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CM केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका खारिज, जेल अधिकारियों को जरूरी मेडिकल टेस्ट कराने का निर्देश - Arvind Kejriwal interim bail plea

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jun 5, 2024, 9:31 AM IST

Updated : Jun 5, 2024, 3:43 PM IST

Arvind kejriwal Interim Bail Plea: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने खारिज कर दिया. साथ ही उनकी न्यायिक हिरासत को 19 जून तक के लिए बढ़ा दिया. इसके अलावा कोर्ट ने जेल अधिकारियों को उनका जरूरी मेडिकल टेस्ट कराने का निर्देश दिया.

अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका पर फैसला आज
अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका पर फैसला आज (Source: FILE PHOTO ETV BHARAT)

नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में गिरफ्तार सीएम अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया. बुधवार को स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने यह फैसला सुनाया. साथ ही उनकी न्यायिक हिरासत को 19 जून तक के लिए बढ़ा दिया. केजरीवाल ने मेडिकल कारणों का हवाला देते हुए 7 दिन की जमानत मांगी थी. इस पर कोर्ट ने संबंधित अधिकारियों को जरूरी मेडिकल टेस्ट कराने का निर्देश दिया. कोर्ट ने 1 जून को फैसला सुरक्षित रख लिया था.

सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से एएसजी एसवी राजू ने कहा चूंकि अंतरिम जमानत हो या नियमित जमानत उसके लिए मनी लॉन्ड्रिंग कानून की धारा 45 की प्रक्रिया का पालन होना चाहिए. ऐसे में अंतरिम जमानत और नियमित जमानत याचिका दोनों सुनवाई योग्य नहीं है. कहा था कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट जैसे संवैधानिक कोर्ट को संविधान के अनुच्छेद 42 के तहत विशेष अधिकार है लेकिन ट्रायल कोर्ट के विशेष अधिकार नहीं है कि वो इन याचिकाओं पर सुनवाई कर सके.

राजू ने कहा था कि मनी लॉन्ड्रिंग कानून की धारा 45 के तहत केजरीवाल को अंतरिम जमानत के लिए हाईकोर्ट जाना चाहिए. ट्रायल कोर्ट इसके लिए उचित फोरम नहीं है. राजू ने कहा कि केजरीवाल की याचिका में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम जमानत बढ़ाने के लिए जो याचिका दायर की थी उसका खुलासा नहीं किया है. रजिस्ट्रार ने उनकी अर्जी स्वीकार नहीं की इसे छिपाया गया है.

सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि सवाल ये है कि सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी है तो क्या ट्रायल कोर्ट उसमें परिवर्तन कर सकता है. मेहता ने कहा था कि केजरीवाल की मेडिकल आधार पर एक हफ्ते की अंतरिम जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार ने अस्वीकार कर दिया और उसके बाद वो ट्रायल कोर्ट आए. लेकिन ट्रायल कोर्ट में याचिका दाखिल कर इस तथ्य को छिपाया गया.

मेहता ने कहा था कि एक तरफ केजरीवाल कह रहे हैं वे बीमार हैं दूसरी तरफ वे रोड शो और सभाएं कर रहे हैं. वे कह रहे हैं कि उनका वजन 7 किलो घटा है और उन्हें कैंसर होने का खतरा है. ये सभी तथ्य बेबुनियाद हैं.

मेहता की दलील का केजरीवाल की ओर से पेश वकील एन हरिहरन ने विरोध करते हुए कहा था कि सभी आरोप गलत हैं जो तथ्य याचिका में दिए गए हैं उन पर संदेह नहीं किया जा सकता है. हरिहरन ने कहा था कि स्वास्थ्य आधार पर अंतरिम जमानत की मांग की गई है हरिहरन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक ही नियमित जमानत याचिका दायर की गई है. अंतरिम जमानत के मामले पर हरिहरन ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला दिया. हरिहरन ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिका दायर करने की छूट दी है इस वजह से ट्रायल कोर्ट में नियमित जमानत याचिका दायर की गई है.

