झारखंड में भी आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति विरोध-प्रदर्शन कर रही है. हालात को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात हैं.
आरक्षण के फैसले के विरोध में आज भारत बंद, बिहार में पुलिस का लाठीचार्ज, पंजाब में नहीं दिखा असर - DALIT ADIVASIS BHARAT BANDH
Published : Aug 21, 2024, 6:20 AM IST
|Updated : Aug 21, 2024, 1:23 PM IST
नई दिल्ली: दलित और आदिवासी संगठनों ने हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सुरक्षा की मांग को लेकर आज बुधवार को 'भारत बंद' का आह्वान किया है. इस बंद को लेकर दलित और आदिवासी संगठनों के राष्ट्रीय परिसंघ (एनएसीडीएओआर) ने मांगों की एक लिस्ट भी जारी की है, जिसमें अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए न्याय और समानता शामिल हैं.
एनएसीडीएओआर ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के सात न्यायाधीशों की पीठ द्वारा दिए गए फैसले के खिलाफ इस बंद को बुलाया है, जो उनके अनुसार, ऐतिहासिक इंदिरा साहनी मामले में नौ न्यायाधीशों की पीठ द्वारा दिए गए पहले के फैसले को कमजोर करता है, जिसने भारत में आरक्षण के लिए रूपरेखा स्थापित की थी. एनएसीडीएओआर ने सरकार से इस फैसले को खारिज करने का आग्रह किया है, उनका तर्क है कि इससे अनुसूचित जातियों और जनजातियों के संवैधानिक अधिकारों को खतरा पैदा होगा.
संगठन अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए आरक्षण पर संसद द्वारा एक नया अधिनियम पारित करने की भी मांग कर रहा है, जिसे संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करके संरक्षित किया जाएगा. संगठन का तर्क है कि इससे इन प्रावधानों को न्यायिक हस्तक्षेप से बचाया जा सकेगा और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा मिलेगा.
NACDAOR ने सरकारी सेवाओं में SC/ST/OBC कर्मचारियों के जाति-आधारित डेटा को तत्काल जारी करने की भी मांग की है ताकि उनका सटीक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जा सके.
वे समाज के सभी वर्गों से न्यायिक अधिकारियों और न्यायाधीशों की भर्ती के लिए भारतीय न्यायिक सेवा की स्थापना पर भी जोर दे रहे हैं, जिसका लक्ष्य उच्च न्यायपालिका में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणियों से 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व प्राप्त करना है.
इस संगठन ने केंद्र और राज्य सरकार के विभागों के साथ-साथ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में सभी बैकलॉग रिक्तियों को भरने का आह्वान किया है. निकाय ने कहा कि सरकारी प्रोत्साहनों या निवेशों से लाभ उठाने वाली निजी क्षेत्र की कंपनियों को अपनी फर्मों में सकारात्मक कार्रवाई की नीतियां लागू करनी चाहिए. NACDAOR ने दलितों, आदिवासियों और ओबीसी से बुधवार को शांतिपूर्ण आंदोलन में भाग लेने की अपील की है.
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झारखंड में टायर जला कर जताया विरोध
मेघवाल ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बारे में कराया अवगत
'भारत बंद' पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के दो हिस्से हैं - एक मुद्दा क्रीमी लेयर का था, दूसरा मुद्दा एससी के उप-वर्गीकरण का था. इनमें से एक मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने अवलोकन किया. अवलोकन फैसले का हिस्सा नहीं है. जब भाजपा से जुड़े एससी-एसटी सांसदों को लगा कि विपक्ष लोगों को गुमराह कर रहा है कि इस फैसले से क्रीमी लेयर अब एससी/एसटी का हिस्सा हो जाएगा, तो उन्होंने 9 अगस्त को प्रधानमंत्री को ज्ञापन दिया. कैबिनेट के फैसले के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि एससी/एसटी में क्रीमी लेयर लागू नहीं है और यह इस फैसले का हिस्सा नहीं है.
