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चार चुनावी राज्यों में जमीनी ताकत का आकलन करने के लिए कांग्रेस का सर्वेक्षण जारी - Congress surveys

Assembly polls, कांग्रेस पार्टी के द्वारा इस साल के अंत में महाराष्ट्र, झारखंड, हरियाणा और जम्मू कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर सर्वेक्षण किया जा रहा है. साथ ही प्रत्याशी के चयन में कई बिंदुओं पर ध्यान रखा जाएगा. पढ़िए पूरी खबर...

Congress surveys on to assess ground strength in four poll bound states
चार चुनावी राज्यों में जमीनी ताकत का आकलन करने के लिए कांग्रेस का सर्वेक्षण जारी (ANI)
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By Amit Agnihotri

Published : Aug 5, 2024, 7:40 PM IST

नई दिल्ली : इस साल के अंत में महाराष्ट्र, झारखंड, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी की जमीनी स्तर पर ताकत का आकलन करने और संभावित उम्मीदवारों की पहचान करने के लिए एआईसीसी सर्वेक्षण जारी है.

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, चारों राज्यों में कांग्रेस की संभावनाओं के बारे में अब तक की प्रतिक्रिया सकारात्मक है. लेकिन पार्टी का टिकट चाहने वालों की विचारधारा और वफादारी पर अधिक जोर दिया जाएगा. यह सकारात्मक भावना चार चुनावी राज्यों में टिकटों की होड़ से भी जुड़ी है, जहां सबसे अधिक प्रतिक्रिया हरियाणा से आई है, जहां कांग्रेस पिछले एक दशक से सत्ता से बाहर है.पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, हरियाणा इकाई को 31 जुलाई तक 90 विधानसभा सीटों के लिए 2000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे और यह आंकड़ा 2300 तक पहुंचने की संभावना है. क्योंकि यहां पर आवेदन करने की अंतिम तिथि 10 अगस्त तक बढ़ा दी गई है.

पूर्व मुख्यमंत्री बीएस हुड्डा ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि हम राज्य के सभी 36 समुदायों के हितों की बात कर रहे हैं. लोग सत्तारूढ़ भाजपा से नाराज हैं, जिसने पिछले 10 सालों में राज्य को कई विकास संकेतकों पर पीछे कर दिया है. उन्होंने कहा कि लोग अब कांग्रेस के समर्थन में आ रहे हैं. हरियाणा में पार्टी अपने दम पर चुनाव लड़ रही है, वहीं महाराष्ट्र और झारखंड में कांग्रेस गठबंधन का हिस्सा है तथा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में अभी तक इस मामले पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है.

एआईसीसी के महाराष्ट्र प्रभारी रमेश चेन्निथला ने ईटीवी भारत से कहा कि हम विदर्भ और मराठवाड़ा क्षेत्रों में मजबूत हैं और मुंबई में शिवसेना यूबीटी के बराबर हैं. एनसीपी मराठवाड़ा में मजबूत है और शिवसेना यूबीटी कोंकण क्षेत्र में मजबूत है. चेन्निथला ने कहा, 'सीट बंटवारे की बातचीत के दौरान जमीनी स्तर की जानकारी को शामिल किया जाएगा.' चेन्निथला ने 7 अगस्त को एमवीए बैठक के दौरान पार्टी की स्थिति को मजबूत करने के लिए 4 अगस्त को राज्य के वरिष्ठ नेताओं के साथ एक रणनीति सत्र की अध्यक्षता की.

झारखंड में, जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन को उम्मीद है कि लोकसभा चुनावों में उसका प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा, लेकिन वह सत्ता में बने रहने में सफल रहेगा. कुल 14 संसदीय सीटों में से एनडीए ने 9 सीटें जीतीं, जबकि भारतीय जनता पार्टी ने 5 सीटें जीतीं. इसी क्रम में झारखंड इकाई के प्रमुख राजेश ठाकुर ने ईटीवी भारत से कहा, 'ज़मीनी हालात का आकलन करने के लिए कई सर्वेक्षण चल रहे हैं. अब तक, फीडबैक सत्तारूढ़ जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन के पक्ष में है. मुझे हर दिन चार या पांच आवेदन मिल रहे हैं.'

उन्होंने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में हमने 81 में से 31 सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन इस बार हम अपने कोटे में कुछ सीटें जोड़ेंगे. 'हालांकि संभावित उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए जीतने की क्षमता मुख्य मानदंड होगी, हम चाहते हैं कि टिकट चाहने वाले पार्टी की विचारधारा के प्रति प्रतिबद्ध हों और चुने जाने के बाद गरीबों के लिए काम करें.' उन्होंने कहा, 'राष्ट्रीय और राज्य चुनावों के दौरान मतदाता अलग-अलग तरीके से व्यवहार करते हैं.' जम्मू-कश्मीर के प्रभारी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी भरत सिंह सोलंकी ने कहा कि घोषणापत्र के लिए सर्वेक्षण का इस्तेमाल राज्य के चुनावों के लिए उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए भी किया जा रहा है, जो स्थानीय मुद्दों पर लड़े जाएंगे. उन्होंने कहा कि जम्मू क्षेत्र में फीडबैक सकारात्मक रहा.

