नई दिल्ली : कांग्रेस 26 दिसंबर को कर्नाटक के बेलगाम से ईवीएम के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन की शुरुआत करेगी. इस दिन विस्तारित कार्यसमिति की बैठक के बाद एक विशाल रैली आयोजित की जाएगी. सीडब्ल्यूसी की बैठक में सभी शीर्ष राष्ट्रीय नेता और मुख्यमंत्री भाग लेंगे. बेलगाम में रैली महात्मा गांधी द्वारा 1924 में इसी दिन भव्य पुरानी पार्टी की अध्यक्षता किए जाने की 100वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित की जा रही है.
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार को सीडब्ल्यूसी की बैठक के दौरान कई सदस्यों ने ईवीएम का मुद्दा उठाया था, जिनमें लोकसभा सांसद प्रियंका गांधी भी शामिल थीं. प्रियंका गांधी ने कहा कि यह निर्णायक कार्रवाई का समय है और उन्होंने या तो ईवीएम या बैलट पेपर का रास्ता अपनाने का सुझाव दिया.
पार्टी सूत्रों के अनुसार, ईवीएम के खिलाफ प्रस्तावित आंदोलन में चुनाव आयोग पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिसकी चूक और गलतियों के कारण चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी आई है और मतदाताओं में निराशा हुई है. सूत्रों ने आगे कहा कि 2022 में अहमदाबाद में महात्मा गांधी आश्रम की यात्रा के बाद नफरत की राजनीति के खिलाफ राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की तरह, ईवीएम के खिलाफ प्रस्तावित आंदोलन स्वतंत्रता सेनानी के आदर्शों को प्रतिबिंबित करेगा.
कर्नाटक सरकार ने इससे पहले विधानसभा का संयुक्त सत्र बुलाकर महात्मा गांधी की पार्टी की अध्यक्षता की 100वीं वर्षगांठ मनाने के लिए व्यापक प्रबंध किए थे. ईवीएम का विरोध करने का कदम हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद उठाया गया है, जिसे पार्टी नेताओं के लिए पचाना मुश्किल हो रहा है. इस बारे में सीडब्ल्यूसी सदस्य जगदीश ठाकोर ने ईटीवी भारत से कहा कि पिछले कुछ सालों में हमने एक आंतरिक समिति बनाई थी, जिसके सदस्य दिग्विजय सिंह और कमलनाथ जैसे वरिष्ठ नेता थे.
उन्होंने विशेषज्ञों से सलाह ली थी और सुझाव दिया था कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है. इसके बाद पार्टी लगातार मांग कर रही है कि चुनाव आयोग को वीवीपैट पर्चियों का 100 फीसदी मिलान करना चाहिए, लेकिन हमारी मांग खारिज कर दी गई. उन्होंने कहा कि संवैधानिक जनादेश को लागू करने के लिए चुनाव आयोग को एक गैर-पक्षपाती निकाय होना चाहिए. अगर बड़ी संख्या में मतदाताओं के मन में ईवीएम की भूमिका को लेकर कोई संदेह है, तो उसे स्पष्ट किया जाना चाहिए.
पार्टी सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस ने महाराष्ट्र में चुनावी प्रक्रिया में विभिन्न कमियों को सूचीबद्ध करते हुए एक विस्तृत डोजियर पहले ही चुनाव आयोग को सौंप दिया है और निर्वाचन क्षेत्रवार विसंगतियों को समझाने के लिए उसके साथ बैठक की मांग की है. एआईसीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, "हम ईवीएम के खिलाफ नहीं हैं. मशीनों में टॉरगेट हेरफेर की जांच होनी चाहिए." सीडब्ल्यूसी सदस्य अविनाश पांडे के अनुसार, हालिया राज्य परिणाम पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए उत्साहजनक नहीं थे, जो लोकसभा चुनावों में इंडिया गठबंधन और कांग्रेस की सफलता के बाद उत्साहित थे.
उन्होंने कहा कि लेकिन कार्यकर्ताओं को उम्मीद खोने की कोई जरूरत नहीं है. पांडे ने ईटीवी भारत से कहा, "कार्यकर्ताओं को हमारा संदेश है कि वे निराश न हों और लोगों की चिंताओं को उठाते रहें, क्योंकि बेरोजगारी और मूल्य वृद्धि जैसे मुद्दे बड़ी संख्या में मतदाताओं को प्रभावित कर रहे हैं. हमारे सहयोगियों को भी ईवीएम पर संदेह है." बेलगाम रैली 28 दिसंबर को कांग्रेस स्थापना दिवस से दो दिन पहले आयोजित की जाएगी. तब तक पार्टी प्रमुख खड़गे हाल ही में राज्य स्तर पर किए गए चयनों की समीक्षा के लिए पैनल गठित करेंगे और एआईसीसी तथा राज्यों में बदलाव लाने की योजना पर भी काम करेंगे.
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