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सोशल मीडिया पर पोस्ट न करें तस्वीरें, पलभर में खाली हो जाएगा बैंक अकाउंट, बचने के लिए करें ये उपाय - Clone Photos - CLONE PHOTOS

Cyber Criminals: अगर आप सोशल मीडिया पर अपनी ऐसी तस्वीरें पोस्ट करते हैं, जिसमें आपकी उंगलियां को निशान हों तो आपको सावधान रहने की जरूरत है. साइबर क्रिमिनल इन तस्वीरों का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं.

सोशल मीडिया पर पोस्ट न करें तस्वीरें
सोशल मीडिया पर पोस्ट न करें तस्वीरें (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 30, 2024, 7:26 PM IST

नई दिल्ली: डिजिटल युग के इस दौर में सोशल मीडिया पर फोटो शेयर करना कोई नई बात नहीं है. हालांकि, कई बार आपकी एक साधारण सी तस्वीर आपके लिए बड़ा खतरा बन सकती है. खासकर ऐसी तस्वीरें जिन पर आपकी उंगलियों के निशान हों. अगर आप सोशल मीडिया पर अपनी ऐसी तस्वीरें पोस्ट करते हैं, जिसमें आपकी उंगलियां को निशान हों तो आपको सावधान रहने की जरूरत है.

दरअसल, साइबर क्रिमिनल आपकी उंगलियों के निशान का उपयोग करके आपकी आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (AEPS) से रुपये निकाल सकते हैं. इतना ही वे इससे अन्य गैर-कानूनी कार्यों को भी अंजाम दे सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तर प्रदेश के नोएडा में कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां ठगों ने लोगों की फोटो से उनके फिंगरप्रिंट का क्लोन तैयार करके और उसका गलत इस्तेमाल किया.

ऐसे में जरूरी है कि आप सोशल मीडिया पर अपनी ऐसी कोई भी तस्वीर पोस्ट न करें, जिसमें आपके फिंगरप्रिंट या अन्य संवेदनशील जानकारी दिख रही हो. इसके अलावा सोशल मीडिया अकाउंट्स में अपनी प्राइवेसी सेटिंग्स को मजबूत करें और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल करें.

क्यों जरूरी है आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम में सुरक्षा?
बता दें कि आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (AEPS) एक ऐसा सिस्टम है, जो आधार नंबर और बायोमेट्रिक आइडेंटिटी की बेस पर बैंकिंग लेनदेन की सुविधा देता है. इस सिस्टम में फिंगरप्रिंट की सिक्योरिटी काफी ज्यादा जरूरी है. आज कल ज्यादातर लोग महज इसलिए साइबर ठगी का शिकार सिर्फ इसलिए हो जाते हैं, क्योंकि वे सोशल मीडिया पर पर्सनल जानकारी शेयर करते हैं.

बायोमेट्रिक्स को कैसे रखें सुरक्षित?
अपनी बायोमेट्रिक आइडेंटिटी को सुरक्षित रखने के लिए सोशल मीडिया पर ऐसी फोटो या जानकारी शेयर न करें, जिसमें आपकी उंगलियों के निशान, फेस आइडेंटिटी या अन्य बायोमेट्रिक जानकारी मौजूद हो.

इसके अलावा अपने सभी ऑनलाइन अकाउंट्स की सुरक्षा के लिए टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) का इस्तेमाल करें, जिससे आपकी जानकारी तक एक्सेस करना किसी के लिए भी कठिन हो जाए. साथ अपनी बायोमेट्रिक जानकारी को किसी भी अनधिकृत ऐप या वेबसाइट पर डालने से बचें.

सॉफ्टवेयर अपडेट करते रहें
अपने मोबाइल फोन और अन्य डिवाइस के ऑपरेटिंग सिस्टम और सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर को रेगूलर अपडेट करते रहें. ऐसा करने से आपके डिवाइस को लेटेस्ट सुरक्षा मिलती है. अगर आपको लगता है कि कोई आपकी बायोमेट्रिक जानकारी का दुरुपयोग कर सकता है, तो तुरंत संबंधित अधिकारियों या साइबर क्राइम विभाग में इसकी शिकायत दर्ज करें.

बायोमेट्रिक्स की जांच कैसे करें
अगर आपका बायोमेट्रिक डेटा किसी सर्विस से जुड़ा हुआ है, तो नियमिच रूप से अपने बैंक स्टेटमेंट्स चेक करते रहें और किसी भी संदिग्ध लेन-देन की जानकारी तुरंत बैंक को दें. कुछ सर्विस में आपको यह ऑप्शन मिलता है कि आपने अपना बायोमेट्रिक डेटा कब और कहां इस्तेमाल किया था. ऐसे लॉग्स को नियमित रूप से चेक करें.

साइबर सेफ्टी टूल्स इस्तेमाल करें
आज कल ऐसे साइबर सेफ्टी टूल्स उपलब्ध हैं, जो आपकी बायोमेट्रिक जानकारी को प्रोटेक्ट करने में मदद कर सकते हैं. इन टूल्स को अपने डिवाइस पर इंस्टॉल करें और उन्हें लगातार स्कैन करते रहें. अगर आपका आधार कार्ड बायोमेट्रिक्स से जुड़ा है, तो आधार की वेबसाइट या मोबाइल ऐप की मदद से नियमित रूप से अपने बायोमेट्रिक जानकारी की जांच करते रहें.

