ETV Bharat / bharat

'अकबर-सीता' का नाम अब 'सूरज-तनया', सीएम ममता बनर्जी ने बदले शेर और शेरनी के नाम - Sita and Akbar row

author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 1, 2024, 5:32 PM IST

Controversy naming lions Sita Akbar: पश्चिम बंगाल के एक चिड़ियाघर में रखे शेर, शेरनी का नाम अकबर और सीता रखे जाने पर काफी विवाद हुआ था. वहीं, अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शेर जोड़े का नाम बदलकर सूरज और तनया रख दिया है.

Bengal Safari Park
बंगाल सफारी पार्क में शेर और शेरनी (ETV Bharat)

सिलीगुड़ी: बंगाल सफारी पार्क में शेर और शेरनी के नाम अकबर और सीता रखा गया था. जिसको लेकर भारी विवाद खड़ा हो गया था. खबर के मुताबिक, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शेर जोड़े का नाम बदलकर सूरज और तनया रख दिया है. अतिरिक्त महाधिवक्ता जयजीत चौधरी ने बताया कि, सीएम ममता ने खुद सफारी पार्क में शेर जोड़े का नाम रखा. वहीं, शेर और शेरनी के नाम बदले जाने से राज्य वन विभाग ने राहत की सांस ली है.

'अकबर' और 'सीता' का बदल गया नाम
त्रिपुरा से लाए गए शेर जोड़े के नाम बदलने को लेकर अतिरिक्त महाधिवक्ता जयजीत चौधरी ने कहा, 'त्रिपुरा से लाए गए शेर जोड़े के नाम बदले जाने का मामला सर्किट बेंच में सुलझ गया है. जयजीत चौधरी ने कहा कि, 'शिकायत की गई थी कि, पश्चिम बंगाल सरकार के वन विभाग ने शेर जोड़े का नाम दिया है. अब साबित हो गया है कि, इस मामले में त्रिपुरा सरकार और संबंधित चिड़ियाघर प्राधिकरण की कोई भूमिका नहीं थी.'

ममता बनर्जी ने शेर जोड़े का रखा नया नाम
इस संबंध में राज्य के वन मंत्री बीरबाहा हांसदा ने कहा कि, उन्होंने पहले कहा था कि इस मामले में कोई विवाद नहीं है जिसे त्रिपुरा सरकार ने अदालत में साबित कर दिया है. उन्होंने कहा कि, मुख्यमंत्री ने शेर जोड़े का नाम सूरज और तनया रखा है.

शेर जोड़े के नाम को लेकर विवाद
बता दें कि, अकबर और सीता नाम के शेर जोड़े को 12 फरवरी को त्रिपुरा के बिशालगढ़ में सिपाहीजला प्राणी उद्यान से पश्चिम बंगाल के बंगाल सफारी पार्क में लाया गया था. शेरों के साथ-साथ तेंदुए के शावक, राजसी लंगूरों की एक जोड़ी भी लाई गई थी. वहीं, पश्चिम बंगाल से सफारी पार्क से एक रॉयल बंगाल टाइगर त्रिपुरा भेजा गया था.

त्रिपुरा से लाया गया था शेर का जोड़ा
चिड़ियाघर के अधिकारियों के अनुसार, अकबर (अब सूरज) नाम के शेर का जन्म 2016 में त्रिपुरा के सिपाहीजला चिड़ियाघर में हुआ था. शेर के माता-पिता दुष्मंत और चिन्मयी ने 2016 में सिपाहीजला चिड़ियाघर में तीन शावकों को जन्म दिया था. तत्कालीन त्रिपुरा वन सीपीआईएम के मंत्री नरेश जमातिया ने तीनों शावकों का नाम अमिताभ बच्चन और ऋषि कपूर की सत्तर के दशक की फिल्म 'अमर, अकबर, एंथोनी' के नाम पर रखा था. उन तीन शावकों में से, अकबर को केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण और राज्य चिड़ियाघर प्राधिकरण द्वारा बंगाल सफारी पार्क के लिए चुना गया था. वह इस समय सात साल का है. वहीं शेरनी सीता (अब तनया) का जन्म भी त्रिपुरा चिड़ियाघर में हुआ था. उसका जन्म 2018 में हुआ था, अब सीता (पूर्व नाम) पांच साल की है.

कैसी बनी जोड़ी?
कुछ समय के बाद अकबर और सीता की जोड़ी बन गई. केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने 2023 से पशु विनिमय कार्यक्रम लागू होने पर त्रिपुरा से शेरों का एक जोड़ा लाने की मंजूरी दे दी है. सभी जांचों से पता चलता है कि जानवरों के आदान-प्रदान के मामले में अकबर और सीता सबसे अच्छे जोड़े हैं. मंजूरी के मुताबिक शेर का जोड़ा 12 फरवरी को त्रिपुरा से सड़क मार्ग से बंगाल सफारी पहुंचा.

शेर जोड़े का नाम बदलने का प्रस्ताव
अकबर और सीता के सफारी पहुंचने के बाद नाम को लेकर विवाद खड़ा हो गया. जिसको लेकर राज्य सरकार के खिलाफ एक गैर राजनीतिक संगठन ने सर्किट बेंच में मामला दायर किया था. इसके बाद अपर महाधिवक्ता जयजीत चौधरी ने मामले में राज्य की स्थिति स्पष्ट की. सुनवाई के बाद जुलाई में मामला निपट गया. मामला सुलझने के बाद शेरों के नामकरण के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक प्रस्ताव भेजा गया था. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने शेर के इस जोड़े का नाम बदलकर सूरज और तनया रख दिया.

