नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने छह सप्ताह के लिए सुनवाई टाल दी. दिल्ली हाई कोर्ट ने आपराधिक मानहानि के मामले में उन्हें जारी समन को बरकरार रखने के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है.
केजरीवाल का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ से समझौता करने के लिए कुछ और समय देने का अनुरोध किया. मानहानि का यह मामला यूट्यूबर ध्रुव राठी द्वारा 2018 में प्रसारित कथित रूप से अपमानजनक वीडियो को रीट्वीट करने के लिए दायर किया गया था.
सिंघवी ने कहा, ‘‘हम खेद प्रकट करते हैं लेकिन समझौते के लिए थोड़ा और समय दिया जाए. अभी इस व्यक्ति की जिंदगी में बहुत सारी चीजें चल रही हैं." वहीं शिकायकर्ता की ओर से पेश हुए अधिवक्ता राघव अवस्थी ने कहा कि केजरीवाल को वक्त दिया जा सकता है लेकिन यह असीमित नहीं होना चाहिए और थोड़ी बहुत बातचीत होनी चाहिए.
सिंघवी ने दलील दी कि हालांकि केजरीवाल ने ट्वीट के लिए खेद जताया है, लेकिन यह शिकायतकर्ता की शर्तों पर नहीं हो सकता. पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति संजय कुमार और आर महादेवन भी शामिल हैं, ने मामले की सुनवाई छह सप्ताह बाद निर्धारित की है, ताकि पक्षकार समझौता कर सकें.
इस साल मार्च में शीर्ष अदालत ने केजरीवाल से पूछा था कि क्या वह इस मामले में शिकायतकर्ता से माफी मांगना चाहते हैं. केजरीवाल ने 26 फरवरी को अदालत से कहा था कि उन्होंने भाजपा आईटी सेल से संबंधित कथित अपमानजनक वीडियो को रीट्वीट करके गलती की है. शिकायतकर्ता ने अदालत के समक्ष दलील दी थी कि केजरीवाल माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म 'एक्स' या इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर माफी मांग सकते हैं.
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