दूसरा हिस्सा दिशा के बारे में है, यह फैसले का हिस्सा है - सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर राज्य चाहें तो उप-वर्गीकरण कर सकते हैं और उसने दो शर्तें लगाईं, 1) राज्य मात्रात्मक डेटा एकत्र करेंगे, 2) वे जिसे भी दे रहे हैं, उसे 100% आरक्षण नहीं दे सकते. विपक्ष अनावश्यक गलत सूचना फैला रहा है. वे लेटरल एंट्री भी करवा रहे हैं विवाद. लैटरल एंट्री का सबसे बड़ा उदाहरण डॉ. मनमोहन सिंह थे, लेकिन पीएम मोदी ने इस मुद्दे को भी स्पष्ट किया. मंगलवार को जारी किए गए पत्र में सामाजिक न्याय पर इनपुट आने तक लैटरल एंट्री के विज्ञापन वापस ले लिए गए हैं. इसका मतलब है कि पीएम मोदी लगातार एससी, एसटी और ओबीसी के हितों की रक्षा के लिए काम कर रहे हैं. वह ऐसा करना जारी रखेंगे.
पटना में पुलिस का लाठाचार्ज
बिहार की राजधानी पटना में भारत बंद के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया. पटना के डिप्टी एसपी अशोक कुमार सिंह ने कहा कि कोई शांतिपूर्ण प्रदर्शन नहीं हो रहा था. कानून-व्यवस्था उनके हाथ में थी. आम लोग यात्रा नहीं कर सकते थे और हमने उन्हें (आंदोलनकारियों को) समझाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं समझे. हमें उन्हें पीछे हटाने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा.
पंजाब में भारत बंद का असर नही, बाजारों में चहल-पहल
पंजाब के लुधियाना में भारत बंद का कोई असर देखने को नहीं मिला है. दुकानें आम दिनों की तरह खुलीं. वहीं, दुकानदारों का कहना है कि दुकानें खुल रही हैं. एक अन्य दुकानदार ने कहा कि चौड़ा बाजार में दुकानें आम दिनों की तरह खुल रही हैं. उन्होंने कहा कि भारत बंद के ऐलान के बारे में हमें कुछ नहीं पता.
कांग्रेस ने पीएम मोदी पर बोला हमला-बताया झूठा ओबीसी
आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले पर आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के 'भारत बंद' पर महाराष्ट्र कांग्रेस विधायक और कांग्रेस के एससी विभाग के पूर्व अध्यक्ष नितिन राउत ने कहा कि जब देश में संविधान में बदलाव की भाषा बोली जा रही है, जब केंद्र सरकार, भाजपा और आरएसएस ने एससी-एसटी समुदाय के लिए 'फूट डालो और राज करो' की भूमिका निभाई है. यह आरएसएस का छिपा हुआ एजेंडा था और यह सरकार उस एजेंडे को सामने लाने का प्रयास कर रही है. इसलिए, यह भारत बंद बुलाया गया है. यह बंद इसलिए भी बुलाया गया है क्योंकि पीएम खुद को ओबीसी कहते हैं लेकिन मुझे लगता है कि वह ओबीसी नहीं हैं, वह झूठे ओबीसी हैं. अगर वह वास्तव में ओबीसी होते, तो इस देश में ऐसी हरकतें नहीं होतीं. लेकिन भारत के लोगों को पता चल गया है कि उनके दिल में क्या है, इसलिए आज देश भर में लाखों लोग भारत बंद के तहत सड़कों पर उतरेंगे, इस फैसले का विरोध करेंगे और राष्ट्रपति से इस फैसले को रद्द करने का आग्रह करेंगे. हम मांग करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अध्यादेश के जरिए तुरंत रोका जाए या संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए, ऐसा होना चाहिए. उन्होंने कहा, 'इस पर चर्चा होनी चाहिए और इसे रोका जाना चाहिए...यह मामला कांग्रेस या किसी एक पार्टी से संबंधित नहीं है. 10 साल में पहली बार भाजपा और मोदी सरकार बैकफुट पर है. चाहे वह वक्फ बोर्ड एक्ट हो, कृषि कानून हो या यूपीएससी लैटरल एंट्री...विपक्ष मजबूत है, राहुल गांधी इस पर बोल रहे हैं, कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे भी इस पर बोल रहे हैं और सरकार पर दबाव है.