हरिहरन ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत देते हुए केजरीवाल को ट्रायल कोर्ट जाने की अनुमति दी थी. उन्होंने कहा कि केजरीवाल की तबीयत खराब है जिसकी वजह से ट्रायल कोर्ट आना पड़ा है. हरिहरन ने कहा कि केजरीवाल का शुगर लेवल घट-बढ़ रहा है. इसलिए उनका चेकअप कराना जरुरी है. हरिहरन ने कहा था कि केजरीवाल का कीटोन लेवल बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य बिगड़ने की वजह से वे अंतरिम जमानत बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, दूसरी कोई वजह नहीं है.

हरिहरन की दलील का जवाब देते हुए एसवी राजू कहा चूंकि अंतरिम जमानत मनी लॉन्ड्रिंग कानून की धारा 45 के प्रावधान के तहत ही होना चाहिए. राजू ने कहा था कि केजरीवाल के टेस्ट के लिए कई दिनों की जरुरत नहीं है. ये कुछ घंटों का काम है. केजरीवाल ने कई सभाएं की है, रोड शो किए हैं. वे इन टेस्ट के लिए समय निकाल सकते थे. राजू ने केजरीवाल का वजन घटने के दावे को झूठा बताया. उन्होंने कहा था कि जब केजरीवाल जेल गए थे तो उनका वजन 64 किलोग्राम था, निकलते समय 65 किलोग्राम था. राजू ने कहा कि केजरीवाल को जो दवाई दी जा रही है वो शुगर कम करने वाली है. उन्होंने कहा था कि केजरीवाल ने अपने डॉक्टर से कीटोन लेवल बढ़ने की शिकायत कभी नहीं की. केजरीवाल जेल से निकलते ही रैलियां कर रहे हैं लेकिन उन्होंने 20 मई को डॉक्टर से कीटोन बढ़ने की शिकायत नहीं की, 24 मई को डॉक्टर से शिकायत की गई ताकि अंतरिम जमानत के लिए जमीन तैयार की जा सके.

कोर्ट ने हरिहरन से पूछा था कि केजरीवाल को 7 दिनों की अंतरिम जमानत क्यों चाहिए जबकि राजू कह रहे हैं कि टेस्ट कुछ घंटों का है. तब हरिहरन ने कहा कि होल्टर टेस्ट में समय लगता है. हरिहरन ने कहा कि सभी पैरामीटर पूरा करने के बाद ही होल्टर टेस्ट किया जाता है. उसमें ज्यादा समय लगता है. इस पर मेहता और राजू ने कहा था कि ये टेस्ट 25 मई से 1 जून तक किया जा सकता था. मेहता ने कहा कि अगर केजरीवाल की तरह कोई दूसरा पक्षकार भी कहे कि जेल नियमों को दरकिनार रखकर उन्हें चिकित्सा सुविधा दी जाए तो ये कानून का मजाक होगा. राजू ने केजरीवाल का एक वीडियो प्ले किया और कहा कि वो गंभीर रुप से बीमार नहीं हैं. तब कोर्ट ने कहा कि वे कैसी रिकॉर्डिंग है जब राजू ने कहा कि वो वीडियो एक न्यूज एजेंसी का है.

कोर्ट ने 30 मई को केजरीवाल की अंतरिम और नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए ईडी को नोटिस जारी किया था. बता दें कि 29 मई को सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की सात दिन की अंतरिम जमानत के आवेदन को स्वीकार करने से इनकार करते हुए कहा था कि चूंकि केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने पर फैसला पहले ही सुरक्षित रखा जा चुका है. इसलिए अंतरिम जमानत बढ़ाने की केजरीवाल की याचिका का मुख्य याचिका से कोई संबंध नहीं है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें नियमित जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट जाने की अनुमति भी दी है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को अरविंद केजरीवाल को 1 जून तक की अंतरिम जमानत देते हुए 2 जून को सरेंडर करने का आदेश दिया था. केजरीवाल ने 2 जून को सरेंडर किया था जिसके बाद कोर्ट ने केजरीवाल को 5 जून तक की न्यायिक हिरासत में भेजा था.

