पटना: बिहार की काराकाट लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय उतरे भोजपुरी अभिनेता पवन सिंह ने अपना काम कर दिया. हॉट सीट काराकाट में पवन सिंह ने उपेंद्र कुशवाहा का खेल खत्म कर दिया. यहां सीपीआईएमएल के राजाराम सिंह ने जीत दर्ज की है. भोजपुरी पॉवर स्टार पवन सिंह दूसरे स्थान पर जबकि एनडीए कैंडिडेट उपेंद्र कुशवाहा को तीसरे स्थान पर रहे. इंडिया गठबंधन से सीपीआई माले के उम्मीदवार राजाराम कुशवाहा ने जीत का श्रेय काराकाट की जनता को दिया.
काराकाट से पवन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा हारे: बिहार के काराकाट हॉट सीट पर चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव में माना जा रहा था कि काराकाट लोकसभा सीट से निर्दलीय मैदान में उतरे पवन सिंह या फिर एनडीए कैंडिडेट उपेंद्र कुशवाहा की यहां से जीत हो सकती थी. लेकिन त्रिकोणीय मुकाबले में सीपीआईएमएल के राजा राम सिंह ने बाजी मार ली.
पवन सिहं दूसरे नंबर पर: पवन सिंह ने उपेंद्र कुशवाहा का खेल खराब कर दिया. माले के राजाराम सिंह को 318730 वोट मिले. पवन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा के वोटों में काफी अंतर नहीं है. पवन सिंह को 226474 वोट जबकि तीसरे स्थान पर है एनडीए उम्मीदवार उपेन्द्र कुशवाहा को 217109 वोट मिले.
"देश में लोकतंत्र तथा संविधान खतरे में था. यहां नौजवान बेरोजगारी का दंश झेल रहे थे. किसानों की खेती पूंजी पत्तियों को बेचने की साजिश चल रही थी. जिसे लेकर नौजवान महिलाओं सहित में लोगों में भारी आक्रोश था. जिसे बचाने के लिए काराकाट की जनता ने साथ इंडिया महागठबंधन के पक्ष में जो भरोसा जताया है. काराकाट की जनता की जो भी अपेक्षाएं हैं वह जी जान लगाकर पूरी करेंगे. काराकाट में विकास की गंगा बहाएंगे." -राजा राम कुशवाहा, विजयी उम्मीदवार, काराकाट
सीपीआईएमएल का बिहार में डबल धमाका: काराकाट लोकसभा सीट हॉट सीट बना हुआ था और भोजपुरी फिल्म स्टार पवन सिंह ने लड़ाई को दिलचस्प बना दिया था. पवन सिंह दूसरे स्थान पर रहे. वह उपेंद्र कुशवाहा के हार का कारण बने. सीपीआईएमएल ने बिहार में डबल धमाका किया है और 35 साल बाद पार्टी ने मजबूती से कदम बढ़ाया है. पार्टी के दो नेता चुनाव जीत गए हैं. पहली बार सीपीआईएमएल के खाते में दो लोकसभा सीट गई है.
पवन सिंह ने बिगाड़ा खेल: बता दें कि पवन सिंह को बीजेपी ने आसनसोल से टिकट दिया था. पवन सिंह आसनसोल से चुनाव लड़ने से मना कर दिया था. उन्हें उम्मीद थी कि बीजेपी कहीं और से टिकट दे देगी. जब ऐसा नहीं हुआ तो उन्होंने एलान किया कि वह काराकाट से चुनाव लड़ेंगे. पार्टी में रहते हुए पवन सिंह ने निर्दलीय नामांकन दाखिल कर दिया. पार्टी को जब नहीं छोड़ा तो बीजेपी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया. अब पवन सिंह तो हारे ही उधर एनडीए के प्रत्याशी की भी हार हो गई.
ये भी पढ़ें