ETV Bharat / bharat

चीन से ऑपरेट हो रहा साइबर ठग गैंग, यूपी के 500 युवाओं को ट्रेंड कर लोगों को बनाया जा रहा डिजीटल अरेस्ट - Cyber ​​fraud from China to UP

author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 3, 2024, 7:36 PM IST

लखनऊ पीजीआई की महिला डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट कर 2.81 करोड़ की ठगी करने वाले गिरोह तक पहुंची यूपी एसटीएफ ने मामले में नए खुलासे किए. उनके मुताबिक दूसरे देश में बैठे इनके आका भारत में मौजूद एक लेडी के जरिए गिरोह का संचालन करवा रहे हैं और यही लेडी ठग करवा रही लोगों को डिजिटल अरेस्ट. इसके लिए 500 से अधिक युवाओं की भर्ती हुई है.

ETV Bharat
विदेश से भारत में साइबर ठगी (photo Credits ETV Bharat)

लखनऊ: गुजरात की एक शातिर लेडी ने यूपी के पांच सौ से अधिक युवाओं को ऑनलाइन जोड़कर एक साइबर ठग गैंग बनाई है. उन्हें बकायदा ऑनलाइन ट्रेनिंग दी. फिर भोले भाले लोगों को बेवकूफ बना कर उनसे हासिल किए गए बैंक अकाउंट बांटती और फिर ये युवा लग जाते लोगों को डिजिटल अरेस्ट करने. पीजीआई डॉक्टर को डिजीटल अरेस्ट कर 2.81 करोड़ की ठगी के मामले में गिरफ्तार 6 आरोपियों से पूछताछ में बड़े खुलासे हुए हैं. आरोपियों ने अपनी सरगना को लेकर जो खुलासे किए है वो काफी चौकाने वाले हैं.

ETV Bharat
यूपी एसटीएफ के हत्थे चढ़े साइबर ठगों की तस्वीर (photo Credits ETV Bharat)

दरअसल एक से आठ अगस्त तक पीजीआई की डॉक्टर रुचिका टंडन को डिजिटल अरेस्ट रखा गया. फिर ट्राई और मुंबई क्राइम ब्रांच के अफसर बन उनसे 2.81 करोड़ रुपए ठग लिए. इस मामले में यूपी एसटीएफ ने जांच शुरू की और लखनऊ के फैज उर्फ आदिल, मो. उसामा और मनीष कुमार, मिर्जापुर के आयुष यादव और संतकबीर नगर के दीपक शर्मा को गिरफ्तार किया. इन सभी ने पूछताछ में ठगी करने के अपने पूरे तरीके को बताया कि, कैसे वो मुंबई क्राइम ब्रांच, सीबीआई और ईडी अफसर बन कर ठगी करते हैं, फिर अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर बायनेंस एप से पैसों को कनवर्ट कर लेते थे. यूपी एसटीएफ के डिप्टी एसपी दीपक सिंह ने बताया कि, इस गैंग का शिकार होने वालों में डॉक्टर रुचिका महज एक पीड़ित है. ऐसे सैकड़ों लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर ठग चुके हैं और यह ठगी ये उनकी महिला बॉस चीन में बैठे आकाओं के इशारे पर करवा रही थी.

ETV Bharat
पीजीआई डॉक्टर रुचिका टंडन (photo Credits ETV Bharat)

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि, हम सभी एक दूसरे से सोशल मीडिया के जरिए मिले थे. एक बार हम सभी को एक लड़की ने ग्रुप में जोड़ा और हमे पैसा कमाने का आसान रास्ता बताया. उस लड़की ने हम सभी को एक एक कर व्हाट्सएप कॉल की और डिजिटल अरेस्ट करने के तरीके से परिचय करवाया. आरोपियों ने बताया कि, जिस सोशल मीडिया ग्रुप में उन्हे ऐड कर ट्रेनिंग दी गई थी उसमें पांच सौ से अधिक और भी लोग जुड़े थे. हमें यह बहुत आसान लगा जिसके बाद हम लोगों ने गैंग में शामिल होकर ठगी शुरू की थी. डॉक्टर रुचिका टंडन के साथ भी उन्हीं लोगों ने ठगी की थी.

डॉक्टर के डिजिटल अरेस्ट मामले की जांच में सामने आया है कि, गुजरात की शातिर महिला ठग जो चीन और मलेशिया में बैठे अपने आकाओं के इशारे पर भारत के लोगों को ठग रही है. वह इन युवकों को मोटी सैलरी देती है. बांकी की ठगी हुई रकम को यह बायनंस एप के जरिए क्रिप्टो करेंसी में कनवर्ट करती है और फिर उसे अपने आकाओं को भेज देती है. हालांकि एसटीएफ को अब तक इस महिला से जुड़ी पूरी जानकारी नहीं मिल सकी है.

यूपी एसटीएफ के मुताबिक, बीते दिनों में डिजिटल अरेस्ट से जुड़ी जितनी भी गिरफ्तारियां हुई है, वो उन्हीं जिलों के रहने वाले है जहां का पीड़ित रहता है. जबकि इससे पहले जो साइबर ठगी होती थी वो कहीं दूर किसी राज्य में बैठ कर को जाती है. जांच में सामने आया है कि, चीन में बैठे ठग हर शहर में ग्रुप बना रहे हैं, जिन्हें टारगेट दिए जा रहे हैं लोगों को ठगने के लिए. इन ग्रुप्स पर नजर रखने के लिए संबंधित राज्य से दूर किसी राज्य में एक हेड को तैनात किया जाता है. जो चीन में बैठे सरगनाओं और जिलों के ग्रुप्स के बीच की कड़ी होती है. ऐसे में ठगी हुई रकम का 30 फीसदी देश में बैठे अलग अलग लोगों में बांटा जाता है बांकी का 70 फीसदी सरगनाओं के पास चीन, मलेशिया, थाईलैंड जाता है.


