हल्द्वानी: नैनीताल के हल्द्वानी स्थित बनभूलपुरा हिंसा पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई है. क्षेत्र में अभी भी फर्फ्यू जारी है. लेकिन दूसरी तरफ मुस्लिम संगठनों के नेता हल्द्वानी पहुंचने लगे हैं. रविवार को जमीयत उलेमा-ए-हिंद और जमात-ए-इस्लामी हिंद के नेता हल्द्वानी तहसील कार्यालय पहुंचे. उन्होंने एसडीएम और जिला प्रशासन के साथ काफी देर तक वार्ता की.
वार्ता के बाद धर्मगुरुओं ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बिना कोर्ट के आदेश पर जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण तोड़ने की कार्रवाई की गई. जिसके बाद बवाल हुआ. मुस्लिम धर्म गुरुओं का कहना है कि अतिक्रमण हटाने के दौरान यहां के स्थानीय धर्म गुरुओं को भी अवगत नहीं कराया गया. प्रशासन ने बिना दूसरे पक्ष की सुनवाई किए अतिक्रमण तोड़ने की कार्रवाई की है.
मुस्लिम धर्म गुरुओं ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि इस तरह की घटना नहीं होनी चाहिए. समाज के लिए इस तरह की घटना ठीक नहीं हैं. धर्म गुरु ने कहा कि जो मदरसा और मस्जिद बनाई गई थी, वह गैरकानूनी है या कानूनी? इसका फैसला कोर्ट को करना है. इसकी सुनवाई 14 फरवरी को थी. इससे पहले प्रशासन ने जल्दी बाजी क्यों की? पूरी कार्रवाई के दौरान स्थानीय लोगों को अवगत नहीं कराया गया और उनको मौका भी नहीं दिया गया. जिसका नतीजा है कि इस तरह की घटना हुई है.
जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के प्रतिनिधियों ने कर्फ्यू ग्रस्त इलाके में जाने के लिए प्रशासन से इजाजत मांगी लेकिन प्रशासन अनुमति देने से इनकार कर दिया. मुस्लिम धर्म गुरुओं का कहना है कि कार्रवाई के डर से मलिक के बगीचे इलाके के आसपास के लोग धीरे-धीरे पलायन कर रहे हैं. लोगों के घरों में ताले लगे हुए दिखाई दे रहे हैं. अपने घरों से लोग सामान लेकर जा रहे हैं. अब यह कितने दिनों तक अपने घरों से बाहर रहेंगे, यह स्पष्ट नहीं है. ऐसे में शहर में अमन चैन बना रहे, इसके लिए प्रशासन को प्रयास करना चाहिए.
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