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मंगलौर विधानसभा उपचुनाव में नहीं खुल सका BJP का खाता, कांग्रेस के काजी निजामुद्दीन 449 वोटों से जीते, बोले- लोकतंत्र जीता, लठ तंत्र हारा - Manglaur by election result 2024

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 13, 2024, 1:18 PM IST

Updated : Jul 13, 2024, 4:11 PM IST

Manglaur Assembly Seat By Election Result 2024 हरिद्वार की मंगलौर विधानसभा सीट जीतने की बीजेपी की तमन्ना दम तोड़ गई. इस बार कांग्रेस ने मंगलौर सीट पर अपना परचम लहरा दिया है. कांग्रेस के काजी निजामुद्दीन ने मंगलौर विधानसभा सीट का उपचुनाव जीत लिया है. बीजेपी के प्रत्याशी करतार सिंह भड़ाना दूसरे नंबर पर रहे. बीजेपी आज तक मंगलौर सीट नहीं जीत सकी है. हालांकि बीजेपी ने री-काउंटिंग की मांग की है.

Manglaur assembly seat by election result
मंगलौर उपचुनाव में कांग्रेस की जीत (ETV Bharat Graphics)
मंगलौर विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस को मिली जीत (वीडियो-ईटीवी भारत)

हरिद्वार: उत्तराखंड उपचुनाव 2024 में कांग्रेस ने परचम लहरा दिया है. कांग्रेस ने हरिद्वार जिले की मंगलौर सीट पर जीत हासिल की है. कांग्रेस के काजी निजामुद्दीन ने मंगलौर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में बड़ी जीत हासिल की है. सत्ताधारी बीजेपी के प्रत्याशी करतार सिंह भड़ाना बहुत कम वोट से चुनाव जीतते जीतते रह गए. भड़ाना को कुल 31,261 वोट हासिल हुए जबकि कांग्रेस प्रत्याशी को 31,710 वोट हासिल हुए हैं. इसी के साथ कांग्रेस उम्मीदवार काजी निजामुद्दीन 449 वोटों से विजयी घोषित हुए.

Political equations kept changing in Haridwar Manglaur assembly seat
मंगलौर विधानसभा सीट पर बदलते रहे राजनीति समीकरण (फोटो-ईटीवी भारत)

कुल वोटों की बात करें को विजयी कांग्रेस प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन को 31727 मत प्राप्त हुए हैं. दूसरे नंबर पर बीजेपी के प्रत्याशी करतार सिंह भड़ाना रहे, जिनको 31305 वोट मिले. बसपा प्रत्याशी उबुर्रहमान तीसरे नंबर पहुंच गए जिनको 19559 मत मिले. 237 वोटरों ने NOTA का प्रयोग किया. बता दें कि, मंगलौर विधानसभा सीट पर कुल 83699 मतदाताओं ने मतदान किया था. ईवीएम से 83629 और पोस्टल बैलेट के जरिए 70 मत पड़े थे. कांग्रेस प्रत्याशी को 37.91 फीसदी, भाजपा प्रत्याशी को 37.4 फीसदी, बसपा प्रत्याशी को 23.37 फीसदी और NOTA को 0.28 फीसदी वोट पड़े हैं.

जानें हर चरण का हाल: मंगलौर सीट पर आज सुबह जब मतगणना शुरू हुई तो कांग्रेस प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन ने पहले राउंड से ही अपनी बढ़त बना ली थी. जैसे ही पहले राउंड के वोटों की गिनती के आंकड़े सामने आए, बीजेपी प्रत्याशी तीसरे स्थान पर नजर आया. बसपा प्रत्याशी उबुर्रहमान पहले राउंड में थोड़ा बहुत मुकाबला करते दिखे. बाद के राउंड की गिनती में वो भी काजी निजामुद्दीन से पिछड़ते चले गए थे.

हालत ये थी कि प्रत्येक राउंड की गिनती में कांग्रेस प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन अपनी बढ़त को बढ़ाते चले जा रहे थे. पहले राउंड में काजी की बढ़त 171 वोट थी. दूसरे राउंड में ये बढ़कर उछलकर 1429 वोट हो गई. तीसरे राउंड में बढ़त दो हजार पार करते हुए 2053 वोट जा पहुंची. चौथे राउंड में काजी की बढ़त दोगुनी होती हुई 4898 वोट पहुंच गई. पांचवें राउंड में कांग्रेस के काजी बसपा के उबेदुर्रुहमान से 7385 वो आगे निकल चुके थे.

छठवें राउंड में काजी की बढ़त 8,738 वोट हो चुकी थी लेकिन 7वें राउंड में ये बढ़त कम होनी शुरू हुई और लगा कि बीजेपी के करतार सिंह भड़ाना वापसी कर रहे हैं. 7वें राउंड में काजी निजामुद्दीन की बढ़त 4590 रह गई थी. लेकिन आखिर में अंत भला तो सब भला की तर्ज पर कांग्रेस के काजी निजामुद्दीन ने मंगलौर सीट पर जीत हासिल कर ली. बीजेपी ने हार को स्वीकार नहीं किया है. पार्टी ने चुनाव आयोग को एप्लिकेशन देकर री काउंटिंग की मांग की है.

