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उन्नाव रेप केस: कुलदीप सेंगर की सजा निलंबित करने की मांग पर CBI को नोटिस जारी

कुलदीप सेंगर की स्वास्थ्य के आधार पर सजा को निलंबित करने की मांग हाईकोर्ट ने सीबीआई को जारी किया नोटिस

उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत मामला
उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत मामला (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : 17 hours ago

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की स्वास्थ्य के आधार पर सजा को निलंबित करने की मांग पर सीबीआई को नोटिस जारी किया है. जस्टिस मनोज कुमार ओहरी की बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 13 जनवरी को करने का आदेश दिया.

हाईकोर्ट ने जेल प्रशासन को निर्देश दिया कि वो कुलदीप सेंगर के स्वास्थ्य की स्थिति पर रिपोर्ट दाखिल करें. सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से पेश वकील ने कोर्ट को बताया कि हाईकोर्ट ने जून में सजा को निलंबित करने की याचिका खारिज कर दी थी. तब कुलदीप सेंगर की ओर से पेश वकील ने कहा कि वे केवल स्वास्थ्य के आधार पर सजा को निलंबित करने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सेंगर की ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर लंबे समय से सुनवाई नहीं हुई है और वो करीब आठ सालों से जेल में है. इस मामले में अधिकतम सजा दस सालों की तय की गई है.

2018 में हुई थी मौत: दरअसल, कुलदीप सिंह सेंगर ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है, जो अभी लंबित है. बता दें कि 16 दिसंबर, 2019 को तीस हजारी कोर्ट ने रेप पीड़िता के पिता की हिरासत में हत्या के मामले में कुलदीप सिंह सेंगर को दस साल की कैद की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने उनपर पर दस लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था. साथ ही सभी सातों आरोपियों को भी दस-दस साल की कैद और दस-दस लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी. रेप पीड़िता के पिता की न्यायिक हिरासत में 9 अप्रैल, 2018 को मौत हो गई थी.

यह है मामला: 4 जून, 2017 को रेप पीड़िता ने जब कुलदीप सेंगर पर रेप का आरोप लगाया था, इसके बाद कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह और उसके साथियों ने पीड़िता के पिता को बुरी तरह पीटने के बाद पुलिस को सौंप दिया था. जेल में शिफ्ट करने के कुछ ही घंटों बाद जिला अस्पताल में लड़की के पिता की मौत हो गई थी. 20 दिसंबर, 2019 को पीड़िता से रेप के मामले में तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने उम्रकैद के अलावा 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. जुर्माने की इस रकम में से 10 लाख रुपये पीड़िता को देने का आदेश दिया था. तीस हजारी कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ भी कुलदीप सिंह सेंगर ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की स्वास्थ्य के आधार पर सजा को निलंबित करने की मांग पर सीबीआई को नोटिस जारी किया है. जस्टिस मनोज कुमार ओहरी की बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 13 जनवरी को करने का आदेश दिया.

हाईकोर्ट ने जेल प्रशासन को निर्देश दिया कि वो कुलदीप सेंगर के स्वास्थ्य की स्थिति पर रिपोर्ट दाखिल करें. सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से पेश वकील ने कोर्ट को बताया कि हाईकोर्ट ने जून में सजा को निलंबित करने की याचिका खारिज कर दी थी. तब कुलदीप सेंगर की ओर से पेश वकील ने कहा कि वे केवल स्वास्थ्य के आधार पर सजा को निलंबित करने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सेंगर की ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर लंबे समय से सुनवाई नहीं हुई है और वो करीब आठ सालों से जेल में है. इस मामले में अधिकतम सजा दस सालों की तय की गई है.

2018 में हुई थी मौत: दरअसल, कुलदीप सिंह सेंगर ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है, जो अभी लंबित है. बता दें कि 16 दिसंबर, 2019 को तीस हजारी कोर्ट ने रेप पीड़िता के पिता की हिरासत में हत्या के मामले में कुलदीप सिंह सेंगर को दस साल की कैद की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने उनपर पर दस लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था. साथ ही सभी सातों आरोपियों को भी दस-दस साल की कैद और दस-दस लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी. रेप पीड़िता के पिता की न्यायिक हिरासत में 9 अप्रैल, 2018 को मौत हो गई थी.

यह है मामला: 4 जून, 2017 को रेप पीड़िता ने जब कुलदीप सेंगर पर रेप का आरोप लगाया था, इसके बाद कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह और उसके साथियों ने पीड़िता के पिता को बुरी तरह पीटने के बाद पुलिस को सौंप दिया था. जेल में शिफ्ट करने के कुछ ही घंटों बाद जिला अस्पताल में लड़की के पिता की मौत हो गई थी. 20 दिसंबर, 2019 को पीड़िता से रेप के मामले में तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने उम्रकैद के अलावा 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. जुर्माने की इस रकम में से 10 लाख रुपये पीड़िता को देने का आदेश दिया था. तीस हजारी कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ भी कुलदीप सिंह सेंगर ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.

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