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वायनाड लैंडस्लाइड: एक गाय ने ऐसे बचाई पूरे परिवार की जान - A Cow Saves a Family

A Cow Saves a Family in Wayanad LandSlides: केरल के वायनाड में भूस्खलन की रात पालतू गाय ने भगवान की तरह परिवार को खतरे के बारे में आगाह किया और पूरे परिवार को बचा लिया. इस घटना की चर्चा हो रही है.

A Cow Saves a Family in Wayanad Land Slide
वायनाड में खुशनसीब परिवार (ETV Bharat Kerala Desk)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 31, 2024, 1:21 PM IST

चामराजनगर: केरल के वायनाड में भूस्खलनों के चलते भारी तबाही के बीच एक परिवार खुशनसीब निकला. गाय से लगाव के चलते पूरे परवार की जान बच गई. तबाही आने से चंद सेकेंड पहले उसकी गाय रोने लगी और यही रोना उसके बचने की घंटी थी.

केरल के वायनाड में भूस्खलन के दौरान चामराजनगर के एक परिवार की जान चंद सेकंड में बच गयी. विनोद, जयश्री, सिद्धाराजू, महेश और गौरम्मा चुरल माले में थे. वे भूस्खलन की चपेट में आने से बच गए. विनोद की पत्नी प्रविदा, सास लक्ष्मी और पुट्टासिद्दम्मा मेपाडी में थी. चुरल माले और मेपाडी के बीच की दूरी 6 किमी है. प्रविदा, लक्ष्मी, पुट्टासिद्दम्मा और 2 महीने का बच्चा जो मेपाडी में थे. वे सुरक्षित चामराजनगर पहुंच गए हैं.

गाय ने बचाई परिवार की जान
भूस्खलन की रात विनोद का परिवार चूरल माले में घर में सो रहा था. तभी खलिहान में गाय अचानक से रोने लगी. गाय के रोने की आवाज सुनकर विनोद की नींद खुली गई. वह तुरंत खलिहान में गया और देखा कि गाय की आंखों में आंसू भरे हुए थे. उसने तुरंत घर के लोगों को जगाया और पहाड़ी की चोटी पर गया.

पहाड़ी पर चढ़ने के कुछ ही देर बाद घर और भीषण भूस्खलन हुआ और सबकुछ तबाह हो गया. गाड़ी जमीन में दबी गई. घर के पास बना पुल भी दो हिस्सों में बंट गया. प्रविदा, श्रीलक्ष्मी और पुट्टासिद्दम्मा सुरक्षित जगह पर आ गए और मंगलवार शाम को कार से चामराजनगर पहुंचे क्योंकि विनोद ने तुरंत अपनी पत्नी को जो मेपाडी में थी, सुरक्षित जगह पर जाने को कहा. बचाव दल द्वारा बचाव कार्य जारी है. पालतू गाय ने भगवान की तरह परिवार को खतरे के बारे में आगाह किया और पूरे परिवार को बचा लिया.

विनोद की पत्नी प्रविदा ने बताया कि मेरे पति ने मुझे फोन करके जानकारी दी कि बाढ़ आ गई है. पूरा घर बह गया है. वे सभी सुरक्षित हैं. मैंने पूछा कि उन्हें भूस्खलन के बारे में कैसे पता चला? उन्होंने बताया कि रात 1:45 बजे से घर में गाय रो रही थी. वे देखने गए थे कि गाय क्यों रो रही थी. उस समय खलिहान में पानी आ गया था. गाय रो रही थी इसलिए वे सभी बच गए.

विनोद की सास लक्ष्मी ने कहा,'हमने अपनी बेटी की शादी वहीं की है जहां भूस्खलन हुआ है. हम अपनी बेटी को अब घर ले आए हैं. हमारे दामाद, सास, ननद, साला सब वहां फंसे हुए हैं. पुल टूटा हुआ है और कोई भी इस तरफ वापस नहीं आ सकता. कोई भी इस तरफ से उस तरफ नहीं जा सकता. वे कह रहे हैं कि हेलीकॉप्टर भेजकर उन्हें सुरक्षित कर देंगे लेकिन अभी तक हेलीकॉप्टर नहीं गया है. वहां का मौसम ठीक नहीं है.'