तीसरे से दूसरे नंबर पर आई बीजेपी: कांग्रेस की ये जीत भाजपा के लिए भी एक बड़ा झटका है. लेकिन भाजपा प्रत्याशी ने मंगलौर विधानसभा सीट पर इस चुनाव में दूसरे पायदान आ गए जबकि अभी तक के चुनाव में भाजपा तीसरे पायदान पर रही है. दरअसल, साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान बसपा के प्रत्याशी सरवत करीम अंसारी ने मंगलौर विधानसभा सीट से चुनाव जीता था. उस दौरान कांग्रेस प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन और भाजपा प्रत्याशी दिशी सिंह पंवार को हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन 30 अक्टूबर 2023 को मंगलौर विधानसभा सीट से बसपा विधायक सरवत करीम अंसारी का निधन हो गया था. खाली हुई इस विधानसभा सीट पर उपचुनाव कराया गया. मंगलौर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव ने भाजपा के लिए भविष्य के रास्ते खोल दिए है क्योंकि मुस्लिम बाहुल्य मंगलौर विधानसभा सीट पर भाजपा मात्र 449 सीटों से ही हारी है.

कांग्रेस के लिए राहत: कांग्रेस के लिए एक राहत भरी खबर ये है कि उन्होंने अपनी मंगलौर विधानसभा सीट की साल 2017 के बाद दोबारा से अपने कब्जे में कर लिया है. 2022 में ये सीट बसपा की झोली मे चली गई थी. वहीं, इस चुनाव में बसपा पहले पायदान से तीसरे पायदान पर पहुंच गई है. उत्तराखंड राज्य गठन के बाद से ही मंगलौर विधानसभा सीट पर पांच बार विधानसभा के चुनाव हो चुके हैं. इन चुनावों में चार बार बसपा और एक बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है. इस उपचुनाव में कांग्रेस को जीत मिली है. साथ ही बसपा प्रत्याशी पहले पायदान से खिसककर तीसरे पायदान पर पहुंच गए हैं.

एक नजर-

  1. साल 2002 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान बसपा प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन ने जीत दर्ज की थी.
  2. साल 2007 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भी बसपा प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन दूसरी बार जीत दर्ज करने में सफल हुए.
  3. साल 2012 में हुए विधानसभा चुनाव से पहले ही काजी निजामुद्दीन कांग्रेस में शामिल हो गए
  4. साल 2012 में कांग्रेस प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन को करारी हार का सामना करना पड़ा.
  5. 2012 में बसपा से प्रत्याशी सरवत करीम अंसारी करीब 700 वोटों से चुनाव जीते.
  6. साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में काजी निजामुद्दीन ने बसपा प्रत्याशी सरवत करीब अंसारी को 2268 वोटों से हराया.
  7. साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान बसपा प्रत्याशी सरवत करीम अंसारी ने कांग्रेस प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन को हरा दिया था.
  8. वहीं, साल 2024 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन ने भाजपा प्रत्याशी करतार सिंह भड़ाना को 449 मतों से हराकर जीत दर्ज की.

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मंगलौर विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस को मिली जीत (वीडियो-ईटीवी भारत)

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Political equations kept changing in Haridwar Manglaur assembly seat
मंगलौर विधानसभा सीट पर बदलते रहे राजनीति समीकरण (फोटो-ईटीवी भारत)

कुल वोटों की बात करें को विजयी कांग्रेस प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन को 31727 मत प्राप्त हुए हैं. दूसरे नंबर पर बीजेपी के प्रत्याशी करतार सिंह भड़ाना रहे, जिनको 31305 वोट मिले. बसपा प्रत्याशी उबुर्रहमान तीसरे नंबर पहुंच गए जिनको 19559 मत मिले. 237 वोटरों ने NOTA का प्रयोग किया. बता दें कि, मंगलौर विधानसभा सीट पर कुल 83699 मतदाताओं ने मतदान किया था. ईवीएम से 83629 और पोस्टल बैलेट के जरिए 70 मत पड़े थे. कांग्रेस प्रत्याशी को 37.91 फीसदी, भाजपा प्रत्याशी को 37.4 फीसदी, बसपा प्रत्याशी को 23.37 फीसदी और NOTA को 0.28 फीसदी वोट पड़े हैं.

