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बिहार में क्रिप्टो करेंसी के नाम पर ठगी, साइबर फ्रॉड ने इंजीनियर की पत्नी से ठगे 83 लाख रुपये

Cyber Fraud In Muzaffarpur: बिहार में एक इंजीनियर की विधवा पत्नी से क्रिप्टो करेंसी के नाम पर 83 लाख रुपये की साइबर ठगी की गई है. महिला को रुपये दोगुने करने का झांसा दिया गया था. पीड़िता की शिकायत के बाद पुलिस फ्रॉड का पता लगाने में जुटी है.

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बिहार में क्रिप्टो करेंसी के नाम पर ठगी
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 25, 2024, 2:13 PM IST

मुजफ्फरपुरः भारत में क्रिप्टो करेंसी को सरकार ने मान्यता नहीं दी है, लेकिन फिर भी इस व्यवसाय ने छोटे शहरों में भी पांव पसार लिया है और इन दिनों क्रिप्टो करेंसी के जरिए ठगी के मामले काफी बढ़े हैं. बिहार के मुजफ्फरपुर में एक महिला से क्रिप्टो करेंसी के नाम पर 83 लाख रुपये की ठगी की गई. जिसके बाद ठगी का शिकार हुई महिला सीमा थाने पहुंची और एफआईआर दर्ज कराई.

महिला से 83 लाख रुपये की ठगीः सीमा ने बताया कि साइबर थाने में एफआईआर दर्ज कराने के बाद भी उन्हें साइबर शातिरों का कॉल आता रहा. पुलिस ने साइबर शातिरों के दो अकाउंट में उड़ाए गए 11 लाख रुपये होल्ड कराए हैं. पुलिस टीम साइबर शातिरों के सभी डेढ़ दर्जन घोस्ट खातों का ब्योरा लेने का प्रयास कर रही है. पुलिस को दिए एफआईआर में सीमा ने बताया कि उनके पति रविशंकर लाल इंजीनियर थे.

"पति के देहांत के बाद रुपए मिले थे. 11 अक्टूबर 2023 को क्वाइन स्वीच ऐप पर लॉगइन करने का प्रयास कर रही थी, लेकिन ऐप लॉगइन नहीं हुआ. इसके बाद टेलीग्राम पर यूजर आईडी के द्वारा साइबर शातिरों ने मुझसे संपर्क किया. ठग ने खुद को क्वाइन स्वीच ऐप का कस्टमर केयर बताया और उसके बाद इंवेस्ट करने को कहा. धीरे-धारे मुझसे 83 लाख रुपये ठग लिए गए"- पीड़िता सीमा

पहली बार 50 हजार रुपये किए इनवेस्टः सीमा ने बताया कि ठग ने उनसे कहा कि ऐप पर लॉगइन नहीं हो रहा है तो वेबसाइट क्वाइन स्वीच डॉट एक्सवाईजेड से लॉगइन हो जाएगा. वह बार-बार झांसा देता रहा कि इंवेस्ट किए गए रुपए सुरक्षित रहेंगे और 10 प्रतिशत ब्याज भी मिलेगा. उसने वेबसाइट लिंक भी भेजा. सीमा ने पुलिस को बताया कि 13 अक्टूबर 2023 को पहली बार 50 हजार रुपये इनवेस्ट किए.

अकाउंट अनफ्रिज करने के लिए 17 लाख रुपयेः होने इसके बाद धीरे-धीरे 66 लाख रुपये इनवेस्ट कर दिए. जब रुपये वापस मांगे तो उन्होंने अकाउंट फ्रीज होने की बात बताकर इसे अनफ्रिज करने के लिए 17 लाख रुपये और मांगे. यह राशि भेजने के बाद भी अकाउंट अनफ्रिज नहीं हुआ. इस तरह झांसा देकर ठगों ने कुल 83 लाख रुपये मंगा लिए. इसके बाद ठग ने कॉल उठाना बंद कर दिया. जब सीमा को समझ में आया तब तक वो काफी रुपये गंवा चुंकी थीं.

नेशनल साइबर पोर्टल पर दर्ज कराई FIR: साइबर ठगी का एहसास होने के बाद उन्होंने नेशनल साइबर पोर्टल के नंबर 1930 पर कॉल कर शिकायत दर्ज कराई. वहां से केस आईडी दिया गया और साइबर थाने में भी एफआईआर दर्ज कराने के लिए कहा गया. मुजफ्फरपुर साइबर थाने के अपर थानेदार इंस्पेक्टर शमीम अख्तर हवारी ने बताया कि 83 लाख रुपए के फ्रॉड का मामला है.

"साइबर शातिरों के अकाउंट को फ्रिज कराकर 11 लाख रुपए होल्ड कर दिए गए हैं. शातिरों ने दर्जनों खातों में रुपए स्थानांतिरत किए हैं. उनके घोस्ट खातों का ब्योरा लिया जा रहा है. 83 लाख रुपए के फ्रॉड का मामला है"- शमीम अख्तर हवारी, इंस्पेक्टर

क्या है क्रिप्टो करेंसी? : क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल भुगतान प्रणाली है, जो लेन-देन को सत्यापित करने के लिए बैंकों पर निर्भर नहीं होती है. यह एक पीयर-टू-पीयर प्रणाली है जो किसी को भी कहीं भी भुगतान भेजने और प्राप्त करने में सक्षम बना सकती है. कई क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलाॅजी-कंप्यूटरों के एक डिपेरेट नेटवर्क द्वारा लागू एक वितरित लेजर-पर आधारित विकेंद्रित नेटवर्क है. बाहर के देशों में ये काफी प्रचलित है. भारत में भुगतान माध्यम के रूप में क्रिप्टोकरेंसी को किसी भी केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा विनियमित नहीं किया जाता है. भारत में क्रिप्टोकरेंसी के विवादों को निपटाने के लिए कोई नियम और कानून या कोई दिशा-निर्देश निर्धारित नहीं हैं.

