बेंगलुरु: कर्नाटक लोकसभा चुनाव में बीजेपी-जेडीएस गठबंधन ने ज्यादा सीटें जीती हैं, जबकि कांग्रेस सिंगल डिजिट पर सिमट गई है. बीजेपी ने 17 सीटें जीती हैं, कांग्रेस को 9 और जेडीएस को 2 सीटें मिली हैं. पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले बीजेपी को 8 सीटों का नुकसान हुआ है. पिछली बार बीजेपी को 25 सीटें मिली थीं. 2019 में सिर्फ 1 सीट जीतने वाली कांग्रेस ने इस बार 8 सीटें ज्यादा जीती हैं. तब (2019) कांग्रेस-जेडीएस ने गठबंधन किया था, लेकिन इस बार बीजेपी-जेडीएस ने गठबंधन किया है.
कांग्रेस ने अपना वोट शेयर बढ़ाया: हालांकि कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी दहाई का आंकड़ा पार करने में विफल रही, लेकिन उसने अपना वोट शेयर बढ़ाने में सफलता हासिल की. कांग्रेस ने अपने वोट शेयर में 45.43 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी है. पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 1 सीट जीती थी और उसे केवल 32 प्रतिशत वोट मिले थे. इस बार कांग्रेस को राज्य में कुल 1,75,54,381 वोट मिले.
कांग्रेस इस बार पांच गारंटी योजनाओं के दम पर दोहरे अंकों में सीटें जीतने को लेकर आश्वस्त थी. लेकिन भाजपा-जेडीएस गठबंधन के सामने गारंटी अपेक्षित नतीजे नहीं दे सकी. अकेले चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस ने कई सीटों पर भाजपा को कड़ी टक्कर दी थी. इस तरह से उसने अपने वोट शेयर में उल्लेखनीय वृद्धि की है.
भाजपा के वोटों में गिरावट: इस बार भाजपा को मिले वोटों में गिरावट आई है. भाजपा ने 17 सीटें जीतीं और 8 सीटें खोईं. पिछली बार उसने 25 सीटें जीती थीं. पिछली बार उसे कर्नाटक में 51 प्रतिशत वोट मिले थे. लेकिन इस बार वोट शेयर घटकर 46.04 प्रतिशत रह गया है. इस बार भाजपा के वोट शेयर में पिछली बार के मुकाबले करीब 5 प्रतिशत की कमी आई है. इस बार भाजपा और कांग्रेस के बीच अंतर 1 प्रतिशत से भी कम है. भाजपा को कुल 1,77,97,699 वोट मिले हैं.
जेडीएस के वोट शेयर में गिरावट: इस बार लोकसभा चुनाव में जेडीएस को संतोषजनक परिणाम मिले, जिसने भाजपा के साथ गठबंधन किया था. तीन क्षेत्रों में से 2 सीटों पर जीत हासिल की. हासन निर्वाचन क्षेत्र में जेडीएस को हार मिली. पिछली बार केवल हासन निर्वाचन क्षेत्र में जीत मिली थी. लेकिन इस बार जेडीएस ने मांड्या और कोलार में जीत हासिल की.
पिछली बार कांग्रेस के साथ गठबंधन जेडीएस के लिए महंगा पड़ा था. इस बार भाजपा के साथ गठबंधन ने जेडीएस को फायदा पहुंचाया है. लेकिन इस बार जेडीएस को 5.60 प्रतिशत वोट मिले हैं। पिछली बार उसे करीब 10 प्रतिशत वोट मिले थे. इस बार पिछली बार के मुकाबले वोटों की संख्या में गिरावट आई है. इस बार जेडीएस को करीब 21,63,203 वोट मिले हैं.