ETV Bharat / bharat

संसद सत्र: फिर दिखेगा राहुल गांधी का आक्रामक अंदाज, जनता के मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी - Rahul Gandhi Parliament Session

Rahul Gandhi Parliament Session: आगामी संसद सत्र 22 जुलाई से शुरू होगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को आम बजट पेश करेंगी. वहीं, विपक्ष के नेता राहुल गांधी जनहित के मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में हैं. कांग्रेस को उम्मीद है कि बजट में बेरोजगारी, महंगाई, आर्थिक असमानता जैसी प्रमुख आर्थिक समस्याओं के समाधान पर ध्यान दिया जाएगा.

Rahul Gandhi Parliament Session
विपक्ष के नेता राहुल गांधी (ANI)
author img

By Amit Agnihotri

Published : Jul 20, 2024, 6:29 PM IST

नई दिल्ली: विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने 22 जुलाई से शुरू होने वाले संसद सत्र के दौरान आर्थिक असमानता, रोजगार, महंगाई, मणिपुर और त्रिपुरा में राजनीतिक हिंसा तथा जम्मू क्षेत्र में आतंकी घटनाओं जैसे जनहित के मुद्दों को आक्रामक तरीके से उठाने की योजना बनाई है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को संसद में आम बजट 2024-25 पेश करेंगी, जो आगामी सत्र का मुख्य आकर्षण होगा. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को उम्मीद है कि केंद्रीय बजट में उन प्रमुख मुद्दों को शामिल किया जाएगा, जिन्हें हाल ही में मुख्य विपक्षी पार्टी ने उठाया है.

कांग्रेस को यह भी उम्मीद है कि संसद के आगामी सत्र में विपक्ष को जनहित के मुद्दे उठाने और एनडीए सरकार से लोकतांत्रिक तरीके से स्पष्टीकरण मांगने का मौका मिलेगा, जो कि संबंधित सदन की ताकत को दर्शाएगा और कामकाज का सुचारू संचालन सुनिश्चित करेगा.

लोकसभा में कांग्रेस के सचेतक मोहम्मद जावेद ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि नई लोकसभा में विपक्ष मजबूत होकर उभरा है. हम सदन में जनहित के उन मुद्दों को उठाना चाहेंगे, जिन्हें विपक्ष के नेता राहुल गांधी उठाते रहे हैं. हमें उम्मीद है कि बजट में आर्थिक असमानता, बढ़ती बेरोजगारी, महंगाई, न्यूनतम मजदूरी 400 रुपये प्रतिदिन तय करने और किसानों की दुर्दशा जैसी समस्याओं का समाधान होगा. हम रेल सुरक्षा, मणिपुर व त्रिपुरा में राजनीतिक हिंसा और जम्मू क्षेत्र में आतंकी घटनाओं सहित अन्य मुद्दों पर भी सरकार से जवाब चाहेंगे.

उन्होंने कहा कि विपक्ष रचनात्मक भूमिका निभाना चाहता है. हम चाहते हैं कि सदन में लोकतांत्रिक तरीके से जनता के मुद्दों पर बहस हो. इसके लिए विपक्ष को बोलने का मौका मिलना चाहिए. हमने पिछली लोकसभा में देखा है कि किस तरह विपक्ष की आवाज दबा दी गई. हमने देखा कि इस सदन के पहले सत्र के दौरान विपक्ष के नेता राहुल गांधी का माइक बंद कर दिया गया था और उनके भाषण के कुछ हिस्से हटा दिए गए थे. हमें उम्मीद है कि इस बार चीजें बेहतर होंगी और आने वाला सत्र उत्पादक साबित होगा.

जनता के महत्व के मुद्दों पर चर्चा हो...
कांग्रेस सांसद हिबी ईडन के अनुसार, मुख्य विपक्षी दल चाहता है कि सदन सुचारू रूप से चले और काम-काज हो. हम सहयोग करने के इच्छुक हैं ताकि सदन चले और जनता के महत्व के मुद्दों पर चर्चा हो. हमें ऐसा करना चाहिए. हमें उम्मीद है कि बजट में उन समस्याओं का समाधान होगा, जिन्हें हमारी पार्टी उठाती रही है. अगर बजट में उन मुद्दों को शामिल नहीं किया गया तो हम उन्हें सदन में उठाना चाहेंगे और उन पर सरकार से जवाब जानना चाहेंगे. लेकिन अगर विपक्ष को जनता के मुद्दे उठाने का मौका नहीं मिलता है तो हमें अपनी रणनीति पर फिर से विचार करना होगा.

देश की आर्थिक स्थिति बेहद खराब...
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत के अनुसार देश की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है. उन्होंने कहा कि भारत के सिर्फ एक प्रतिशत लोगों का देश की 40 प्रतिशत संपत्ति पर कब्जा है. खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर लगातार 9 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है. गरीब और मध्यम वर्ग को स्कूल की फीस, कपड़े, दवाई, परिवहन और खाने-पीने के लिए ज्यादा पैसे देने पड़ रहे हैं. इससे उनकी कमर टूट गई है. इसके अलावा नोटबंदी, जीएसटी, कोविड के कारण भारत की अर्थव्यवस्था को 11.3 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ और औपचारिक क्षेत्र में 1.6 करोड़ नौकरियां खत्म हो गईं. पिछले एक दशक में केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों (सरकारी कंपनियों) में लगभग 2.7 लाख नौकरियां खत्म हो गईं. अनुबंध पर काम करने वाले लोगों की संख्या 2013 में 19 प्रतिशत से बढ़कर 2022 में 43 प्रतिशत हो गई है.

यह भी पढ़ें- आगामी संसद सत्र में NDA को घेरेगा इंडिया ब्लॉक, लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी घटी BJP सांसदों की संख्या

नई दिल्ली: विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने 22 जुलाई से शुरू होने वाले संसद सत्र के दौरान आर्थिक असमानता, रोजगार, महंगाई, मणिपुर और त्रिपुरा में राजनीतिक हिंसा तथा जम्मू क्षेत्र में आतंकी घटनाओं जैसे जनहित के मुद्दों को आक्रामक तरीके से उठाने की योजना बनाई है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को संसद में आम बजट 2024-25 पेश करेंगी, जो आगामी सत्र का मुख्य आकर्षण होगा. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को उम्मीद है कि केंद्रीय बजट में उन प्रमुख मुद्दों को शामिल किया जाएगा, जिन्हें हाल ही में मुख्य विपक्षी पार्टी ने उठाया है.

कांग्रेस को यह भी उम्मीद है कि संसद के आगामी सत्र में विपक्ष को जनहित के मुद्दे उठाने और एनडीए सरकार से लोकतांत्रिक तरीके से स्पष्टीकरण मांगने का मौका मिलेगा, जो कि संबंधित सदन की ताकत को दर्शाएगा और कामकाज का सुचारू संचालन सुनिश्चित करेगा.

लोकसभा में कांग्रेस के सचेतक मोहम्मद जावेद ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि नई लोकसभा में विपक्ष मजबूत होकर उभरा है. हम सदन में जनहित के उन मुद्दों को उठाना चाहेंगे, जिन्हें विपक्ष के नेता राहुल गांधी उठाते रहे हैं. हमें उम्मीद है कि बजट में आर्थिक असमानता, बढ़ती बेरोजगारी, महंगाई, न्यूनतम मजदूरी 400 रुपये प्रतिदिन तय करने और किसानों की दुर्दशा जैसी समस्याओं का समाधान होगा. हम रेल सुरक्षा, मणिपुर व त्रिपुरा में राजनीतिक हिंसा और जम्मू क्षेत्र में आतंकी घटनाओं सहित अन्य मुद्दों पर भी सरकार से जवाब चाहेंगे.

उन्होंने कहा कि विपक्ष रचनात्मक भूमिका निभाना चाहता है. हम चाहते हैं कि सदन में लोकतांत्रिक तरीके से जनता के मुद्दों पर बहस हो. इसके लिए विपक्ष को बोलने का मौका मिलना चाहिए. हमने पिछली लोकसभा में देखा है कि किस तरह विपक्ष की आवाज दबा दी गई. हमने देखा कि इस सदन के पहले सत्र के दौरान विपक्ष के नेता राहुल गांधी का माइक बंद कर दिया गया था और उनके भाषण के कुछ हिस्से हटा दिए गए थे. हमें उम्मीद है कि इस बार चीजें बेहतर होंगी और आने वाला सत्र उत्पादक साबित होगा.

जनता के महत्व के मुद्दों पर चर्चा हो...
कांग्रेस सांसद हिबी ईडन के अनुसार, मुख्य विपक्षी दल चाहता है कि सदन सुचारू रूप से चले और काम-काज हो. हम सहयोग करने के इच्छुक हैं ताकि सदन चले और जनता के महत्व के मुद्दों पर चर्चा हो. हमें ऐसा करना चाहिए. हमें उम्मीद है कि बजट में उन समस्याओं का समाधान होगा, जिन्हें हमारी पार्टी उठाती रही है. अगर बजट में उन मुद्दों को शामिल नहीं किया गया तो हम उन्हें सदन में उठाना चाहेंगे और उन पर सरकार से जवाब जानना चाहेंगे. लेकिन अगर विपक्ष को जनता के मुद्दे उठाने का मौका नहीं मिलता है तो हमें अपनी रणनीति पर फिर से विचार करना होगा.

देश की आर्थिक स्थिति बेहद खराब...
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत के अनुसार देश की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है. उन्होंने कहा कि भारत के सिर्फ एक प्रतिशत लोगों का देश की 40 प्रतिशत संपत्ति पर कब्जा है. खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर लगातार 9 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है. गरीब और मध्यम वर्ग को स्कूल की फीस, कपड़े, दवाई, परिवहन और खाने-पीने के लिए ज्यादा पैसे देने पड़ रहे हैं. इससे उनकी कमर टूट गई है. इसके अलावा नोटबंदी, जीएसटी, कोविड के कारण भारत की अर्थव्यवस्था को 11.3 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ और औपचारिक क्षेत्र में 1.6 करोड़ नौकरियां खत्म हो गईं. पिछले एक दशक में केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों (सरकारी कंपनियों) में लगभग 2.7 लाख नौकरियां खत्म हो गईं. अनुबंध पर काम करने वाले लोगों की संख्या 2013 में 19 प्रतिशत से बढ़कर 2022 में 43 प्रतिशत हो गई है.

यह भी पढ़ें- आगामी संसद सत्र में NDA को घेरेगा इंडिया ब्लॉक, लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी घटी BJP सांसदों की संख्या

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.