दुर्ग : नौकरी लगाने का झांसा देकर साइबर गुलाम बनाने के मामले में दुर्ग पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. पुलिस ने चंगुल से छूटकर भिलाई पहुंचे युवा की रिपोर्ट पर एक्शन लिया और तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
कंप्यूटर ऑपरेटर के नाम पर कराया साइबर क्राइम : पुलिस के मुताबिक, लंबे समय से मानव तस्करी की शिकायत मिल रही थी, लेकिन सबूत नहीं मिल रहा था. दुर्ग शहर के सीएसपी चिराग जैन ने बताया कि 6 सितंबर को एक प्रार्थी ने साइबर रेंज थाना में एफआईआर दर्ज कराया. उसने बताया कि पहले कंप्यूटर ऑपरेटर के नाम पर नौकरी दी गई और लाओस(विदेश) ले जाया गया. वहां उसको पता चला कि कंप्यूटर ऑपरेटर के लिए नहीं, बल्कि साइबर क्राइम और साइबर स्लेव बनाने के लिए लाया गया है. किसी तरह प्रार्थी चंगुल से छुटकर वापस आया और उसने पुलिस से शिकायत की.
मुंबई में मारा छापा, तीन गिरफ्तार : प्रार्थी की शिकायत पर पुलिस ने एक टीम बनाई. यह टीम मुंबई रवाना की गई. भिलाई पहुंचे युवक के बताए ठिकाने पर पुलिस ने दबिश दी और तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें दो पुरुष और एक महिला शामिल है. पुलिस का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानव तस्करी, साइबर स्लेवरी के तार विदेश से जुड़े हैं.
इस केस में पूछताछ करने पर पता चला कि मुंबई की एक कंपनी लोगों को बहला फुसलाकर नौकरी देने का झांसा देती है और साइबर क्राइम कराने के लिए विदेश भेजते हैं. लाओस और कंबोडिया में भारत से बहुत लोग फंसे हैं. अबतक हमें ऐसे दस लोगों का पता चला है, जो विदेश में फंसे हैं. : चिराग जैन, सीएसपी, दुर्ग शहर
थाइलैंड से जुड़े हुए हैं तार : दुर्ग शहर सीएसपी चिराग जैन के मुताबिक, थाइलैंड के दो लोग भी इसमें जुड़े हुए हैं. भारत से जो एप्लिकेंट मूव करता है तो थाइलैंड में रह रहे लोग आगे इनका ट्रांसपोर्टेशन कराते थे. उन तक भी हम पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं.