नई दिल्ली : रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने शुक्रवार को अस्ताना, कजाकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में भाग लिया. बैठक के दौरान, सभी एससीओ सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों द्वारा एक प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए गए. बैठक के बाद एक संयुक्त विज्ञप्ति जारी की गई. इसमें एससीओ के रक्षा मंत्रियों ने अन्य पहलों के अलावा, 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' के विचार को विकसित करने पर सहमति व्यक्त की, जो 'वसुधैव कुटुंबकम' के प्राचीन भारतीय दर्शन में निहित है. बैठक में आतंकवाद के सभी रूपों के प्रति 'शून्य-सहिष्णुता दृष्टिकोण' अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया.
बैठक में रक्षा सचिव अरमाने ने एससीओ क्षेत्र में शांति, स्थिरता और सुरक्षा बनाए रखने के प्रति भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई. उन्होंने एससीओ सदस्य देशों की समृद्धि और विकास के लिए आतंकवाद के सभी रूपों के प्रति शून्य-सहिष्णुता दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया. श्री गिरिधर अरमाने ने संयुक्त राष्ट्र में अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन के भारत के लंबे समय से चले आ रहे प्रस्ताव का उल्लेख किया.
उन्होंने इंडो-पैसिफिक के लिए भारत द्वारा प्रस्तावित 'क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास (SAGAR)' की अवधारणा पर भी प्रकाश डाला. बता दें कि शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों की वार्षिक बैठक 25 और 26 अप्रैल को कजाकिस्तान के अस्ताना में आयोजित की गई थी.
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