ये भी पढ़ेंः अचानक बैंक खाते में गिरा 78 लाख, एक घंटे में 60 खातों में हुआ ट्रांसफर, मुजफ्फरपुर में कपड़ा कारोबारी के उड़े होश


मुजफ्फरपुरः भारत में क्रिप्टो करेंसी को सरकार ने मान्यता नहीं दी है, लेकिन फिर भी इस व्यवसाय ने छोटे शहरों में भी पांव पसार लिया है और इन दिनों क्रिप्टो करेंसी के जरिए ठगी के मामले काफी बढ़े हैं. बिहार के मुजफ्फरपुर में एक महिला से क्रिप्टो करेंसी के नाम पर 83 लाख रुपये की ठगी की गई. जिसके बाद ठगी का शिकार हुई महिला सीमा थाने पहुंची और एफआईआर दर्ज कराई.

महिला से 83 लाख रुपये की ठगीः सीमा ने बताया कि साइबर थाने में एफआईआर दर्ज कराने के बाद भी उन्हें साइबर शातिरों का कॉल आता रहा. पुलिस ने साइबर शातिरों के दो अकाउंट में उड़ाए गए 11 लाख रुपये होल्ड कराए हैं. पुलिस टीम साइबर शातिरों के सभी डेढ़ दर्जन घोस्ट खातों का ब्योरा लेने का प्रयास कर रही है. पुलिस को दिए एफआईआर में सीमा ने बताया कि उनके पति रविशंकर लाल इंजीनियर थे.

"पति के देहांत के बाद रुपए मिले थे. 11 अक्टूबर 2023 को क्वाइन स्वीच ऐप पर लॉगइन करने का प्रयास कर रही थी, लेकिन ऐप लॉगइन नहीं हुआ. इसके बाद टेलीग्राम पर यूजर आईडी के द्वारा साइबर शातिरों ने मुझसे संपर्क किया. ठग ने खुद को क्वाइन स्वीच ऐप का कस्टमर केयर बताया और उसके बाद इंवेस्ट करने को कहा. धीरे-धारे मुझसे 83 लाख रुपये ठग लिए गए"- पीड़िता सीमा

पहली बार 50 हजार रुपये किए इनवेस्टः सीमा ने बताया कि ठग ने उनसे कहा कि ऐप पर लॉगइन नहीं हो रहा है तो वेबसाइट क्वाइन स्वीच डॉट एक्सवाईजेड से लॉगइन हो जाएगा. वह बार-बार झांसा देता रहा कि इंवेस्ट किए गए रुपए सुरक्षित रहेंगे और 10 प्रतिशत ब्याज भी मिलेगा. उसने वेबसाइट लिंक भी भेजा. सीमा ने पुलिस को बताया कि 13 अक्टूबर 2023 को पहली बार 50 हजार रुपये इनवेस्ट किए.

अकाउंट अनफ्रिज करने के लिए 17 लाख रुपयेः होने इसके बाद धीरे-धीरे 66 लाख रुपये इनवेस्ट कर दिए. जब रुपये वापस मांगे तो उन्होंने अकाउंट फ्रीज होने की बात बताकर इसे अनफ्रिज करने के लिए 17 लाख रुपये और मांगे. यह राशि भेजने के बाद भी अकाउंट अनफ्रिज नहीं हुआ. इस तरह झांसा देकर ठगों ने कुल 83 लाख रुपये मंगा लिए. इसके बाद ठग ने कॉल उठाना बंद कर दिया. जब सीमा को समझ में आया तब तक वो काफी रुपये गंवा चुंकी थीं.

नेशनल साइबर पोर्टल पर दर्ज कराई FIR: साइबर ठगी का एहसास होने के बाद उन्होंने नेशनल साइबर पोर्टल के नंबर 1930 पर कॉल कर शिकायत दर्ज कराई. वहां से केस आईडी दिया गया और साइबर थाने में भी एफआईआर दर्ज कराने के लिए कहा गया. मुजफ्फरपुर साइबर थाने के अपर थानेदार इंस्पेक्टर शमीम अख्तर हवारी ने बताया कि 83 लाख रुपए के फ्रॉड का मामला है.

"साइबर शातिरों के अकाउंट को फ्रिज कराकर 11 लाख रुपए होल्ड कर दिए गए हैं. शातिरों ने दर्जनों खातों में रुपए स्थानांतिरत किए हैं. उनके घोस्ट खातों का ब्योरा लिया जा रहा है. 83 लाख रुपए के फ्रॉड का मामला है"- शमीम अख्तर हवारी, इंस्पेक्टर

क्या है क्रिप्टो करेंसी? : क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल भुगतान प्रणाली है, जो लेन-देन को सत्यापित करने के लिए बैंकों पर निर्भर नहीं होती है. यह एक पीयर-टू-पीयर प्रणाली है जो किसी को भी कहीं भी भुगतान भेजने और प्राप्त करने में सक्षम बना सकती है. कई क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलाॅजी-कंप्यूटरों के एक डिपेरेट नेटवर्क द्वारा लागू एक वितरित लेजर-पर आधारित विकेंद्रित नेटवर्क है. बाहर के देशों में ये काफी प्रचलित है. भारत में भुगतान माध्यम के रूप में क्रिप्टोकरेंसी को किसी भी केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा विनियमित नहीं किया जाता है. भारत में क्रिप्टोकरेंसी के विवादों को निपटाने के लिए कोई नियम और कानून या कोई दिशा-निर्देश निर्धारित नहीं हैं.

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