रण में है. जब आप कार्रवाई नहीं करते हैं, तो मेरे मन में संदेह पैदा होता है कि क्या ये अधिकारी आपके निर्देशों के तहत काम कर रहे हैं. यह सोचने पर मजबूर हूं कि क्या आम आदमी पार्टी को बदनाम करने और केंद्र सरकार में सत्तासीन बीजेपी के हितों को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली सरकार का काम ठप किया जा रहा है, जिसने आपको नियुक्त किया है.
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स्पीकर से हटवाएं बयानः एलजी ने यह भी लिखा है कि विधानसभा ने 19 फरवरी को एक प्रस्ताव को अपनाया, जिसमें यह लिखा था कि भाजपा एलजी पर सीधा नियंत्रण चाहती है. यह पूरी तरह अस्वीकार है. यह बहुत ही गैरजिम्मेदाराना है. जिन सदस्यों ने भी इस मुद्दे को उठाया. यह बयान सिर्फ मर्यादाओं को ही नहीं तोड़ता है बल्कि संवैधानिक प्रावधानों के तहत स्थापित एलजी के एक संवैधानिक कार्यालय को भी गंदे राजनीतिक खेल में घसीटता है. मैं आपको सलाह देता हूं कि विधानसभा अध्यक्ष तक यह बात पहुंचाएं कि ये चीजें विधानसभा की कार्यवाही से तुरंत निकाल दी जाएं.