बिहार में भी दिख रहा भारत बंद का असर
बिहार में भी आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति कर रही एक दिन का भारत बंद.
जहानाबाद में एनएच 83 जाम
बिहार के जहानाबाद में भारत बंद समर्थकों ने ऊंटा में एनएच 83 को जाम कर दिया है.
राजस्थान में स्कूल-कॉलेज बंद
भारत बंद के आह्वान पर राजस्थान के कई जिलों में स्कूल-कॉलेजों को बंद रखने का फैसला किया गया है. जानकारी के मुताबिक जयपुर, दौसा, भरतपुर, गंगापुर सिटी, डीग समते कई जिलों के स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे.
जानिए क्या रहेगा बंद और क्या रहेगा खुला
भारत बंद के दौरान एंबुलेंस, अस्पताल और स्वास्थ्य सेवाएं निर्बाध रूप से काम करती रहेंगी. वहीं, सरकारी ऑफिस, बैंक, पेट्रोल पंप और स्कूल-कॉलेज भी खुले रहेंगे. इसके आलावा सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट भी रोज की तरह काम करेंगे.
झामुमो, कांग्रेस, वाम दलों ने भारत बंद का समर्थन किया
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल ने घोषणा की कि वे अनुसूचित जाति (एससी) आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के विरोध में बुधवार को विभिन्न संगठनों द्वारा किए गए भारत बंद के आह्वान को समर्थन देंगे. वहीं, वामपंथी दलों ने भी हड़ताल का समर्थन किया है. जेएमएम ने अपने सभी नेताओं, जिला अध्यक्षों, सचिवों और जिला समन्वयकों से 14 घंटे की राष्ट्रव्यापी हड़ताल में सक्रिय रूप से भाग लेने और अपना समर्थन देने को कहा है.
नई दिल्ली: दलित और आदिवासी संगठनों ने हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सुरक्षा की मांग को लेकर आज बुधवार को 'भारत बंद' का आह्वान किया है. इस बंद को लेकर दलित और आदिवासी संगठनों के राष्ट्रीय परिसंघ (एनएसीडीएओआर) ने मांगों की एक लिस्ट भी जारी की है, जिसमें अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए न्याय और समानता शामिल हैं.
एनएसीडीएओआर ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के सात न्यायाधीशों की पीठ द्वारा दिए गए फैसले के खिलाफ इस बंद को बुलाया है, जो उनके अनुसार, ऐतिहासिक इंदिरा साहनी मामले में नौ न्यायाधीशों की पीठ द्वारा दिए गए पहले के फैसले को कमजोर करता है, जिसने भारत में आरक्षण के लिए रूपरेखा स्थापित की थी. एनएसीडीएओआर ने सरकार से इस फैसले को खारिज करने का आग्रह किया है, उनका तर्क है कि इससे अनुसूचित जातियों और जनजातियों के संवैधानिक अधिकारों को खतरा पैदा होगा.
संगठन अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए आरक्षण पर संसद द्वारा एक नया अधिनियम पारित करने की भी मांग कर रहा है, जिसे संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करके संरक्षित किया जाएगा. संगठन का तर्क है कि इससे इन प्रावधानों को न्यायिक हस्तक्षेप से बचाया जा सकेगा और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा मिलेगा.
NACDAOR ने सरकारी सेवाओं में SC/ST/OBC कर्मचारियों के जाति-आधारित डेटा को तत्काल जारी करने की भी मांग की है ताकि उनका सटीक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जा सके.
