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IAS दीपक कुमार UP के एडिशनल मुख्य सचिव गृह बनाए गए, चुनाव आयोग ने कल संजय प्रसाद को हटाया था

निर्वाचन आयोग ने सीनियर आईएएस अधिकारी दीपक कुमार को उत्तर प्रदेश का एडिशनल मुख्य सचिव गृह नियुक्त किया है. यूपी सरकार के भेजे गए पैनल के क्रम में निर्वाचन आयोग ने दीपक कुमार को प्रमुख सचिव गृह की जिम्मेदारी सौंपी है.

Deepak Kumar becomes Additional Chief Secretary Home
दीपक कुमार बने एडिशनल मुख्य सचिव गृह
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 19, 2024, 2:15 PM IST

Updated : Mar 19, 2024, 3:08 PM IST

लखनऊ: निर्वाचन आयोग ने सीनियर आईएएस अधिकारी दीपक कुमार को उत्तर प्रदेश का एडिशनल मुख्य सचिव गृह (Additional Chief Secretary Home) नियुक्त किया है. यूपी सरकार के भेजे गए पैनल के क्रम में निर्वाचन आयोग ने दीपक कुमार को एडिशनल मुख्य सचिव गृह की जिम्मेदारी सौंपी है. कल निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश सहित 6 राज्यों के गृह सचिवों को हटाने के आदेश जारी किए थे, जिसके बाद प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद को हटाने की कार्यवाही की गई थी. हालांकि उनके पास प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री के साथ ही प्रमुख सचिव सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की जिम्मेदारी बरकरार रहेगी.

1990 बैच सीनियर IAS हैं दीपक कुमार: उत्तर प्रदेश के सीनियर आईएएस अधिकारी दीपक कुमार 1990 बैच के यूपी कैडर के अधिकारी हैं. वर्तमान समय में वित्त, बेसिक शिक्षा विभाग सहित कई विभागों के अपर मुख्य सचिव की जिम्मेदारी उनके पास थी. कुछ समय पहले प्रमुख सचिव से उन्हें प्रमोशन देकर अपर मुख्य सचिव बनाया गया था.

ECI को दीपक कुमार के साथ मनोज कुमार और देवेश चतुर्वेदी के नाम भेज गए: नियुक्ति विभाग की तरफ से निर्वाचन आयोग को भेजे गए पैनल में दीपक कुमार का नाम शामिल था. निर्वाचन आयोग के पास दीपक कुमार के साथ ही सीनियर आईएएस अधिकारी कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार और प्रमुख सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक देवेश चतुर्वेदी के नाम भी भेजे गए थे. लेकिन निर्वाचन आयोग ने दीपक कुमार को अपर मुख्य सचिव गृह के रूप में तैनात करने का आदेश जारी कर दिया है.

संजय प्रसाद को हटाने का जताया गया था विरोध: वहीं सूत्रों का दावा है कि, संजय प्रसाद को हटाए जाने के निर्वाचन आयोग के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की तरफ से इसका विरोध जताया गया था. निर्वाचन आयोग को चीफ सेक्रेटरी की तरफ से पत्र भेजा गया था कि, चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले ही संजय प्रसाद को अन्य विभागों के साथ प्रमुख सचिव गृह की जिम्मेदारी दी गई थी. ऐसे में उन्हें हटाए जाने का कोई औचित्य नहीं है. हालांकि निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश सरकार की इन दलीलों का विरोध किया और उन्हें हटा दिया.

यह भी पढ़ें :कांशीराम के फॉर्मूले पर मायावती, मुस्लिम-ब्राह्मण पर फोकस; लोकसभा चुनाव में सपा-कांग्रेस का गणित बिगाड़ेगी बसपा?

लखनऊ: निर्वाचन आयोग ने सीनियर आईएएस अधिकारी दीपक कुमार को उत्तर प्रदेश का एडिशनल मुख्य सचिव गृह (Additional Chief Secretary Home) नियुक्त किया है. यूपी सरकार के भेजे गए पैनल के क्रम में निर्वाचन आयोग ने दीपक कुमार को एडिशनल मुख्य सचिव गृह की जिम्मेदारी सौंपी है. कल निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश सहित 6 राज्यों के गृह सचिवों को हटाने के आदेश जारी किए थे, जिसके बाद प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद को हटाने की कार्यवाही की गई थी. हालांकि उनके पास प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री के साथ ही प्रमुख सचिव सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की जिम्मेदारी बरकरार रहेगी.

1990 बैच सीनियर IAS हैं दीपक कुमार: उत्तर प्रदेश के सीनियर आईएएस अधिकारी दीपक कुमार 1990 बैच के यूपी कैडर के अधिकारी हैं. वर्तमान समय में वित्त, बेसिक शिक्षा विभाग सहित कई विभागों के अपर मुख्य सचिव की जिम्मेदारी उनके पास थी. कुछ समय पहले प्रमुख सचिव से उन्हें प्रमोशन देकर अपर मुख्य सचिव बनाया गया था.

ECI को दीपक कुमार के साथ मनोज कुमार और देवेश चतुर्वेदी के नाम भेज गए: नियुक्ति विभाग की तरफ से निर्वाचन आयोग को भेजे गए पैनल में दीपक कुमार का नाम शामिल था. निर्वाचन आयोग के पास दीपक कुमार के साथ ही सीनियर आईएएस अधिकारी कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार और प्रमुख सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक देवेश चतुर्वेदी के नाम भी भेजे गए थे. लेकिन निर्वाचन आयोग ने दीपक कुमार को अपर मुख्य सचिव गृह के रूप में तैनात करने का आदेश जारी कर दिया है.

संजय प्रसाद को हटाने का जताया गया था विरोध: वहीं सूत्रों का दावा है कि, संजय प्रसाद को हटाए जाने के निर्वाचन आयोग के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की तरफ से इसका विरोध जताया गया था. निर्वाचन आयोग को चीफ सेक्रेटरी की तरफ से पत्र भेजा गया था कि, चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले ही संजय प्रसाद को अन्य विभागों के साथ प्रमुख सचिव गृह की जिम्मेदारी दी गई थी. ऐसे में उन्हें हटाए जाने का कोई औचित्य नहीं है. हालांकि निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश सरकार की इन दलीलों का विरोध किया और उन्हें हटा दिया.

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Last Updated : Mar 19, 2024, 3:08 PM IST
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