रांची: झारखंड के चुनावी रण में सीपीआईएम ने वैकल्पिक लाइन खींचने की कोशिश की है. एनडीए और इंडिया गठबंधन से दूर होकर अलग लाइन पर चल रही सीपीआईएम को उम्मीद है कि विधानसभा चुनाव में जरूर खाता खुलेगा.
पार्टी की पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात ने ईटीवी भारत संवाददाता भुवन किशोर झा से खास बातचीत में कहा कि इस बार का चुनाव सिद्धांतहीन चुनाव हो रहा है. जिसमें एक तरफ जेएमएम गठबंधन और दूसरी तरफ एनडीए गठबंधन है. बीजेपी पूरी तौर पर झूठ और जहर के ब्रांड ऑफ पॉलिटिक्स चला रही है जिसकी कमान प्रधानमंत्री खुद संभाल रखे हैं.
उन्होंने कहा कि कितने दुख की बात है कि प्रधानमंत्री झूठ बात बोल रहे हैं. उन्होंने कहा कि कितने दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि इतने मिथ्या बात प्रधानमंत्री बोल रहे हैं कि घुसपैठिए आदिवासी की जमीन ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी को थोड़ा राजमहल जाकर देखन्ए चीहिये, घुसपैठी नहीं बल्कि आपके दोस्त हैं जो लूट-पैठी कर रहे हैं. अडानी और अंबानी की जो बड़ी-बड़ी माइनिंग कंपनी हैं वह बगैर आदिवासियों की सहमति से जबरदस्ती दखल कर रहे हैं.
आदिवासी लड़कों और लड़कियों को कोई नौकरी नहीं दे रहे हैं. यह घुसपैठी नहीं बल्कि लूट पैठी हैं. यह झूठ बोलना और झूठ के साथ जहर फैलाना, किसी विशेष कम्युनिटी को टारगेट करके भ्रम फैलाना सही नहीं है. मगर आश्चर्य है कि इलेक्शन कमीशन चुप बैठा हुआ है, यह बहुत गलत चीज है.
इसलिए मैंने कहा कि एक तरफ बीजेपी का और दूसरी तरफ जेएमएम का जो पूरा प्रचार हो रहा है और जो हम देख रहे हैं उसमें आप दलबदलुओं को टिकट देकर क्या मैसेज दे रहे हैं? यह सिद्धांतहीनता का एक प्रतीक है.
उन्होंने कहा कि कल तक जो सिद्धांतों के खिलाफ बोल रहे थे, सेकुलरिज्म के खिलाफ और जनता की मांगों के खिलाफ बोल रहे थे, आप के पास आ गए और आपने उनको तुरन्त टिकट दे दिया. यह क्या सिद्धांतहीनता नहीं तो फिर और क्या है?
सीपीआई एम ने चुना है वैकल्पिक लाइन- वृंदा करात
झारखंड के चुनावी समर में अलग लाइन के बजाय वैकल्पिक लाइन की बात करते हुए वृंदा करात ने कहा कि सिद्धांतहीनता के बीच में यह अनिवार्य है कि झारखंड की जनता यह महसूस करे कि ऐसी शक्तियां हैं जो बीजेपी के खिलाफ लड़कर एक वैकल्पिक सिद्धांत से ऊपर खड़े होकर चुनाव लड़ सकेंं.
जेएमएम ने कभी गठबंधन को लेकर बातचीत नहीं की- वृंदा करात
एक सवाल के जवाब में वृंदा करात ने कहा कि जेएमएम ने कभी भी रीच आउट नहीं की और ना ही बातचीत करने का प्रयास किया और हम भी समझ गए थे कि उनके आपस के इतने झगड़े हैं तो उस विवाद में पड़कर हम अपनी सिद्धांत को खोना नहीं चाह रहे थे. हमारी चुनाव की तैयारी तो कई महीनों से चल रही है और यह 9 सीट की घोषणा और इसकी तैयारी, मुझे लगता है कि कम से कम 6- 7 महीने पहले हमारे यहां राज्य कमेटी की बैठक में हो गया था कि हम लोग अलग से ही चुनाव लड़ेंगे.
सीपीआई एम की वैकल्पिक लाइन होगा प्रभावी- वृंदा करात
एक सवाल के जवाब में वृंदा करात ने कहा कि संघर्ष के साथ जुड़े इलाके में, जहां हमारे साथियों ने संघर्ष किया, जहां हमारे साथी जनता के बीच रहकर भू माफिया के खिलाफ खड़े होकर बचाव का काम किये हैं, हम उन्हीं सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं क्योंकि हमारा लक्ष्य चुनाव का वोट तो है लेकिन साथ-साथ हमारा लक्ष्य यह भी है कि वहां कैसे मजबूत बेस बने जो आने वाले दिनों में भी हम उन गलत शक्तियों का किस प्रकार से मुकाबला करें.
लाल झंडे का असर नहीं होगा कम, हमें इसपर है गर्व- वृंदा करात
झारखंड में लाल झंडे का असर कम होने से इनकार करते हुए वृंदा करात ने कहा कि लाल झंडा लेने वाले तो यहां बहुत ही दल हैं जहां तक सीपीएम का सवाल है तो मुझे गर्व है कि बगैर पैसे की बगैर धन के, केवल कुर्बानी और त्याग के आधार पर हमारे कार्यकर्ता आज जिस मैदान में खड़े हैं वह दलबदलू नहीं हैं क्योंकि हमारे साथी गरीब हैं जरूर लेकिन सिद्धांतहीन नहीं हैं.
उन्होंने कहा हमारे सीपीआई एम के कार्यकर्ता गरीब हैं जरूर लेकिन विचारों में धनी हैं, सिद्धांतों में धनी हैं,त्याग देने की शक्ति में धनी हैं और उसी गर्व को लेकर हम आज खड़े हैं.
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