ये भी पढ़ें- Delhi Liquor Scam: CM केजरीवाल के खिलाफ ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान लेने पर फैसला 9 जुलाई को

नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में गिरफ्तार सीएम अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया. बुधवार को स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने यह फैसला सुनाया. साथ ही उनकी न्यायिक हिरासत को 19 जून तक के लिए बढ़ा दिया. केजरीवाल ने मेडिकल कारणों का हवाला देते हुए 7 दिन की जमानत मांगी थी. इस पर कोर्ट ने संबंधित अधिकारियों को जरूरी मेडिकल टेस्ट कराने का निर्देश दिया. कोर्ट ने 1 जून को फैसला सुरक्षित रख लिया था.

सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से एएसजी एसवी राजू ने कहा चूंकि अंतरिम जमानत हो या नियमित जमानत उसके लिए मनी लॉन्ड्रिंग कानून की धारा 45 की प्रक्रिया का पालन होना चाहिए. ऐसे में अंतरिम जमानत और नियमित जमानत याचिका दोनों सुनवाई योग्य नहीं है. कहा था कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट जैसे संवैधानिक कोर्ट को संविधान के अनुच्छेद 42 के तहत विशेष अधिकार है लेकिन ट्रायल कोर्ट के विशेष अधिकार नहीं है कि वो इन याचिकाओं पर सुनवाई कर सके.

राजू ने कहा था कि मनी लॉन्ड्रिंग कानून की धारा 45 के तहत केजरीवाल को अंतरिम जमानत के लिए हाईकोर्ट जाना चाहिए. ट्रायल कोर्ट इसके लिए उचित फोरम नहीं है. राजू ने कहा कि केजरीवाल की याचिका में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम जमानत बढ़ाने के लिए जो याचिका दायर की थी उसका खुलासा नहीं किया है. रजिस्ट्रार ने उनकी अर्जी स्वीकार नहीं की इसे छिपाया गया है.

सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि सवाल ये है कि सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी है तो क्या ट्रायल कोर्ट उसमें परिवर्तन कर सकता है. मेहता ने कहा था कि केजरीवाल की मेडिकल आधार पर एक हफ्ते की अंतरिम जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार ने अस्वीकार कर दिया और उसके बाद वो ट्रायल कोर्ट आए. लेकिन ट्रायल कोर्ट में याचिका दाखिल कर इस तथ्य को छिपाया गया.

मेहता ने कहा था कि एक तरफ केजरीवाल कह रहे हैं वे बीमार हैं दूसरी तरफ वे रोड शो और सभाएं कर रहे हैं. वे कह रहे हैं कि उनका वजन 7 किलो घटा है और उन्हें कैंसर होने का खतरा है. ये सभी तथ्य बेबुनियाद हैं.

मेहता की दलील का केजरीवाल की ओर से पेश वकील एन हरिहरन ने विरोध करते हुए कहा था कि सभी आरोप गलत हैं जो तथ्य याचिका में दिए गए हैं उन पर संदेह नहीं किया जा सकता है. हरिहरन ने कहा था कि स्वास्थ्य आधार पर अंतरिम जमानत की मांग की गई है हरिहरन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक ही नियमित जमानत याचिका दायर की गई है. अंतरिम जमानत के मामले पर हरिहरन ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला दिया. हरिहरन ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिका दायर करने की छूट दी है इस वजह से ट्रायल कोर्ट में नियमित जमानत याचिका दायर की गई है.

