सिलीगुड़ी: सोमवार सुबह को कंचनजंगा एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. इस ट्रेन को एक मालगाड़ी ने टक्कर मार दी थी. अभी तक की जानकारी के मुताबिक 10 लोग मारे गए, जबकि कम से कम 40 घायल हो गए. हादसा न्यू जलपाईगुड़ी से कोलकाता जाने के दौरान सिलीगुड़ी से सटे फांसीदेवा ब्लॉक के घोषपुकुर इलाके में हुआ. जिस पटरी पर कंचनजंगा ट्रेन थी, उसी पटरी पर मालगाड़ी ने पीछे से टक्कर मारी थी. सूचना के अनुसार मालगाड़ी के ड्राइवर ने सिग्नल की अनदेखी की. इस कारण यह बड़ा हादसा हुआ.
इस बीच, इस रेल हादसे पर रेल मंत्रालय की शुरुआती प्रतिक्रिया पर विभिन्न रेलवे कर्मचारी यूनियनों ने आपत्ति जताई है, जिसमें प्रथम दृष्टया दुर्घटना के लिए मालगाड़ी के चालक को दोषी ठहराया गया है. मंत्रालय के मुताबिक, मालगाड़ी ने कंचनजंगा एक्सप्रेस को पीछे से टक्कर मार दी थी, जिसके परिणामस्वरूप सोमवार को न्यू जलपाईगुड़ी के पास चालक सहित दस लोगों की मौत हो गई और 40 अन्य घायल हो गए.
यूनियनों ने तर्क दिया कि चालक को दोषी ठहराना, जो खुद का बचाव नहीं कर सकता, उसे रेलवे की व्यवस्थागत कमियों के लिए अनुचित रूप से बलि का बकरा बनाता है. ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन (एआईआरएफ) के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने रेलवे बोर्ड के बयान की आलोचना की और कहा कि यह दावा करना बेहद असंवेदनशील है कि चालक ने लाल सिग्नल को पार कर लिया, जिससे दुर्घटना हुई.
मृतक लोको पायलट अनिल कुमार के परिवार के सदस्यों ने क्या कहा?
वहीं, कंचनजंघा एक्सप्रेस दुर्घटना के लिए दोषी ठहराए गए मृतक लोको पायलट अनिल कुमार के परिवार के सदस्यों ने कहा कि वे स्तब्ध और अवाक हैं और यह जानने के बाद कि रेलवे ने एक मृत और असहाय व्यक्ति पर आरोप कैसे लगाए हैं, वे कानूनी उपाय की योजना बना रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि यह चौंकाने वाला है और हमारे पास इसे व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं. हम अभी भी मौत का शोक मना रहे हैं और यहां हम पाते हैं कि रेलवे ने उन्हें पूरी दुर्घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया है. वे ऐसा कैसे कर सकते हैं, जबकि वे अच्छी तरह से जानते हैं कि अब वे खुद का बचाव करने के लिए मौजूद नहीं हैं?
जीवित है सह चालक मनु कुमार
इस हादसे के बाद चालक अनिल कुमार की मौत हो गई है, लेकिन सहायक चालक मनु कुमार जीवित हैं. उसे पहले रेलवे अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन बाद में आगे के इलाज के लिए निजी अस्पताल में भेज दिया गया है. हादसे के बाद उसका पहला रिएक्शन एक वीडियो के जरिए कैद किया गया है. जो कापी वायरल हो रहा है.
अस्पताल में इलाज के दौरान होश आने पर मनु कुमार ने पूछा कि 'ड्राइवर साब कैसे हैं?' हालांकि उसे चालक की मौत की जानकारी नहीं दी गई. उसके चेहरे पर डर साफ झलक रहा था. वह घर के लोगों को हादसे की जानकारी नहीं देना चाहता था. मनु ज्यादा बात नहीं कर सकता है. हालांकि ईटीवी भारत ने इस वायरल वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है.
इधर एनएफ रेलवे के मुख्य रेल सुरक्षा आयुक्त जनक कुमार गर्ग भी जांच में शामिल हो गए हैं. मंगलवार सुबह से जांच जारी है. हादसे के समय रेलवे कार्य से जुड़े विभिन्न विभागों के 41 लोगों से पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किए गए. जनक कुमार गर्ग ने गार्ड मैन, सिग्नल, कंट्रोल रूम, संचार, ट्रेन मैनेजर, स्टेशन मास्टर समेत कई अन्य कर्मियों के बयान लिए गए है. हालांकि इस पूरी घटना का एकमात्र गवाह मालगाड़ी का सहायक चालक मनु कुमार है. अब वही इस हादसे के राज से पर्दा उठा सकता है.
लेकिन वह भी अब सिलीगुड़ी के एक निजी अस्पताल में इलाज करा रहा है. पूर्व रेलवे अधिकारियों के अनुसार रेलवे बोर्ड के बयान में कई विसंगतियां पाई गई हैं. एक ओर रेलवे बोर्ड ने हादसे के दिन मनु कुमार को मृत घोषित कर दिया था.
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