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अमेरिका में राजनाथ सिंह बोले- भारत एक गरीब और आलसी देश है, यह धारणा बदली है - Rajnath Singh in US - RAJNATH SINGH IN US

Defence Minister Rajnath Singh in US: रक्षा मंत्री राजनाथ चार दिनों के अमेरिकी दौरे पर हैं. उन्होंने कहा कि जब से हमारी सरकार आई है तब से रक्षा निर्यात लगातार बढ़ रहा है. पढ़ें पूरी खबर...

RAJNATH SINGH IN US
अमेरिका में राजनाथ सिंह (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 23, 2024, 6:47 AM IST

वॉशिंगटन: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिका में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए पिछले 10 वर्षों में भारत में हुए बदलाव पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर विश्व के देशों की धारणा में भी तेजी से बदलाव आया है. बता दें, अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन के निमंत्रण पर राजनाथ सिंह चार दिनों 23-26 अगस्त तक अमेरिका के आधिकारिक दौरे पर हैं. इसी सिलसिले में वे गुरुवार को वाशिंगटन पहुंचे.

उन्होंने आगे कहा कि भारत से बाहर रहने वाले भारतीय समुदाय के लोग अपने देश के बारे में वैश्विक धारणा को लेकर चिंतित हैं. रक्षा मंत्री ने वाशिंगटन में एक कार्यक्रम में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भारत का कद बढ़ा है. पहले भारत की राय को उतनी गंभीरता से नहीं लिया जाता था, जितनी गंभीरता से लिया जाना चाहिए लेकिन, आज जब भारत वैश्विक मंच पर कुछ भी बोलता है, तो दुनिया ध्यान से सुनती है.

उन्होंने अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी के उस बयान को भी याद करते हुए कहा कि यदि आप भविष्य देखना चाहते हैं, तो भारत आइए, यदि आप भविष्य को महसूस करते हैं, तो भारत आइए, यदि आप भविष्य पर काम करना चाहते हैं, तो भारत आइए. रक्षा मंत्री ने भारत की आर्थिक प्रगति पर विस्तार से चर्चा की और कहा कि 2027 तक भारत दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होगा.

राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि पहले भारत के बारे में लोगों की धारणा थी कि यह एक गरीब देश है, जहां आलसी लोग रहते हैं. अब यह धारणा पूरी तरह बदल गई है. यहां तक ​​कि हमारे पड़ोसी देश भी सोचते थे कि वे जब चाहें भारत पर हमला कर सकते हैं, लेकिन भारत अब कमजोर देश नहीं रहा. उन्होंने कहा कि मैं रक्षा मंत्री हूं, पहले हम सभी रक्षा उपकरण आयात करते थे. जब हमारी सरकार आई तो रक्षा निर्यात 600 करोड़ रुपये था, अब 10 साल बाद यह 23,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है.

उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस के हालिया बयान का भी हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत में डिजिटल क्रांति ने 80 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में मदद की है. इस यात्रा के दौरान रक्षा मंत्री अपने अमेरिकी समकक्ष सचिव ऑस्टिन के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे. वह राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के लिए राष्ट्रपति के अमेरिकी सहायक जेक सुलिवन से भी मिलेंगे.

यह यात्रा भारत-अमेरिका संबंधों और विभिन्न स्तरों पर रक्षा संबंधों में बढ़ती गति की पृष्ठभूमि में हो रही है. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस यात्रा से भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी और भी गहरी और व्यापक होने की उम्मीद है.

पढ़ें: पोलैंड के पीएम डोनाल्ड टस्क के साथ पीएम मोदी की मुलाकात, द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा - PM Modi poland visit

वॉशिंगटन: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिका में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए पिछले 10 वर्षों में भारत में हुए बदलाव पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर विश्व के देशों की धारणा में भी तेजी से बदलाव आया है. बता दें, अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन के निमंत्रण पर राजनाथ सिंह चार दिनों 23-26 अगस्त तक अमेरिका के आधिकारिक दौरे पर हैं. इसी सिलसिले में वे गुरुवार को वाशिंगटन पहुंचे.

उन्होंने आगे कहा कि भारत से बाहर रहने वाले भारतीय समुदाय के लोग अपने देश के बारे में वैश्विक धारणा को लेकर चिंतित हैं. रक्षा मंत्री ने वाशिंगटन में एक कार्यक्रम में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भारत का कद बढ़ा है. पहले भारत की राय को उतनी गंभीरता से नहीं लिया जाता था, जितनी गंभीरता से लिया जाना चाहिए लेकिन, आज जब भारत वैश्विक मंच पर कुछ भी बोलता है, तो दुनिया ध्यान से सुनती है.

उन्होंने अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी के उस बयान को भी याद करते हुए कहा कि यदि आप भविष्य देखना चाहते हैं, तो भारत आइए, यदि आप भविष्य को महसूस करते हैं, तो भारत आइए, यदि आप भविष्य पर काम करना चाहते हैं, तो भारत आइए. रक्षा मंत्री ने भारत की आर्थिक प्रगति पर विस्तार से चर्चा की और कहा कि 2027 तक भारत दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होगा.

राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि पहले भारत के बारे में लोगों की धारणा थी कि यह एक गरीब देश है, जहां आलसी लोग रहते हैं. अब यह धारणा पूरी तरह बदल गई है. यहां तक ​​कि हमारे पड़ोसी देश भी सोचते थे कि वे जब चाहें भारत पर हमला कर सकते हैं, लेकिन भारत अब कमजोर देश नहीं रहा. उन्होंने कहा कि मैं रक्षा मंत्री हूं, पहले हम सभी रक्षा उपकरण आयात करते थे. जब हमारी सरकार आई तो रक्षा निर्यात 600 करोड़ रुपये था, अब 10 साल बाद यह 23,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है.

उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस के हालिया बयान का भी हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत में डिजिटल क्रांति ने 80 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में मदद की है. इस यात्रा के दौरान रक्षा मंत्री अपने अमेरिकी समकक्ष सचिव ऑस्टिन के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे. वह राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के लिए राष्ट्रपति के अमेरिकी सहायक जेक सुलिवन से भी मिलेंगे.

यह यात्रा भारत-अमेरिका संबंधों और विभिन्न स्तरों पर रक्षा संबंधों में बढ़ती गति की पृष्ठभूमि में हो रही है. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस यात्रा से भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी और भी गहरी और व्यापक होने की उम्मीद है.

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