ये भी पढ़े: पहले दिल में खौफ पैदा करना फिर खाते में रुपये ट्रांसफर करा लेना, पढ़िए डिजिटल अरेस्ट से बचने के लिए कैसे बनाएं सुरक्षा का मजबूत चक्रव्यूह - Cyber ​​fraudster digital arrest

लखनऊ: गुजरात की एक शातिर लेडी ने यूपी के पांच सौ से अधिक युवाओं को ऑनलाइन जोड़कर एक साइबर ठग गैंग बनाई है. उन्हें बकायदा ऑनलाइन ट्रेनिंग दी. फिर भोले भाले लोगों को बेवकूफ बना कर उनसे हासिल किए गए बैंक अकाउंट बांटती और फिर ये युवा लग जाते लोगों को डिजिटल अरेस्ट करने. पीजीआई डॉक्टर को डिजीटल अरेस्ट कर 2.81 करोड़ की ठगी के मामले में गिरफ्तार 6 आरोपियों से पूछताछ में बड़े खुलासे हुए हैं. आरोपियों ने अपनी सरगना को लेकर जो खुलासे किए है वो काफी चौकाने वाले हैं.

ETV Bharat
यूपी एसटीएफ के हत्थे चढ़े साइबर ठगों की तस्वीर (photo Credits ETV Bharat)

दरअसल एक से आठ अगस्त तक पीजीआई की डॉक्टर रुचिका टंडन को डिजिटल अरेस्ट रखा गया. फिर ट्राई और मुंबई क्राइम ब्रांच के अफसर बन उनसे 2.81 करोड़ रुपए ठग लिए. इस मामले में यूपी एसटीएफ ने जांच शुरू की और लखनऊ के फैज उर्फ आदिल, मो. उसामा और मनीष कुमार, मिर्जापुर के आयुष यादव और संतकबीर नगर के दीपक शर्मा को गिरफ्तार किया. इन सभी ने पूछताछ में ठगी करने के अपने पूरे तरीके को बताया कि, कैसे वो मुंबई क्राइम ब्रांच, सीबीआई और ईडी अफसर बन कर ठगी करते हैं, फिर अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर बायनेंस एप से पैसों को कनवर्ट कर लेते थे. यूपी एसटीएफ के डिप्टी एसपी दीपक सिंह ने बताया कि, इस गैंग का शिकार होने वालों में डॉक्टर रुचिका महज एक पीड़ित है. ऐसे सैकड़ों लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर ठग चुके हैं और यह ठगी ये उनकी महिला बॉस चीन में बैठे आकाओं के इशारे पर करवा रही थी.

ETV Bharat
पीजीआई डॉक्टर रुचिका टंडन (photo Credits ETV Bharat)

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि, हम सभी एक दूसरे से सोशल मीडिया के जरिए मिले थे. एक बार हम सभी को एक लड़की ने ग्रुप में जोड़ा और हमे पैसा कमाने का आसान रास्ता बताया. उस लड़की ने हम सभी को एक एक कर व्हाट्सएप कॉल की और डिजिटल अरेस्ट करने के तरीके से परिचय करवाया. आरोपियों ने बताया कि, जिस सोशल मीडिया ग्रुप में उन्हे ऐड कर ट्रेनिंग दी गई थी उसमें पांच सौ से अधिक और भी लोग जुड़े थे. हमें यह बहुत आसान लगा जिसके बाद हम लोगों ने गैंग में शामिल होकर ठगी शुरू की थी. डॉक्टर रुचिका टंडन के साथ भी उन्हीं लोगों ने ठगी की थी.

डॉक्टर के डिजिटल अरेस्ट मामले की जांच में सामने आया है कि, गुजरात की शातिर महिला ठग जो चीन और मलेशिया में बैठे अपने आकाओं के इशारे पर भारत के लोगों को ठग रही है. वह इन युवकों को मोटी सैलरी देती है. बांकी की ठगी हुई रकम को यह बायनंस एप के जरिए क्रिप्टो करेंसी में कनवर्ट करती है और फिर उसे अपने आकाओं को भेज देती है. हालांकि एसटीएफ को अब तक इस महिला से जुड़ी पूरी जानकारी नहीं मिल सकी है.

यूपी एसटीएफ के मुताबिक, बीते दिनों में डिजिटल अरेस्ट से जुड़ी जितनी भी गिरफ्तारियां हुई है, वो उन्हीं जिलों के रहने वाले है जहां का पीड़ित रहता है. जबकि इससे पहले जो साइबर ठगी होती थी वो कहीं दूर किसी राज्य में बैठ कर को जाती है. जांच में सामने आया है कि, चीन में बैठे ठग हर शहर में ग्रुप बना रहे हैं, जिन्हें टारगेट दिए जा रहे हैं लोगों को ठगने के लिए. इन ग्रुप्स पर नजर रखने के लिए संबंधित राज्य से दूर किसी राज्य में एक हेड को तैनात किया जाता है. जो चीन में बैठे सरगनाओं और जिलों के ग्रुप्स के बीच की कड़ी होती है. ऐसे में ठगी हुई रकम का 30 फीसदी देश में बैठे अलग अलग लोगों में बांटा जाता है बांकी का 70 फीसदी सरगनाओं के पास चीन, मलेशिया, थाईलैंड जाता है.


ये भी पढ़े: पहले दिल में खौफ पैदा करना फिर खाते में रुपये ट्रांसफर करा लेना, पढ़िए डिजिटल अरेस्ट से बचने के लिए कैसे बनाएं सुरक्षा का मजबूत चक्रव्यूह - Cyber ​​fraudster digital arrest

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.