वे समाज के सभी वर्गों से न्यायिक अधिकारियों और न्यायाधीशों की भर्ती के लिए भारतीय न्यायिक सेवा की स्थापना पर भी जोर दे रहे हैं, जिसका लक्ष्य उच्च न्यायपालिका में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणियों से 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व प्राप्त करना है.
इस संगठन ने केंद्र और राज्य सरकार के विभागों के साथ-साथ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में सभी बैकलॉग रिक्तियों को भरने का आह्वान किया है. निकाय ने कहा कि सरकारी प्रोत्साहनों या निवेशों से लाभ उठाने वाली निजी क्षेत्र की कंपनियों को अपनी फर्मों में सकारात्मक कार्रवाई की नीतियां लागू करनी चाहिए. NACDAOR ने दलितों, आदिवासियों और ओबीसी से बुधवार को शांतिपूर्ण आंदोलन में भाग लेने की अपील की है.
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झारखंड में टायर जला कर जताया विरोध
झारखंड में भी आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति विरोध-प्रदर्शन कर रही है. हालात को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात हैं.
मेघवाल ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बारे में कराया अवगत
'भारत बंद' पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के दो हिस्से हैं - एक मुद्दा क्रीमी लेयर का था, दूसरा मुद्दा एससी के उप-वर्गीकरण का था. इनमें से एक मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने अवलोकन किया. अवलोकन फैसले का हिस्सा नहीं है. जब भाजपा से जुड़े एससी-एसटी सांसदों को लगा कि विपक्ष लोगों को गुमराह कर रहा है कि इस फैसले से क्रीमी लेयर अब एससी/एसटी का हिस्सा हो जाएगा, तो उन्होंने 9 अगस्त को प्रधानमंत्री को ज्ञापन दिया. कैबिनेट के फैसले के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि एससी/एसटी में क्रीमी लेयर लागू नहीं है और यह इस फैसले का हिस्सा नहीं है.
दूसरा हिस्सा दिशा के बारे में है, यह फैसले का हिस्सा है - सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर राज्य चाहें तो उप-वर्गीकरण कर सकते हैं और उसने दो शर्तें लगाईं, 1) राज्य मात्रात्मक डेटा एकत्र करेंगे, 2) वे जिसे भी दे रहे हैं, उसे 100% आरक्षण नहीं दे सकते. विपक्ष अनावश्यक गलत सूचना फैला रहा है. वे लेटरल एंट्री भी करवा रहे हैं विवाद. लैटरल एंट्री का सबसे बड़ा उदाहरण डॉ. मनमोहन सिंह थे, लेकिन पीएम मोदी ने इस मुद्दे को भी स्पष्ट किया. मंगलवार को जारी किए गए पत्र में सामाजिक न्याय पर इनपुट आने तक लैटरल एंट्री के विज्ञापन वापस ले लिए गए हैं. इसका मतलब है कि पीएम मोदी लगातार एससी, एसटी और ओबीसी के हितों की रक्षा के लिए काम कर रहे हैं. वह ऐसा करना जारी रखेंगे.
पटना में पुलिस का लाठाचार्ज
बिहार की राजधानी पटना में भारत बंद के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया. पटना के डिप्टी एसपी अशोक कुमार सिंह ने कहा कि कोई शांतिपूर्ण प्रदर्शन नहीं हो रहा था. कानून-व्यवस्था उनके हाथ में थी. आम लोग यात्रा नहीं कर सकते थे और हमने उन्हें (आंदोलनकारियों को) समझाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं समझे. हमें उन्हें पीछे हटाने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा.
पंजाब में भारत बंद का असर नही, बाजारों में चहल-पहल
पंजाब के लुधियाना में भारत बंद का कोई असर देखने को नहीं मिला है. दुकानें आम दिनों की तरह खुलीं. वहीं, दुकानदारों का कहना है कि दुकानें खुल रही हैं. एक अन्य दुकानदार ने कहा कि चौड़ा बाजार में दुकानें आम दिनों की तरह खुल रही हैं. उन्होंने कहा कि भारत बंद के ऐलान के बारे में हमें कुछ नहीं पता.
