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केजरीवाल को नहीं मिली जमानत, हाईकोर्ट ने कहा- बेल देते समय ट्रायल कोर्ट ने विवेक का इस्तेमाल नहीं किया - CM Arvind Kejriwal bail order

दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिग मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल को ट्रायल कोर्ट से मिली जमानत के आदेश पर दिल्ली हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है.

सीएम अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jun 25, 2024, 3:10 PM IST

Updated : Jun 25, 2024, 3:41 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अभी जेल में ही रहना होगा. दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में केजरीवाल को ट्रायल कोर्ट से मिली जमानत के आदेश पर रोक लगा दी है. जस्टिस सुधीर कुमार जैन की वेकेशन बेंच ने ये फैसला सुनाते हुए कहा कि कि ट्रायल कोर्ट का आदेश सही नहीं है. उसे सभी दस्तावेजों पर गौर करना चाहिए था. कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट को ED को दलीलें रखने का पर्याप्त मौका देना चाहिए था.

हाईकोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिग एक्ट की धारा 45 की दो शर्तों का पालन नहीं किया है. ट्रायल कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के पहले के आदेशों को सही ढंग से नहीं लिया. हाईकोर्ट ने कहा कि केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट की ओर से मिली अंतरिम जमानत याचिका चुनाव प्रचार के लिए दी गई थी. ऐसे मे उस आदेश का हवाला व्यक्तिगत स्वतंत्रता के लिए नहीं दिया जा सकता है.

हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी

  1. निचली अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल को जमानत देते समय विवेक का इस्तेमाल नहीं किया.
  2. निचली अदालत के न्यायाधीश को जमानत याचिका पर फैसला करते समय ED को पर्याप्त अवसर देना चाहिए था.
  3. ट्रायल कोर्ट ने केजरीवाल के खिलाफ ED की ओर से पेश सामग्री की सराहना नहीं की.

ये भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट से केजरीवाल को नहीं मिली राहत, याचिका पर 26 जून को होगी सुनवाई

जमानत पर रोक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी AAP: आम आदमी पार्टी ने कहा कि वह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को निचली अदालत द्वारा दी गई जमानत पर रोक लगाने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश से असहमत है और इसे सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देगी. बेल के आदेश को इस तरह से रोका नहीं जा सकता कल सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है.

हाईकोर्ट ने इस मामले में 21 जून को फैसला सुरक्षित रख लिया था. सुनवाई के दौरान ED ने कहा था कि ट्रायल कोर्ट का पूरा आदेश ही गलत है. ED के मुताबिक ट्रायल कोर्ट ने उसकी दलीलों और साक्ष्यों पर बिल्कुल भी गौर नहीं किया और न ही कानून के मुताबिक फैसला दिया. ED ने कहा था कि अरविंद केजरीवाल के खिलाफ 2023 के बाद के जुटाए गए साक्ष्यों पर ध्यान दिए बगैर फैसला कर दिया गया. ED ने कहा था कि ट्रायल कोर्ट ने गोवा के आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं और आम आदमी पार्टी के पदाधिकारियों के बयानों को अनदेखा करते हुए केजरीवाल को जमानत देने का आदेश दिया.

ED ने कहा था कि ट्रायल कोर्ट में सुनवाई के दौरान उसे जमानत का विरोध करने के लिए पर्याप्त अवसर नहीं देकर मनी लॉन्ड्रिग एक्ट की धारा 45 के एक शर्त का उल्लंघन किया गया है. बता दें कि 24 जून को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की ओर से जमानत पर अंतरिम रोक लगाने के आदेश के खिलाफ केजरीवाल की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई टाल दिया था.

ये भी पढ़ें: जेल में ही रहेंगे CM केजरीवाल, हाईकोर्ट ने जमानत देने के ट्रायल कोर्ट के आदेश पर लगाई रोक

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अभी जेल में ही रहना होगा. दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में केजरीवाल को ट्रायल कोर्ट से मिली जमानत के आदेश पर रोक लगा दी है. जस्टिस सुधीर कुमार जैन की वेकेशन बेंच ने ये फैसला सुनाते हुए कहा कि कि ट्रायल कोर्ट का आदेश सही नहीं है. उसे सभी दस्तावेजों पर गौर करना चाहिए था. कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट को ED को दलीलें रखने का पर्याप्त मौका देना चाहिए था.

हाईकोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिग एक्ट की धारा 45 की दो शर्तों का पालन नहीं किया है. ट्रायल कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के पहले के आदेशों को सही ढंग से नहीं लिया. हाईकोर्ट ने कहा कि केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट की ओर से मिली अंतरिम जमानत याचिका चुनाव प्रचार के लिए दी गई थी. ऐसे मे उस आदेश का हवाला व्यक्तिगत स्वतंत्रता के लिए नहीं दिया जा सकता है.

हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी

  1. निचली अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल को जमानत देते समय विवेक का इस्तेमाल नहीं किया.
  2. निचली अदालत के न्यायाधीश को जमानत याचिका पर फैसला करते समय ED को पर्याप्त अवसर देना चाहिए था.
  3. ट्रायल कोर्ट ने केजरीवाल के खिलाफ ED की ओर से पेश सामग्री की सराहना नहीं की.

ये भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट से केजरीवाल को नहीं मिली राहत, याचिका पर 26 जून को होगी सुनवाई

जमानत पर रोक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी AAP: आम आदमी पार्टी ने कहा कि वह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को निचली अदालत द्वारा दी गई जमानत पर रोक लगाने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश से असहमत है और इसे सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देगी. बेल के आदेश को इस तरह से रोका नहीं जा सकता कल सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है.

हाईकोर्ट ने इस मामले में 21 जून को फैसला सुरक्षित रख लिया था. सुनवाई के दौरान ED ने कहा था कि ट्रायल कोर्ट का पूरा आदेश ही गलत है. ED के मुताबिक ट्रायल कोर्ट ने उसकी दलीलों और साक्ष्यों पर बिल्कुल भी गौर नहीं किया और न ही कानून के मुताबिक फैसला दिया. ED ने कहा था कि अरविंद केजरीवाल के खिलाफ 2023 के बाद के जुटाए गए साक्ष्यों पर ध्यान दिए बगैर फैसला कर दिया गया. ED ने कहा था कि ट्रायल कोर्ट ने गोवा के आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं और आम आदमी पार्टी के पदाधिकारियों के बयानों को अनदेखा करते हुए केजरीवाल को जमानत देने का आदेश दिया.

ED ने कहा था कि ट्रायल कोर्ट में सुनवाई के दौरान उसे जमानत का विरोध करने के लिए पर्याप्त अवसर नहीं देकर मनी लॉन्ड्रिग एक्ट की धारा 45 के एक शर्त का उल्लंघन किया गया है. बता दें कि 24 जून को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की ओर से जमानत पर अंतरिम रोक लगाने के आदेश के खिलाफ केजरीवाल की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई टाल दिया था.

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Last Updated : Jun 25, 2024, 3:41 PM IST
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