ये भी पढ़ें- महाराष्ट्र में टिकट दावेदारों की बढ़ती संख्या से कांग्रेस उत्साहित, बोली- अब तो जीत ...

नई दिल्ली : इस साल के अंत में महाराष्ट्र, झारखंड, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी की जमीनी स्तर पर ताकत का आकलन करने और संभावित उम्मीदवारों की पहचान करने के लिए एआईसीसी सर्वेक्षण जारी है.

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, चारों राज्यों में कांग्रेस की संभावनाओं के बारे में अब तक की प्रतिक्रिया सकारात्मक है. लेकिन पार्टी का टिकट चाहने वालों की विचारधारा और वफादारी पर अधिक जोर दिया जाएगा. यह सकारात्मक भावना चार चुनावी राज्यों में टिकटों की होड़ से भी जुड़ी है, जहां सबसे अधिक प्रतिक्रिया हरियाणा से आई है, जहां कांग्रेस पिछले एक दशक से सत्ता से बाहर है.पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, हरियाणा इकाई को 31 जुलाई तक 90 विधानसभा सीटों के लिए 2000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे और यह आंकड़ा 2300 तक पहुंचने की संभावना है. क्योंकि यहां पर आवेदन करने की अंतिम तिथि 10 अगस्त तक बढ़ा दी गई है.

पूर्व मुख्यमंत्री बीएस हुड्डा ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि हम राज्य के सभी 36 समुदायों के हितों की बात कर रहे हैं. लोग सत्तारूढ़ भाजपा से नाराज हैं, जिसने पिछले 10 सालों में राज्य को कई विकास संकेतकों पर पीछे कर दिया है. उन्होंने कहा कि लोग अब कांग्रेस के समर्थन में आ रहे हैं. हरियाणा में पार्टी अपने दम पर चुनाव लड़ रही है, वहीं महाराष्ट्र और झारखंड में कांग्रेस गठबंधन का हिस्सा है तथा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में अभी तक इस मामले पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है.

एआईसीसी के महाराष्ट्र प्रभारी रमेश चेन्निथला ने ईटीवी भारत से कहा कि हम विदर्भ और मराठवाड़ा क्षेत्रों में मजबूत हैं और मुंबई में शिवसेना यूबीटी के बराबर हैं. एनसीपी मराठवाड़ा में मजबूत है और शिवसेना यूबीटी कोंकण क्षेत्र में मजबूत है. चेन्निथला ने कहा, 'सीट बंटवारे की बातचीत के दौरान जमीनी स्तर की जानकारी को शामिल किया जाएगा.' चेन्निथला ने 7 अगस्त को एमवीए बैठक के दौरान पार्टी की स्थिति को मजबूत करने के लिए 4 अगस्त को राज्य के वरिष्ठ नेताओं के साथ एक रणनीति सत्र की अध्यक्षता की.

झारखंड में, जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन को उम्मीद है कि लोकसभा चुनावों में उसका प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा, लेकिन वह सत्ता में बने रहने में सफल रहेगा. कुल 14 संसदीय सीटों में से एनडीए ने 9 सीटें जीतीं, जबकि भारतीय जनता पार्टी ने 5 सीटें जीतीं. इसी क्रम में झारखंड इकाई के प्रमुख राजेश ठाकुर ने ईटीवी भारत से कहा, 'ज़मीनी हालात का आकलन करने के लिए कई सर्वेक्षण चल रहे हैं. अब तक, फीडबैक सत्तारूढ़ जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन के पक्ष में है. मुझे हर दिन चार या पांच आवेदन मिल रहे हैं.'

उन्होंने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में हमने 81 में से 31 सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन इस बार हम अपने कोटे में कुछ सीटें जोड़ेंगे. 'हालांकि संभावित उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए जीतने की क्षमता मुख्य मानदंड होगी, हम चाहते हैं कि टिकट चाहने वाले पार्टी की विचारधारा के प्रति प्रतिबद्ध हों और चुने जाने के बाद गरीबों के लिए काम करें.' उन्होंने कहा, 'राष्ट्रीय और राज्य चुनावों के दौरान मतदाता अलग-अलग तरीके से व्यवहार करते हैं.' जम्मू-कश्मीर के प्रभारी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी भरत सिंह सोलंकी ने कहा कि घोषणापत्र के लिए सर्वेक्षण का इस्तेमाल राज्य के चुनावों के लिए उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए भी किया जा रहा है, जो स्थानीय मुद्दों पर लड़े जाएंगे. उन्होंने कहा कि जम्मू क्षेत्र में फीडबैक सकारात्मक रहा.

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