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नीट परीक्षा में सिलेबस के बाहर के सवाल पूछने पर एनटीए से जवाब तलब - NEET exam controversy

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jun 27, 2024, 8:47 PM IST

नीट एग्जाम में सिलेबस के बाहर का प्रश्न पूछे के आरोपों पर दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को NTA को नोटिस जारी किया है. दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है. अगली सुनवाई 16 जुलाई को होगी.

NEET UG EXAM
NEET UG EXAM (फाइल फोटो)

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने नीट की परीक्षा में सिलेबस के बाहर का प्रश्न पूछे के आरोपों पर सुनवाई करते हुए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को नोटिस जारी किया है. जस्टिस धर्मेश शर्मा की वेकेशन बेंच ने केंद्र सरकार और नेशनल मेडिकल कमीशन को भी दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 16 जुलाई को होगी.

याचिका नीट परीक्षा में शामिल होने वाले एक छात्र ने दायर किया है. इसमें कहा गया है कि नीट के फिजिक्स के प्रश्न पत्र में रेडियोएक्टिविटी पर प्रश्न पूछे गए थे. जबकि, इस साल नीट के सिलेबस में रेडियोएक्टिविटी था ही नहीं. याचिका में कहा गया है कि एक प्रश्न में भयंकर गलती की गई है, जिसमें एनटीए ने गलत उत्तर को ही सही उत्तर करार दिया है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वकील समीर कुमार ने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं को गंभीरता से लेने की जरूरत है, वो भी तब जब आप भविष्य के डॉक्टर बनाने के लिए परीक्षा ले रहे हों.

नीट परीक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई हैं. इन याचिकाओं में पेपर लीक की जांच करने, ग्रेस मार्क्स और दूसरी गड़बड़ियों का मामला उठाया गया है. हालांकि, सभी याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार किया था. 18 जून को सुप्रीम कोर्ट ने नीट परीक्षा को रद्द करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि अगर 0.01% भी किसी की खामी पाई गई तो हम उससे सख्ती से निपटेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि एनटीए छात्रों की शिकायतों को नजरअंदाज न करें, अगर परीक्षा में कोई गलती हुई है तो उसे समय रहते सुधारा जाए.

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने नीट की परीक्षा में सिलेबस के बाहर का प्रश्न पूछे के आरोपों पर सुनवाई करते हुए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को नोटिस जारी किया है. जस्टिस धर्मेश शर्मा की वेकेशन बेंच ने केंद्र सरकार और नेशनल मेडिकल कमीशन को भी दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 16 जुलाई को होगी.

याचिका नीट परीक्षा में शामिल होने वाले एक छात्र ने दायर किया है. इसमें कहा गया है कि नीट के फिजिक्स के प्रश्न पत्र में रेडियोएक्टिविटी पर प्रश्न पूछे गए थे. जबकि, इस साल नीट के सिलेबस में रेडियोएक्टिविटी था ही नहीं. याचिका में कहा गया है कि एक प्रश्न में भयंकर गलती की गई है, जिसमें एनटीए ने गलत उत्तर को ही सही उत्तर करार दिया है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वकील समीर कुमार ने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं को गंभीरता से लेने की जरूरत है, वो भी तब जब आप भविष्य के डॉक्टर बनाने के लिए परीक्षा ले रहे हों.

नीट परीक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई हैं. इन याचिकाओं में पेपर लीक की जांच करने, ग्रेस मार्क्स और दूसरी गड़बड़ियों का मामला उठाया गया है. हालांकि, सभी याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार किया था. 18 जून को सुप्रीम कोर्ट ने नीट परीक्षा को रद्द करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि अगर 0.01% भी किसी की खामी पाई गई तो हम उससे सख्ती से निपटेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि एनटीए छात्रों की शिकायतों को नजरअंदाज न करें, अगर परीक्षा में कोई गलती हुई है तो उसे समय रहते सुधारा जाए.

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