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सीडीएस के जरिए महिलाओं को सेना में नियुक्त करने पर विचार करे रक्षा मंत्रालय- दिल्ली हाईकोर्ट - DELHI HIGH COURT CDS WOMEN - DELHI HIGH COURT CDS WOMEN

DELHI HIGH COURT: दिल्ली हाईकोर्ट ने रक्षा मंत्रालय से कंबाइंड डिफेंस सर्विसेज (सीडीएस) के जरिए महिलाओं को सेना में नियुक्त करने पर विचार करने को कहा है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Apr 26, 2024, 8:06 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने रक्षा मंत्रालय को निर्देश दिया है कि वह कंबाइंड डिफेंस सर्विसेज (सीडीएस) के जरिए महिलाओं को इंडियन आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में नियुक्त करने की मांग पर आठ हफ्ते में विचार करे. वकील कुश कालरा की तरफ से दायर याचिका पर कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया.

याचिकाकर्ता ने 22 दिसंबर 2023 को केंद्र सरकार को प्रतिवेदन देकर सीडीएस के जरिए महिलाओं को इंडियन आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में नियुक्त करने की मांग की थी. लेकिन उस पर कोई जवाब नहीं आया. याचिका में कहा गया था कि यूपीएससी की ओर से आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में नियुक्ति के लिए आवेदन आमंत्रित किया गया था. यूपीएससी के नोटिफिकेशन में महिलाओं के लिए कोई जगह नहीं थी.

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कुश कालरा का कहना था कि वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद एनडीए के जरिए महिलाओं की नियुक्ति हो रही है, लेकिन सीडीएस के जरिए महिलाओं के साथ नियुक्ति में भेदभावपूर्ण रवैया कायम है.

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील कीर्तिमान सिंह ने कहा कि सरकार सैन्य बलों में धीरे-धीरे महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर विचार कर रही है. केंद्र सरकार इसके लिए कदम भी उठा रही है. केंद्र सरकार ने कहा कि उसने नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) में किया है. केंद्र सरकार ने कहा कि सीडीएस के जरिए भी महिलाओं को आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में नियुक्त करने पर अगले साल तक काम शुरू हो जाएगा.

इस साल अभी कैडर आवंटन का काम कर लिया गया है. केंद्र सरकार ने कहा कि हम ये नहीं कह सकते कि सीडीएस के जरिए नियुक्ति का काम तुरंत हो पाएगा. उसके बाद कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह कुश कालरा के प्रतिवेदन पर आठ हफ्ते में फैसला करे.

ये भी पढ़ें: दिल्ली हाईकोर्ट ने जेलों में भीड़भाड़ के कारण विचाराधीन कैदियों की रिहाई की जनहित याचिका की खारिज

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने रक्षा मंत्रालय को निर्देश दिया है कि वह कंबाइंड डिफेंस सर्विसेज (सीडीएस) के जरिए महिलाओं को इंडियन आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में नियुक्त करने की मांग पर आठ हफ्ते में विचार करे. वकील कुश कालरा की तरफ से दायर याचिका पर कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया.

याचिकाकर्ता ने 22 दिसंबर 2023 को केंद्र सरकार को प्रतिवेदन देकर सीडीएस के जरिए महिलाओं को इंडियन आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में नियुक्त करने की मांग की थी. लेकिन उस पर कोई जवाब नहीं आया. याचिका में कहा गया था कि यूपीएससी की ओर से आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में नियुक्ति के लिए आवेदन आमंत्रित किया गया था. यूपीएससी के नोटिफिकेशन में महिलाओं के लिए कोई जगह नहीं थी.

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कुश कालरा का कहना था कि वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद एनडीए के जरिए महिलाओं की नियुक्ति हो रही है, लेकिन सीडीएस के जरिए महिलाओं के साथ नियुक्ति में भेदभावपूर्ण रवैया कायम है.

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील कीर्तिमान सिंह ने कहा कि सरकार सैन्य बलों में धीरे-धीरे महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर विचार कर रही है. केंद्र सरकार इसके लिए कदम भी उठा रही है. केंद्र सरकार ने कहा कि उसने नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) में किया है. केंद्र सरकार ने कहा कि सीडीएस के जरिए भी महिलाओं को आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में नियुक्त करने पर अगले साल तक काम शुरू हो जाएगा.

इस साल अभी कैडर आवंटन का काम कर लिया गया है. केंद्र सरकार ने कहा कि हम ये नहीं कह सकते कि सीडीएस के जरिए नियुक्ति का काम तुरंत हो पाएगा. उसके बाद कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह कुश कालरा के प्रतिवेदन पर आठ हफ्ते में फैसला करे.

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