कांग्रेस ने पीएम मोदी पर बोला हमला-बताया झूठा ओबीसी
आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले पर आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के 'भारत बंद' पर महाराष्ट्र कांग्रेस विधायक और कांग्रेस के एससी विभाग के पूर्व अध्यक्ष नितिन राउत ने कहा कि जब देश में संविधान में बदलाव की भाषा बोली जा रही है, जब केंद्र सरकार, भाजपा और आरएसएस ने एससी-एसटी समुदाय के लिए 'फूट डालो और राज करो' की भूमिका निभाई है. यह आरएसएस का छिपा हुआ एजेंडा था और यह सरकार उस एजेंडे को सामने लाने का प्रयास कर रही है. इसलिए, यह भारत बंद बुलाया गया है. यह बंद इसलिए भी बुलाया गया है क्योंकि पीएम खुद को ओबीसी कहते हैं लेकिन मुझे लगता है कि वह ओबीसी नहीं हैं, वह झूठे ओबीसी हैं. अगर वह वास्तव में ओबीसी होते, तो इस देश में ऐसी हरकतें नहीं होतीं. लेकिन भारत के लोगों को पता चल गया है कि उनके दिल में क्या है, इसलिए आज देश भर में लाखों लोग भारत बंद के तहत सड़कों पर उतरेंगे, इस फैसले का विरोध करेंगे और राष्ट्रपति से इस फैसले को रद्द करने का आग्रह करेंगे. हम मांग करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अध्यादेश के जरिए तुरंत रोका जाए या संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए, ऐसा होना चाहिए. उन्होंने कहा, 'इस पर चर्चा होनी चाहिए और इसे रोका जाना चाहिए...यह मामला कांग्रेस या किसी एक पार्टी से संबंधित नहीं है. 10 साल में पहली बार भाजपा और मोदी सरकार बैकफुट पर है. चाहे वह वक्फ बोर्ड एक्ट हो, कृषि कानून हो या यूपीएससी लैटरल एंट्री...विपक्ष मजबूत है, राहुल गांधी इस पर बोल रहे हैं, कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे भी इस पर बोल रहे हैं और सरकार पर दबाव है.
बिहार में भी दिख रहा भारत बंद का असर
बिहार में भी आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति कर रही एक दिन का भारत बंद.
जहानाबाद में एनएच 83 जाम
बिहार के जहानाबाद में भारत बंद समर्थकों ने ऊंटा में एनएच 83 को जाम कर दिया है.
राजस्थान में स्कूल-कॉलेज बंद
भारत बंद के आह्वान पर राजस्थान के कई जिलों में स्कूल-कॉलेजों को बंद रखने का फैसला किया गया है. जानकारी के मुताबिक जयपुर, दौसा, भरतपुर, गंगापुर सिटी, डीग समते कई जिलों के स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे.
जानिए क्या रहेगा बंद और क्या रहेगा खुला
भारत बंद के दौरान एंबुलेंस, अस्पताल और स्वास्थ्य सेवाएं निर्बाध रूप से काम करती रहेंगी. वहीं, सरकारी ऑफिस, बैंक, पेट्रोल पंप और स्कूल-कॉलेज भी खुले रहेंगे. इसके आलावा सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट भी रोज की तरह काम करेंगे.
झामुमो, कांग्रेस, वाम दलों ने भारत बंद का समर्थन किया
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल ने घोषणा की कि वे अनुसूचित जाति (एससी) आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के विरोध में बुधवार को विभिन्न संगठनों द्वारा किए गए भारत बंद के आह्वान को समर्थन देंगे. वहीं, वामपंथी दलों ने भी हड़ताल का समर्थन किया है. जेएमएम ने अपने सभी नेताओं, जिला अध्यक्षों, सचिवों और जिला समन्वयकों से 14 घंटे की राष्ट्रव्यापी हड़ताल में सक्रिय रूप से भाग लेने और अपना समर्थन देने को कहा है.