यह भी पढ़ें- गर्ल्स हॉस्टल के वॉशरूम में मिला हिडन कैमरा, लड़कों के छात्रावास में बिके वीडियो, छात्राओं का प्रदर्शन

नई दिल्ली: डिजिटल युग के इस दौर में सोशल मीडिया पर फोटो शेयर करना कोई नई बात नहीं है. हालांकि, कई बार आपकी एक साधारण सी तस्वीर आपके लिए बड़ा खतरा बन सकती है. खासकर ऐसी तस्वीरें जिन पर आपकी उंगलियों के निशान हों. अगर आप सोशल मीडिया पर अपनी ऐसी तस्वीरें पोस्ट करते हैं, जिसमें आपकी उंगलियां को निशान हों तो आपको सावधान रहने की जरूरत है.

दरअसल, साइबर क्रिमिनल आपकी उंगलियों के निशान का उपयोग करके आपकी आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (AEPS) से रुपये निकाल सकते हैं. इतना ही वे इससे अन्य गैर-कानूनी कार्यों को भी अंजाम दे सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तर प्रदेश के नोएडा में कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां ठगों ने लोगों की फोटो से उनके फिंगरप्रिंट का क्लोन तैयार करके और उसका गलत इस्तेमाल किया.

ऐसे में जरूरी है कि आप सोशल मीडिया पर अपनी ऐसी कोई भी तस्वीर पोस्ट न करें, जिसमें आपके फिंगरप्रिंट या अन्य संवेदनशील जानकारी दिख रही हो. इसके अलावा सोशल मीडिया अकाउंट्स में अपनी प्राइवेसी सेटिंग्स को मजबूत करें और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल करें.

क्यों जरूरी है आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम में सुरक्षा?
बता दें कि आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (AEPS) एक ऐसा सिस्टम है, जो आधार नंबर और बायोमेट्रिक आइडेंटिटी की बेस पर बैंकिंग लेनदेन की सुविधा देता है. इस सिस्टम में फिंगरप्रिंट की सिक्योरिटी काफी ज्यादा जरूरी है. आज कल ज्यादातर लोग महज इसलिए साइबर ठगी का शिकार सिर्फ इसलिए हो जाते हैं, क्योंकि वे सोशल मीडिया पर पर्सनल जानकारी शेयर करते हैं.

बायोमेट्रिक्स को कैसे रखें सुरक्षित?
अपनी बायोमेट्रिक आइडेंटिटी को सुरक्षित रखने के लिए सोशल मीडिया पर ऐसी फोटो या जानकारी शेयर न करें, जिसमें आपकी उंगलियों के निशान, फेस आइडेंटिटी या अन्य बायोमेट्रिक जानकारी मौजूद हो.

इसके अलावा अपने सभी ऑनलाइन अकाउंट्स की सुरक्षा के लिए टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) का इस्तेमाल करें, जिससे आपकी जानकारी तक एक्सेस करना किसी के लिए भी कठिन हो जाए. साथ अपनी बायोमेट्रिक जानकारी को किसी भी अनधिकृत ऐप या वेबसाइट पर डालने से बचें.

सॉफ्टवेयर अपडेट करते रहें
अपने मोबाइल फोन और अन्य डिवाइस के ऑपरेटिंग सिस्टम और सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर को रेगूलर अपडेट करते रहें. ऐसा करने से आपके डिवाइस को लेटेस्ट सुरक्षा मिलती है. अगर आपको लगता है कि कोई आपकी बायोमेट्रिक जानकारी का दुरुपयोग कर सकता है, तो तुरंत संबंधित अधिकारियों या साइबर क्राइम विभाग में इसकी शिकायत दर्ज करें.

बायोमेट्रिक्स की जांच कैसे करें
अगर आपका बायोमेट्रिक डेटा किसी सर्विस से जुड़ा हुआ है, तो नियमिच रूप से अपने बैंक स्टेटमेंट्स चेक करते रहें और किसी भी संदिग्ध लेन-देन की जानकारी तुरंत बैंक को दें. कुछ सर्विस में आपको यह ऑप्शन मिलता है कि आपने अपना बायोमेट्रिक डेटा कब और कहां इस्तेमाल किया था. ऐसे लॉग्स को नियमित रूप से चेक करें.

साइबर सेफ्टी टूल्स इस्तेमाल करें
आज कल ऐसे साइबर सेफ्टी टूल्स उपलब्ध हैं, जो आपकी बायोमेट्रिक जानकारी को प्रोटेक्ट करने में मदद कर सकते हैं. इन टूल्स को अपने डिवाइस पर इंस्टॉल करें और उन्हें लगातार स्कैन करते रहें. अगर आपका आधार कार्ड बायोमेट्रिक्स से जुड़ा है, तो आधार की वेबसाइट या मोबाइल ऐप की मदद से नियमित रूप से अपने बायोमेट्रिक जानकारी की जांच करते रहें.

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