बेंगलुरु: केंद्र सरकार ने कर्नाटक को 3,454 करोड़ रुपये की सूखा राहत राशि जारी करने का आदेश दिया है. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने सूखा राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इसे लेकर पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी हुई थी. केंद्र ने वादा किया था कि कर्नाटक को सूखा राहत प्रदान करने के लिए 29 अप्रैल तक उचित कार्रवाई की जाएगी.
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि चुनाव आयोग ने भी इस संबंध में उच्च स्तरीय बैठक आयोजित करने की अनुमति दे दी है. अब केंद्र ने सूखा राहत के लिए 3,454 करोड़ रुपये जारी किए हैं.
कर्नाटक कांग्रेस ने की आलोचना: कर्नाटक कांग्रेस ने नाराजगी व्यक्त की है कि केंद्र सरकार ने राज्य को सूखा राहत के रूप में केवल ₹3,454 करोड़ जारी किए हैं. कांग्रेस का कहना है कि राज्य सरकार ने सूखा राहत के लिए 18,172 करोड़ रुपये की मांग की थी. लेकिन केंद्र सरकार ने केवल 3,454 करोड़ रुपये जारी किए हैं.
कांग्रेस ने सोशल नेटवर्क एक्स पर पोस्ट किया, 'सूखा राहत में केंद्र सरकार का फर्जी लुकाछिपी का खेल जारी है. इसने चतुराई दिखाई है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन भी हो और कर्नाटक के साथ अन्याय भी हो. कर्नाटक ने 18,172 करोड़ की मांग की, लेकिन केंद्र ने केवल 3,454 करोड़ जारी किए. ये हाथी को आधे पैसे की छाछ खिलाने जैसा है.'
सीएम सिद्धारमैया ने सुप्रीम कोर्ट को दिया धन्यवाद : मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कलबुर्गी में कहा कि केंद्र ने सूखा राहत के लिए सिर्फ 3,499 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शेष राशि जल्द से जल्द देने का आग्रह किया है. मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को चेतावनी देने और राज्य को कुछ सूखा राहत प्रदान करने के लिए सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद दिया.
उन्होंने कहा कि 'राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) के नियमों के अनुसार, राज्य को 18,171 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना था, लेकिन केंद्र सरकार ने केवल 3,498.98 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है. सूखा राहत के लिए यह पैसा पर्याप्त नहीं है. बकाया राशि के लिए हमारी लड़ाई जारी रहेगी.'
बीजेपी ने जताया पीएम का आभार: दूसरी ओर, कर्नाटक राज्य बीजेपी ने राज्य के लिए सूखा राहत जारी करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा, 'भले ही कर्नाटक में अप्रत्याशित सूखा पड़ा हो, राज्य की कांग्रेस सरकार किसानों को अंतरिम राहत दिए बिना पूर्ण तुष्टीकरण की राजनीति में लगी हुई थी. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जिन्होंने चुनाव आचार संहिता लागू होने पर भी कन्नड़ लोगों की मदद की है. उन्होंने कर्नाटक को 3,454 करोड़ रुपये की सूखा राहत प्रदान करके लोगों के लाभ के लिए काम किया है. समस्त कन्नड़ वासियों की ओर से प्रधानमंत्री मोदी को हृदय से धन्यवाद.'
वहीं, हावेरी में इस बारे में बोलते हुए पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा कि केंद्र सरकार ने कभी नहीं कहा कि वह सूखा राहत नहीं देगी. बोम्मई ने कहा, ' यह बड़ा अनुदान है, कांग्रेस को सूखा राहत में राजनीति बंद करनी चाहिए.'
कांग्रेस कल करेगी विरोध प्रदर्शन : वहीं, डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा कि वे केंद्र से अधिक केंद्रीय सूखा राहत जारी करने की मांग को लेकर कल विधानसभा की गांधी प्रतिमा के पास विरोध प्रदर्शन करेंगे. शनिवार को केपीसीसी कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'हम अधिक सूखा राहत के लिए कल धरना देंगे. हम महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास बैठेंगे. पार्टी विधायक विरोध करेंगे. 223 तालुकों में सूखा है.' उन्होंने कहा, '56.9 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गई. हमने एनडीआरएफ के नियमों के मुताबिक सूखा राहत की मांग की है.'