नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने कुछ यूट्यूब चैनलों और कुछ एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट्स को बीजेपी नेता गौरव भाटिया से नोएडा कोर्ट में कथित मारपीट से संबंधित खबरों और वीडियो को हटाने का आदेश दिया है. मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस नीना बंसल कृष्ण ने गूगल को निर्देश दिया कि इस मामले से जुड़े ऐसे वीडियो जो पब्लिक डोमेन में हैं उन्हें प्राइवेट कर दिया जाए. हाईकोर्ट ने 8 अप्रैल को फैसला सुरक्षित रख लिय़ा था.
कोर्ट ने 5 फरवरी को गौरव भाटिया की याचिका पर सुनवाई करते हुए सभी प्रतिवादी यूट्यूब चैनलों को नोटिस जारी किया था. गौरव भाटिया ने याचिका दायर कर कहा था कि इन यूट्यूब चैनलों ने अपनी खबर में कहा है कि नोएडा कोर्ट में उनकी पिटाई की गई थी. भाटिया की ओर से पेश वकील राघव अवस्थी और मुकेश शर्मा ने कहा था कि इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट संज्ञान ले चुका है. इसके बावजूद झूठी खबरें चलाई जा रही हैं.
उन्होंने कहा था कि इन यूट्यूब चैनलों की ओर से चलाई गई खबरों में गौरव भाटिया के साथ हुई घटना को सही ठहराया गया है. उन्होंने पत्रकार नवीन कुमार द्वारा संचालित आर्टिकल 19, द न्यूज लांचर, बीबीआई न्यूज, कॉमेडियन राजीव निगम, संदीप सिंह, विजय यादव, नेटाफ्लिक्स और सुनीता जाधव के ट्विटर अकाउंट और पंकज त्रिपाठी, दाऊद नादाफ, डॉ खतरा एंड वायरस बाबा इंडिया वाआ के पैरोडी अकाउंट को प्रतिवादी बनाया था.
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बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर संज्ञान लिया था. सुप्रीम कोर्ट ने जिला जज से इस मामले की रिपोर्ट मांगी थी. सुप्रीम कोर्ट ने घटना की सीसीटीवी फुटेज संरक्षित रखने का निर्देश दिया था. दरअसल, मार्च में गौरव भाटिया नोएडा कोर्ट गए थे. उस दिन कोर्ट में वकीलों की हड़ताल थी. घटना के दिन गौरव भाटिया और एक महिला वकील से कुछ वकीलों ने हाथापाई की थी. इसी घटना पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है.
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