हरिहरन ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत देते हुए केजरीवाल को ट्रायल कोर्ट जाने की अनुमति दी थी. उन्होंने कहा कि केजरीवाल की तबीयत खराब है जिसकी वजह से ट्रायल कोर्ट आना पड़ा है. हरिहरन ने कहा कि केजरीवाल का शुगर लेवल घट-बढ़ रहा है. इसलिए उनका चेकअप कराना जरुरी है. हरिहरन ने कहा था कि केजरीवाल का कीटोन लेवल बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य बिगड़ने की वजह से वे अंतरिम जमानत बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, दूसरी कोई वजह नहीं है.

हरिहरन की दलील का जवाब देते हुए एसवी राजू कहा चूंकि अंतरिम जमानत मनी लॉन्ड्रिंग कानून की धारा 45 के प्रावधान के तहत ही होना चाहिए. राजू ने कहा था कि केजरीवाल के टेस्ट के लिए कई दिनों की जरुरत नहीं है. ये कुछ घंटों का काम है. केजरीवाल ने कई सभाएं की है, रोड शो किए हैं. वे इन टेस्ट के लिए समय निकाल सकते थे. राजू ने केजरीवाल का वजन घटने के दावे को झूठा बताया. उन्होंने कहा था कि जब केजरीवाल जेल गए थे तो उनका वजन 64 किलोग्राम था, निकलते समय 65 किलोग्राम था. राजू ने कहा कि केजरीवाल को जो दवाई दी जा रही है वो शुगर कम करने वाली है. उन्होंने कहा था कि केजरीवाल ने अपने डॉक्टर से कीटोन लेवल बढ़ने की शिकायत कभी नहीं की. केजरीवाल जेल से निकलते ही रैलियां कर रहे हैं लेकिन उन्होंने 20 मई को डॉक्टर से कीटोन बढ़ने की शिकायत नहीं की, 24 मई को डॉक्टर से शिकायत की गई ताकि अंतरिम जमानत के लिए जमीन तैयार की जा सके.

कोर्ट ने हरिहरन से पूछा था कि केजरीवाल को 7 दिनों की अंतरिम जमानत क्यों चाहिए जबकि राजू कह रहे हैं कि टेस्ट कुछ घंटों का है. तब हरिहरन ने कहा कि होल्टर टेस्ट में समय लगता है. हरिहरन ने कहा कि सभी पैरामीटर पूरा करने के बाद ही होल्टर टेस्ट किया जाता है. उसमें ज्यादा समय लगता है. इस पर मेहता और राजू ने कहा था कि ये टेस्ट 25 मई से 1 जून तक किया जा सकता था. मेहता ने कहा कि अगर केजरीवाल की तरह कोई दूसरा पक्षकार भी कहे कि जेल नियमों को दरकिनार रखकर उन्हें चिकित्सा सुविधा दी जाए तो ये कानून का मजाक होगा. राजू ने केजरीवाल का एक वीडियो प्ले किया और कहा कि वो गंभीर रुप से बीमार नहीं हैं. तब कोर्ट ने कहा कि वे कैसी रिकॉर्डिंग है जब राजू ने कहा कि वो वीडियो एक न्यूज एजेंसी का है.

कोर्ट ने 30 मई को केजरीवाल की अंतरिम और नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए ईडी को नोटिस जारी किया था. बता दें कि 29 मई को सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की सात दिन की अंतरिम जमानत के आवेदन को स्वीकार करने से इनकार करते हुए कहा था कि चूंकि केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने पर फैसला पहले ही सुरक्षित रखा जा चुका है. इसलिए अंतरिम जमानत बढ़ाने की केजरीवाल की याचिका का मुख्य याचिका से कोई संबंध नहीं है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें नियमित जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट जाने की अनुमति भी दी है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को अरविंद केजरीवाल को 1 जून तक की अंतरिम जमानत देते हुए 2 जून को सरेंडर करने का आदेश दिया था. केजरीवाल ने 2 जून को सरेंडर किया था जिसके बाद कोर्ट ने केजरीवाल को 5 जून तक की न्यायिक हिरासत में भेजा था.

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Last Updated : Jun 5, 2024, 3:43 PM IST
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