रांची: राजधानी रांची में बी-टेक की छात्रा की दुष्कर्म के बाद जिंदा जलाकर हत्या करने के दोषी राहुल राज उर्फ रॉकी उर्फ अंकित उर्फ आर्यन को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. जस्टिस आनंद सेन और जस्टिस गौतम कुमार चौधरी की खंडपीठ ने अपील याचिका को खारिज कर फांसी की सजा को बरकरार रखने का आदेश दिया है. 21 दिसंबर 2019 को सीबीआई कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी. यह जानकारी झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने दी है.
रांची पुलिस कई दिनों तक कांड के उद्भेदन में जुटी रही. कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी किया गया लेकिन कातिल नहीं पकड़ा गया. तब तत्कालीन रघुवर सरकार ने सीबीआई जांच की अनुशंसा की थी. सीबीआई ने जांच के दौरान उसका पता लगाया. टीम जब बिहार के नालंदा जिला में एकंगरसराय थाना क्षेत्र के घुरगांव पहुंची, तब पता चला कि वह रेप के एक केस में लखनऊ की जेल में बंद है. उसके खिलाफ पटना में भी रेप का केस दर्ज है. तब सीबीआई ने आरोपी की मां के खून का सैंपल लेकर उसका डीएनए टेस्ट कराया. मृतका के शरीर से लिए गये स्वाब और अन्य नमूने के मिलान के बाद पूरे रहस्य पर से पर्दा उठा.
उसके खिलाफ रांची स्थित सीबीआई की अदालत में मामला चला. कोर्ट ने उसे 20 दिसंबर 2019 को दोषी करार देने के बाद 21 दिसंबर को फांसी की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने इस केस को रेयरेस्ट ऑफ रेयर की श्रेणी में रखा था.
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