ये भी पढ़ें: Delhi Zoo में शेर समेत कई जानवरों का बढ़ेगा परिवार, बनाया गया स्पेशल प्लान

सिलीगुड़ी: बंगाल सफारी पार्क में शेर और शेरनी के नाम अकबर और सीता रखा गया था. जिसको लेकर भारी विवाद खड़ा हो गया था. खबर के मुताबिक, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शेर जोड़े का नाम बदलकर सूरज और तनया रख दिया है. अतिरिक्त महाधिवक्ता जयजीत चौधरी ने बताया कि, सीएम ममता ने खुद सफारी पार्क में शेर जोड़े का नाम रखा. वहीं, शेर और शेरनी के नाम बदले जाने से राज्य वन विभाग ने राहत की सांस ली है.

'अकबर' और 'सीता' का बदल गया नाम
त्रिपुरा से लाए गए शेर जोड़े के नाम बदलने को लेकर अतिरिक्त महाधिवक्ता जयजीत चौधरी ने कहा, 'त्रिपुरा से लाए गए शेर जोड़े के नाम बदले जाने का मामला सर्किट बेंच में सुलझ गया है. जयजीत चौधरी ने कहा कि, 'शिकायत की गई थी कि, पश्चिम बंगाल सरकार के वन विभाग ने शेर जोड़े का नाम दिया है. अब साबित हो गया है कि, इस मामले में त्रिपुरा सरकार और संबंधित चिड़ियाघर प्राधिकरण की कोई भूमिका नहीं थी.'

ममता बनर्जी ने शेर जोड़े का रखा नया नाम
इस संबंध में राज्य के वन मंत्री बीरबाहा हांसदा ने कहा कि, उन्होंने पहले कहा था कि इस मामले में कोई विवाद नहीं है जिसे त्रिपुरा सरकार ने अदालत में साबित कर दिया है. उन्होंने कहा कि, मुख्यमंत्री ने शेर जोड़े का नाम सूरज और तनया रखा है.

शेर जोड़े के नाम को लेकर विवाद
बता दें कि, अकबर और सीता नाम के शेर जोड़े को 12 फरवरी को त्रिपुरा के बिशालगढ़ में सिपाहीजला प्राणी उद्यान से पश्चिम बंगाल के बंगाल सफारी पार्क में लाया गया था. शेरों के साथ-साथ तेंदुए के शावक, राजसी लंगूरों की एक जोड़ी भी लाई गई थी. वहीं, पश्चिम बंगाल से सफारी पार्क से एक रॉयल बंगाल टाइगर त्रिपुरा भेजा गया था.

त्रिपुरा से लाया गया था शेर का जोड़ा
चिड़ियाघर के अधिकारियों के अनुसार, अकबर (अब सूरज) नाम के शेर का जन्म 2016 में त्रिपुरा के सिपाहीजला चिड़ियाघर में हुआ था. शेर के माता-पिता दुष्मंत और चिन्मयी ने 2016 में सिपाहीजला चिड़ियाघर में तीन शावकों को जन्म दिया था. तत्कालीन त्रिपुरा वन सीपीआईएम के मंत्री नरेश जमातिया ने तीनों शावकों का नाम अमिताभ बच्चन और ऋषि कपूर की सत्तर के दशक की फिल्म 'अमर, अकबर, एंथोनी' के नाम पर रखा था. उन तीन शावकों में से, अकबर को केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण और राज्य चिड़ियाघर प्राधिकरण द्वारा बंगाल सफारी पार्क के लिए चुना गया था. वह इस समय सात साल का है. वहीं शेरनी सीता (अब तनया) का जन्म भी त्रिपुरा चिड़ियाघर में हुआ था. उसका जन्म 2018 में हुआ था, अब सीता (पूर्व नाम) पांच साल की है.

कैसी बनी जोड़ी?
कुछ समय के बाद अकबर और सीता की जोड़ी बन गई. केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने 2023 से पशु विनिमय कार्यक्रम लागू होने पर त्रिपुरा से शेरों का एक जोड़ा लाने की मंजूरी दे दी है. सभी जांचों से पता चलता है कि जानवरों के आदान-प्रदान के मामले में अकबर और सीता सबसे अच्छे जोड़े हैं. मंजूरी के मुताबिक शेर का जोड़ा 12 फरवरी को त्रिपुरा से सड़क मार्ग से बंगाल सफारी पहुंचा.

शेर जोड़े का नाम बदलने का प्रस्ताव
अकबर और सीता के सफारी पहुंचने के बाद नाम को लेकर विवाद खड़ा हो गया. जिसको लेकर राज्य सरकार के खिलाफ एक गैर राजनीतिक संगठन ने सर्किट बेंच में मामला दायर किया था. इसके बाद अपर महाधिवक्ता जयजीत चौधरी ने मामले में राज्य की स्थिति स्पष्ट की. सुनवाई के बाद जुलाई में मामला निपट गया. मामला सुलझने के बाद शेरों के नामकरण के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक प्रस्ताव भेजा गया था. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने शेर के इस जोड़े का नाम बदलकर सूरज और तनया रख दिया.

ये भी पढ़ें: Delhi Zoo में शेर समेत कई जानवरों का बढ़ेगा परिवार, बनाया गया स्पेशल प्लान

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.