ये भी पढ़ें- केरल: वायनाड भूस्खलन से तबाही, बचाव अभियान जारी, मृतकों की संख्या बढ़कर 164 हुई

चामराजनगर: केरल के वायनाड में भूस्खलनों के चलते भारी तबाही के बीच एक परिवार खुशनसीब निकला. गाय से लगाव के चलते पूरे परवार की जान बच गई. तबाही आने से चंद सेकेंड पहले उसकी गाय रोने लगी और यही रोना उसके बचने की घंटी थी.

केरल के वायनाड में भूस्खलन के दौरान चामराजनगर के एक परिवार की जान चंद सेकंड में बच गयी. विनोद, जयश्री, सिद्धाराजू, महेश और गौरम्मा चुरल माले में थे. वे भूस्खलन की चपेट में आने से बच गए. विनोद की पत्नी प्रविदा, सास लक्ष्मी और पुट्टासिद्दम्मा मेपाडी में थी. चुरल माले और मेपाडी के बीच की दूरी 6 किमी है. प्रविदा, लक्ष्मी, पुट्टासिद्दम्मा और 2 महीने का बच्चा जो मेपाडी में थे. वे सुरक्षित चामराजनगर पहुंच गए हैं.

गाय ने बचाई परिवार की जान
भूस्खलन की रात विनोद का परिवार चूरल माले में घर में सो रहा था. तभी खलिहान में गाय अचानक से रोने लगी. गाय के रोने की आवाज सुनकर विनोद की नींद खुली गई. वह तुरंत खलिहान में गया और देखा कि गाय की आंखों में आंसू भरे हुए थे. उसने तुरंत घर के लोगों को जगाया और पहाड़ी की चोटी पर गया.

पहाड़ी पर चढ़ने के कुछ ही देर बाद घर और भीषण भूस्खलन हुआ और सबकुछ तबाह हो गया. गाड़ी जमीन में दबी गई. घर के पास बना पुल भी दो हिस्सों में बंट गया. प्रविदा, श्रीलक्ष्मी और पुट्टासिद्दम्मा सुरक्षित जगह पर आ गए और मंगलवार शाम को कार से चामराजनगर पहुंचे क्योंकि विनोद ने तुरंत अपनी पत्नी को जो मेपाडी में थी, सुरक्षित जगह पर जाने को कहा. बचाव दल द्वारा बचाव कार्य जारी है. पालतू गाय ने भगवान की तरह परिवार को खतरे के बारे में आगाह किया और पूरे परिवार को बचा लिया.

विनोद की पत्नी प्रविदा ने बताया कि मेरे पति ने मुझे फोन करके जानकारी दी कि बाढ़ आ गई है. पूरा घर बह गया है. वे सभी सुरक्षित हैं. मैंने पूछा कि उन्हें भूस्खलन के बारे में कैसे पता चला? उन्होंने बताया कि रात 1:45 बजे से घर में गाय रो रही थी. वे देखने गए थे कि गाय क्यों रो रही थी. उस समय खलिहान में पानी आ गया था. गाय रो रही थी इसलिए वे सभी बच गए.

विनोद की सास लक्ष्मी ने कहा,'हमने अपनी बेटी की शादी वहीं की है जहां भूस्खलन हुआ है. हम अपनी बेटी को अब घर ले आए हैं. हमारे दामाद, सास, ननद, साला सब वहां फंसे हुए हैं. पुल टूटा हुआ है और कोई भी इस तरफ वापस नहीं आ सकता. कोई भी इस तरफ से उस तरफ नहीं जा सकता. वे कह रहे हैं कि हेलीकॉप्टर भेजकर उन्हें सुरक्षित कर देंगे लेकिन अभी तक हेलीकॉप्टर नहीं गया है. वहां का मौसम ठीक नहीं है.'

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