देहरादून: उत्तराखंड एसटीएफ साइबर फ्रॉड करने वाले आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने का काम कर रही है. इसी क्रम में टीम ने 68 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के एक आरोपी को भोपाल से गिरफ्तार किया है. आरोपी का गिरोह शेयर मार्केट और स्टॉक ट्रेडिंग की अलग-अलग कंपनियों की फर्जी वेबसाइट बनाकर धोखाधड़ी करते हैं. बहरहाल पुलिस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है.
शेयर मार्केट और स्टॉक ट्रेडिंग के नाम पर ठगी: बता दें कि साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में देहरादून निवासी पीड़ित ने शिकायत दर्ज कराई थी कि अज्ञात साइबर अपराधी Melissa नामक महिला द्वारा उसके व्हाट्सएप नंबर पर मैसेज कर A7-BlackRock Investor Alliance नामक व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ा गया था. जिसमें किसी एस राम नाम के व्यक्ति को भी BlackRock India का Chief Stock Analysist और शेयर मार्केट एक्सपर्ट कहकर जोड़ा गया. जिसके बाद एस राम द्वारा ग्रुप में शेयर मार्केट ट्रेडिंग के विषय में क्लास दी गई और Melissa नामक महिला द्वारा लिंक के माध्यम से एक दूसरे व्हाट्सएप ग्रुप A21 Angel Broking कस्टमर केयर में जोड़ा गया.
आरोपी भोपाल से उत्तराखंड एसटीएफ के हत्थे चढ़ा: इसके बाद Angel One Company का एप बताकर Angelbg एप डाउनलोड कराकर शेयर मार्केट में निवेश कर लाभ कमाने के नाम पर और विश्वास में लेकर अलग-अलग लेन-देन के माध्यम से लगभग 68,00,000 रुपये की धोखाधड़ी की गई. पीड़ित की तहरीर के आधार अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. पुलिस द्वारा सबूत इकट्ठे करने के बाद 2 आरोपी विकास त्रिवेदी और अभिषेक मिश्रा को धारा 41क सीरपीएस के नोटिस तामील कराए गये थे. जिसके बाद पुलिस टीम द्वारा केस में एक अन्य आरोपी सनमान सिंह को भोपाल (मध्य प्रदेश) से गिरफ्तार किया गया.
आरोपी अन्य साथियों के साथ मिलकर चलाता था गिरोह: एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि आरोपी द्वारा अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर फर्जी कंपनी तैयार कर खुद को अलग-अलग शेयर मार्केट और स्टॉक ट्रेडिंग कंपनी के अधिकारी और कर्मचारी बताते हुए आम जनता की कमाई को हड़पने के लिए व्हाट्सएप कॉल और मैसेज कर स्टॉक ट्रेडिंग और शेयर मार्केट में निवेश की जानकारी देकर लाभ कमाने का प्रलोभन दिया जाता है. उन्होंने कहा कि आम जनता को विश्वास में लेकर अलग-अलग फर्जी व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़कर लिंक के माध्यम से अलग-अलग App डाउनलोड कराकर इन्वेस्टमेंट के नाम पर धोखाधड़ी की जाती है. धोखाधड़ी से प्राप्त धनराशि को अलग-अलग बैंक खातों में प्राप्त कर धनराशि का प्रयोग करते हैं.
ये भी पढ़ें-