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हरियाणा कांग्रेस में 'गड़बड़', राहुल की रैली से पहले एकजुट होने का 'फरमान' - lok sabha election 2024 - LOK SABHA ELECTION 2024

Lok Sabha Election 2024, लोकसभा चुनाव में प्रचार के क्रम में हरियाणा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की रैलियों के दौरान कांग्रेसियों से एकजुट होने की अपील की गई है. इस संबंध में हरियाणा के एआईसीसी प्रभारी दीपक बाबरिया ने राज्य इकाई को पत्र भी लिखा है.

Congress leaders were appealed to unite in the rallies of Rahul Gandhi and Mallikarjun Kharge.
राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे की रैलियों में कांग्रेस नेताओं से एकजुट होने की अपील की गई (IANS)
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By Amit Agnihotri

Published : May 19, 2024, 4:58 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस ने हरियाणा में अपने वरिष्ठ नेताओं से एकजुट होकर भाजपा से लड़ने और अगले सप्ताह कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा संबोधित की जाने वाली रैलियों से पहले पार्टी की सफलता में योगदान देने का आग्रह किया है. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, खड़गे 21 मई को सिरसा में एक रैली को संबोधित करेंगे, जबकि राहुल गांधी 22 मई को भिवानी और 23 मई को गुरुग्राम और रोहतक में रैलियों को संबोधित करेंगे.

बता दें किअनुभवी कुमारी शैलजा का मुकाबला सिरसा में भाजपा के अशोक तंवर से, गुरुग्राम में राज बब्बर का मुकाबला भाजपा के राव इंद्रजीत सिंह से, राव दान सिंह का मुकाबला भाजपा के धर्मवीर सिंह से भिवानी में और दीपेंद्र हुड्डा का मुकाबला भाजपा के अरविंद शर्मा से है. हरियाणा की सभी 10 सीटों पर 25 मई को मतदान होगा. गठबंधन के तहत, कांग्रेस 9 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि आप एकमात्र कुरुक्षेत्र सीट पर चुनाव लड़ रही है.

इस संबंध हरियाणा के एआईसीसी प्रभारी दीपक बाबरिया ने बताया कि मुझे यकीन है कि राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे की रैलियों के दौरान राज्य के सभी वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे. उन्होंने कहा कि हमें एकजुट होकर भाजपा से लड़ना होगा, पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा और हरियाणा के वरिष्ठ नेताओं कुमारी शैलजा, रणदीप सुरजेवाला और किरण चौधरी के बीच गुटीय लड़ाई लंबे समय से आलाकमान के लिए चिंता का विषय रही है. राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के दौरे से पहले,

बाबरिया ने राज्य इकाई को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने वरिष्ठ नेताओं से एकजुट होकर भाजपा से लड़ने का आग्रह किया और यह सुनिश्चित किया कि उनके संबंधित क्षेत्रों में कांग्रेस के लिए अधिकतम मतदान हो. एआईसीसी प्रभारी ने राज्य के नेताओं को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि ऐसा नहीं होता है या नेता किसी नकारात्मक गतिविधि में लिप्त पाए जाते हैं, तो आगामी विधानसभा चुनावों के दौरान सीटों के वितरण पर उनका दावा प्रभावित होगा.

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस जो 2019 के लोकसभा चुनावों में हरियाणा में एक भी सीट नहीं जीत सकी थी. लेकिन उसे उम्मीद है कि 2024 में आप के साथ पार्टी के गठबंधन और सत्तारूढ़ भाजपा-जेजेपी गठबंधन के भीतर अंदरूनी कलह के कारण बाजी पलट जाएगी. हरियाणा भाजपा में अंदरूनी कलह के कारण भगवा पार्टी को इस साल मार्च में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाना पड़ा. वहीं दो महीने बाद, सैनी सरकार ने 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में अपना बहुमत खो दिया और लोकसभा चुनाव के बाद विश्वास मत का सामना करना पड़ सकता है. भाजपा की सहयोगी जेजेपी जल्द से जल्द विश्वास मत के लिए दबाव डाल रही है, जबकि मुख्य विपक्षी कांग्रेस राज्य में राजनीतिक अनिश्चितता को खत्म करने के लिए सैनी सरकार को बर्खास्त करने, राष्ट्रपति शासन लगाने और जल्द से जल्द नए चुनाव कराने की मांग कर रही है. वहीं एमएल खट्टर अब करनाल में कांग्रेस के दिव्यांशु बुद्धिराजा के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.

हालांकि, महत्वपूर्ण राष्ट्रीय चुनावों के दौरान पर्दे के पीछे रहते हुए काम करने वाले राज्य के वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस आलाकमान को चिंतित कर दिया था. सुरजेवाला और किरण चौधरी दोनों अपना अधिकांश समय सिरसा में अनुभवी कुमारी शैलजा के लिए प्रचार करने में बिता रहे थे. बाबरिया ने पत्र में लिखा है कि चूंकि मैं सभी वरिष्ठ नेताओं को व्यक्तिगत रूप से पत्र नहीं लिख सकता था, इसलिए मैंने राज्य इकाई को लिखा. उन्होंने कहा है कि हमारे सभी राज्य नेताओं और कार्यकर्ताओं को भाजपा को हराने के लिए अपने क्षेत्रों में अधिकतम मतदान सुनिश्चित करने के लिए प्रयास करना होगा. उन्होने कहा कि जनता बीजेपी से नाराज है और राहुल गांधी की 25 सामाजिक न्याय की गारंटी को पसंद कर रही है. इसलिए, कार्यकर्ताओं को हमारे वादों को हर घर तक ले जाना चाहिए.

