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दिल्ली हाईकोर्ट ने विधायक तंवर की अयोग्यता के खिलाफ याचिका पर स्पीकर से जवाब मांगा - KARTAR SINGH TANWAR PLEA

दिल्ली हाईकोर्ट ने करतार सिंह तंवर की अयोग्यता को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय से जवाब मांगा.

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करतार सिंह तंवर (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 18, 2024, 3:04 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने अयोग्य करार दिए गए छतरपुर विधायक करतार सिंह तंवर की अयोग्यता को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष रामनिवास गोयल को नोटिस जारी किया है. जस्टिस संजीव नरुला की बेंच ने इस मामले की अगली सुनवाई 9 दिसंबर को करेगी.

करतार सिंह तंवर पहले आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक थे. वे हाल में भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हुए हैं. विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने तंवर की सदस्यता को दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य ठहराते हुए समाप्त कर दिया. उनका यह कदम उस समय आया जब उन्होंने 10 जुलाई को बीजेपी में शामिल होने का ऐलान किया.

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015 में आम आदमी पार्टी के टिकट पर जीत हासिल करने के बाद तंवर ने 2020 में भी उसी पार्टी से फिर से चुनाव लड़ा और अपनी सीट पर विजय हासिल की. हालांकि, उन्हें अब बीजेपी में शामिल होने के कारण अयोग्य करार दिया गया है.

यह भी पढ़ें- Delhi: ट्रायल कोर्ट में चल रही सुनवाई पर रोक के लिए बृजभूषण शरण सिंह ने खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा

दिल्ली विधानसभा के नियमों के मुताबिक, किसी विधायक की सदस्यता समाप्त होने के बाद संबंधित विधानसभा क्षेत्र से छह महीने के भीतर उपचुनाव कराना अनिवार्य है. लेकिन ध्यान देने योग्य बात है कि अगले दिल्ली विधानसभा चुनाव में अब छह महीने से भी कम समय बचा है, जिससे यह संभावना कम है कि छतरपुर क्षेत्र में उपचुनाव हो पाएगा. ऐसे में यह सीट फिलहाल खाली रहेगी, जिससे छतरपुर के मतदाताओं को एक महत्वपूर्ण प्रतिनिधित्व की कमी का सामना करना पड़ेगा.

विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटनाक्रम न केवल तंवर के राजनीतिक करियर को प्रभावित कर सकता है, बल्कि आम आदमी पार्टी की भविष्य की चुनाव रणनीतियों पर भी प्रभाव डाल सकता है.

यह भी पढ़ें- Delhi: प्रदूषण को लेकर स्वाती मालीवाल ने दिल्ली सरकार पर साधा निशाना, कहा- 'मीटिंग-मीटिंग' का खेल शुरू

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने अयोग्य करार दिए गए छतरपुर विधायक करतार सिंह तंवर की अयोग्यता को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष रामनिवास गोयल को नोटिस जारी किया है. जस्टिस संजीव नरुला की बेंच ने इस मामले की अगली सुनवाई 9 दिसंबर को करेगी.

करतार सिंह तंवर पहले आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक थे. वे हाल में भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हुए हैं. विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने तंवर की सदस्यता को दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य ठहराते हुए समाप्त कर दिया. उनका यह कदम उस समय आया जब उन्होंने 10 जुलाई को बीजेपी में शामिल होने का ऐलान किया.

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015 में आम आदमी पार्टी के टिकट पर जीत हासिल करने के बाद तंवर ने 2020 में भी उसी पार्टी से फिर से चुनाव लड़ा और अपनी सीट पर विजय हासिल की. हालांकि, उन्हें अब बीजेपी में शामिल होने के कारण अयोग्य करार दिया गया है.

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दिल्ली विधानसभा के नियमों के मुताबिक, किसी विधायक की सदस्यता समाप्त होने के बाद संबंधित विधानसभा क्षेत्र से छह महीने के भीतर उपचुनाव कराना अनिवार्य है. लेकिन ध्यान देने योग्य बात है कि अगले दिल्ली विधानसभा चुनाव में अब छह महीने से भी कम समय बचा है, जिससे यह संभावना कम है कि छतरपुर क्षेत्र में उपचुनाव हो पाएगा. ऐसे में यह सीट फिलहाल खाली रहेगी, जिससे छतरपुर के मतदाताओं को एक महत्वपूर्ण प्रतिनिधित्व की कमी का सामना करना पड़ेगा.

विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटनाक्रम न केवल तंवर के राजनीतिक करियर को प्रभावित कर सकता है, बल्कि आम आदमी पार्टी की भविष्य की चुनाव रणनीतियों पर भी प्रभाव डाल सकता है.

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