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महिला को अश्लील मैसेज भेजने के आरोपी को तीन महीने सामुदायिक सेवा करने का आदेश - Obscene Messages To Woman - OBSCENE MESSAGES TO WOMAN

दिल्ली हाईकोर्ट ने महिला को अश्लील मैसेज भेजने वाले व्यक्ति को तीन महीने तक सामुदायिक सेवा करने का निर्देश दिया है और केस को खारिज कर दिया. दरअसल, महिला ने आरोपी से समझौता कर लिया है. इसके बाद कोर्ट ने आरोपी को "पापों का प्रायश्चित करने" के लिए ये सजा सुनाई.

2014 के एक मामले में दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला.
2014 के एक मामले में दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 1, 2024, 8:24 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महिला को अश्लील मैसेज भेजने के आरोपी को जमानत देते हुए उसे तीन महीने तक अस्पताल, अनाथालय और वृद्धाश्रम में सामुदायिक सेवा करने का आदेश दिया है. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने कहा कि आरोपी को अपने अपराध का पश्चाताप करना होगा. कोर्ट ने आरोपी को निर्देश दिया कि वो एक वृद्धाश्रम, लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल और एक अनाथालय में 9 सितंबर से 30 नवंबर के बीच सामुदायिक सेवा करे. इसके अलावा कोर्ट ने आरोपी को अपने इलाके में 50 पेड़ लगाने और उनकी देखभाल करने का निर्देश दिया.

कोर्ट ने आरोपी पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए कहा कि आरोपी को ये जरूर एहसास करना चाहिए कि वो अदालतों को हल्के में नहीं ले. वो अपराध कर बच नहीं सकते हैं. कोर्ट ने जुर्माने की रकम सशस्त्र बल युद्ध हताहत कल्याण कोष में चार हफ्ते के अंदर जमा करने का निर्देश दिया. मामला 2014 का है. आरोपी के खिलाफ एक महिला ने अश्लील मैसेज भेजने का आरोप लगाते हुए पुलिस से शिकायत की थी.

महिला की शिकायत के आधार पर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 509 और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट की धारा 67ए के तहत एफआईआर दर्ज की थी. आरोपी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर उसके खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की मांग की थी. आरोपी की ओर से पेश वकील ने कोर्ट को बताया कि शिकायतकर्ता महिला और आरोपी के बीच अप्रैल में समझौता हो गया है. महिला ने हाईकोर्ट को बताया कि उसने अपनी इच्छा से बिना किसी दबाव के आरोपी के साथ समझौता कर लिया है और वो इस मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहती है.

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महिला को अश्लील मैसेज भेजने के आरोपी को जमानत देते हुए उसे तीन महीने तक अस्पताल, अनाथालय और वृद्धाश्रम में सामुदायिक सेवा करने का आदेश दिया है. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने कहा कि आरोपी को अपने अपराध का पश्चाताप करना होगा. कोर्ट ने आरोपी को निर्देश दिया कि वो एक वृद्धाश्रम, लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल और एक अनाथालय में 9 सितंबर से 30 नवंबर के बीच सामुदायिक सेवा करे. इसके अलावा कोर्ट ने आरोपी को अपने इलाके में 50 पेड़ लगाने और उनकी देखभाल करने का निर्देश दिया.

कोर्ट ने आरोपी पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए कहा कि आरोपी को ये जरूर एहसास करना चाहिए कि वो अदालतों को हल्के में नहीं ले. वो अपराध कर बच नहीं सकते हैं. कोर्ट ने जुर्माने की रकम सशस्त्र बल युद्ध हताहत कल्याण कोष में चार हफ्ते के अंदर जमा करने का निर्देश दिया. मामला 2014 का है. आरोपी के खिलाफ एक महिला ने अश्लील मैसेज भेजने का आरोप लगाते हुए पुलिस से शिकायत की थी.

महिला की शिकायत के आधार पर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 509 और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट की धारा 67ए के तहत एफआईआर दर्ज की थी. आरोपी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर उसके खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की मांग की थी. आरोपी की ओर से पेश वकील ने कोर्ट को बताया कि शिकायतकर्ता महिला और आरोपी के बीच अप्रैल में समझौता हो गया है. महिला ने हाईकोर्ट को बताया कि उसने अपनी इच्छा से बिना किसी दबाव के आरोपी के साथ समझौता कर लिया है और वो इस मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहती है.

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