ये भी पढ़ें - दिल्ली: राहुल गांधी ने इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों के लिए मांगा वोट, कहा- हमारा लक्ष्य संविधान को बचाना

नई दिल्ली : कांग्रेस ने हरियाणा में अपने वरिष्ठ नेताओं से एकजुट होकर भाजपा से लड़ने और अगले सप्ताह कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा संबोधित की जाने वाली रैलियों से पहले पार्टी की सफलता में योगदान देने का आग्रह किया है. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, खड़गे 21 मई को सिरसा में एक रैली को संबोधित करेंगे, जबकि राहुल गांधी 22 मई को भिवानी और 23 मई को गुरुग्राम और रोहतक में रैलियों को संबोधित करेंगे.

बता दें किअनुभवी कुमारी शैलजा का मुकाबला सिरसा में भाजपा के अशोक तंवर से, गुरुग्राम में राज बब्बर का मुकाबला भाजपा के राव इंद्रजीत सिंह से, राव दान सिंह का मुकाबला भाजपा के धर्मवीर सिंह से भिवानी में और दीपेंद्र हुड्डा का मुकाबला भाजपा के अरविंद शर्मा से है. हरियाणा की सभी 10 सीटों पर 25 मई को मतदान होगा. गठबंधन के तहत, कांग्रेस 9 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि आप एकमात्र कुरुक्षेत्र सीट पर चुनाव लड़ रही है.

इस संबंध हरियाणा के एआईसीसी प्रभारी दीपक बाबरिया ने बताया कि मुझे यकीन है कि राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे की रैलियों के दौरान राज्य के सभी वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे. उन्होंने कहा कि हमें एकजुट होकर भाजपा से लड़ना होगा, पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा और हरियाणा के वरिष्ठ नेताओं कुमारी शैलजा, रणदीप सुरजेवाला और किरण चौधरी के बीच गुटीय लड़ाई लंबे समय से आलाकमान के लिए चिंता का विषय रही है. राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के दौरे से पहले,

बाबरिया ने राज्य इकाई को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने वरिष्ठ नेताओं से एकजुट होकर भाजपा से लड़ने का आग्रह किया और यह सुनिश्चित किया कि उनके संबंधित क्षेत्रों में कांग्रेस के लिए अधिकतम मतदान हो. एआईसीसी प्रभारी ने राज्य के नेताओं को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि ऐसा नहीं होता है या नेता किसी नकारात्मक गतिविधि में लिप्त पाए जाते हैं, तो आगामी विधानसभा चुनावों के दौरान सीटों के वितरण पर उनका दावा प्रभावित होगा.

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस जो 2019 के लोकसभा चुनावों में हरियाणा में एक भी सीट नहीं जीत सकी थी. लेकिन उसे उम्मीद है कि 2024 में आप के साथ पार्टी के गठबंधन और सत्तारूढ़ भाजपा-जेजेपी गठबंधन के भीतर अंदरूनी कलह के कारण बाजी पलट जाएगी. हरियाणा भाजपा में अंदरूनी कलह के कारण भगवा पार्टी को इस साल मार्च में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाना पड़ा. वहीं दो महीने बाद, सैनी सरकार ने 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में अपना बहुमत खो दिया और लोकसभा चुनाव के बाद विश्वास मत का सामना करना पड़ सकता है. भाजपा की सहयोगी जेजेपी जल्द से जल्द विश्वास मत के लिए दबाव डाल रही है, जबकि मुख्य विपक्षी कांग्रेस राज्य में राजनीतिक अनिश्चितता को खत्म करने के लिए सैनी सरकार को बर्खास्त करने, राष्ट्रपति शासन लगाने और जल्द से जल्द नए चुनाव कराने की मांग कर रही है. वहीं एमएल खट्टर अब करनाल में कांग्रेस के दिव्यांशु बुद्धिराजा के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.

हालांकि, महत्वपूर्ण राष्ट्रीय चुनावों के दौरान पर्दे के पीछे रहते हुए काम करने वाले राज्य के वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस आलाकमान को चिंतित कर दिया था. सुरजेवाला और किरण चौधरी दोनों अपना अधिकांश समय सिरसा में अनुभवी कुमारी शैलजा के लिए प्रचार करने में बिता रहे थे. बाबरिया ने पत्र में लिखा है कि चूंकि मैं सभी वरिष्ठ नेताओं को व्यक्तिगत रूप से पत्र नहीं लिख सकता था, इसलिए मैंने राज्य इकाई को लिखा. उन्होंने कहा है कि हमारे सभी राज्य नेताओं और कार्यकर्ताओं को भाजपा को हराने के लिए अपने क्षेत्रों में अधिकतम मतदान सुनिश्चित करने के लिए प्रयास करना होगा. उन्होने कहा कि जनता बीजेपी से नाराज है और राहुल गांधी की 25 सामाजिक न्याय की गारंटी को पसंद कर रही है. इसलिए, कार्यकर्ताओं को हमारे वादों को हर घर तक ले जाना चाहिए.

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