जानें हर चरण का हाल: मंगलौर सीट पर आज सुबह जब मतगणना शुरू हुई तो कांग्रेस प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन ने पहले राउंड से ही अपनी बढ़त बना ली थी. जैसे ही पहले राउंड के वोटों की गिनती के आंकड़े सामने आए, बीजेपी प्रत्याशी तीसरे स्थान पर नजर आया. बसपा प्रत्याशी उबुर्रहमान पहले राउंड में थोड़ा बहुत मुकाबला करते दिखे. बाद के राउंड की गिनती में वो भी काजी निजामुद्दीन से पिछड़ते चले गए थे.

हालत ये थी कि प्रत्येक राउंड की गिनती में कांग्रेस प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन अपनी बढ़त को बढ़ाते चले जा रहे थे. पहले राउंड में काजी की बढ़त 171 वोट थी. दूसरे राउंड में ये बढ़कर उछलकर 1429 वोट हो गई. तीसरे राउंड में बढ़त दो हजार पार करते हुए 2053 वोट जा पहुंची. चौथे राउंड में काजी की बढ़त दोगुनी होती हुई 4898 वोट पहुंच गई. पांचवें राउंड में कांग्रेस के काजी बसपा के उबेदुर्रुहमान से 7385 वो आगे निकल चुके थे.

छठवें राउंड में काजी की बढ़त 8,738 वोट हो चुकी थी लेकिन 7वें राउंड में ये बढ़त कम होनी शुरू हुई और लगा कि बीजेपी के करतार सिंह भड़ाना वापसी कर रहे हैं. 7वें राउंड में काजी निजामुद्दीन की बढ़त 4590 रह गई थी. लेकिन आखिर में अंत भला तो सब भला की तर्ज पर कांग्रेस के काजी निजामुद्दीन ने मंगलौर सीट पर जीत हासिल कर ली. बीजेपी ने हार को स्वीकार नहीं किया है. पार्टी ने चुनाव आयोग को एप्लिकेशन देकर री काउंटिंग की मांग की है.

तीसरे से दूसरे नंबर पर आई बीजेपी: कांग्रेस की ये जीत भाजपा के लिए भी एक बड़ा झटका है. लेकिन भाजपा प्रत्याशी ने मंगलौर विधानसभा सीट पर इस चुनाव में दूसरे पायदान आ गए जबकि अभी तक के चुनाव में भाजपा तीसरे पायदान पर रही है. दरअसल, साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान बसपा के प्रत्याशी सरवत करीम अंसारी ने मंगलौर विधानसभा सीट से चुनाव जीता था. उस दौरान कांग्रेस प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन और भाजपा प्रत्याशी दिशी सिंह पंवार को हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन 30 अक्टूबर 2023 को मंगलौर विधानसभा सीट से बसपा विधायक सरवत करीम अंसारी का निधन हो गया था. खाली हुई इस विधानसभा सीट पर उपचुनाव कराया गया. मंगलौर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव ने भाजपा के लिए भविष्य के रास्ते खोल दिए है क्योंकि मुस्लिम बाहुल्य मंगलौर विधानसभा सीट पर भाजपा मात्र 449 सीटों से ही हारी है.

कांग्रेस के लिए राहत: कांग्रेस के लिए एक राहत भरी खबर ये है कि उन्होंने अपनी मंगलौर विधानसभा सीट की साल 2017 के बाद दोबारा से अपने कब्जे में कर लिया है. 2022 में ये सीट बसपा की झोली मे चली गई थी. वहीं, इस चुनाव में बसपा पहले पायदान से तीसरे पायदान पर पहुंच गई है. उत्तराखंड राज्य गठन के बाद से ही मंगलौर विधानसभा सीट पर पांच बार विधानसभा के चुनाव हो चुके हैं. इन चुनावों में चार बार बसपा और एक बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है. इस उपचुनाव में कांग्रेस को जीत मिली है. साथ ही बसपा प्रत्याशी पहले पायदान से खिसककर तीसरे पायदान पर पहुंच गए हैं.

एक नजर-

  1. साल 2002 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान बसपा प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन ने जीत दर्ज की थी.
  2. साल 2007 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भी बसपा प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन दूसरी बार जीत दर्ज करने में सफल हुए.
  3. साल 2012 में हुए विधानसभा चुनाव से पहले ही काजी निजामुद्दीन कांग्रेस में शामिल हो गए
  4. साल 2012 में कांग्रेस प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन को करारी हार का सामना करना पड़ा.
  5. 2012 में बसपा से प्रत्याशी सरवत करीम अंसारी करीब 700 वोटों से चुनाव जीते.
  6. साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में काजी निजामुद्दीन ने बसपा प्रत्याशी सरवत करीब अंसारी को 2268 वोटों से हराया.
  7. साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान बसपा प्रत्याशी सरवत करीम अंसारी ने कांग्रेस प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन को हरा दिया था.
  8. वहीं, साल 2024 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन ने भाजपा प्रत्याशी करतार सिंह भड़ाना को 449 मतों से हराकर जीत दर्ज की.

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Last Updated : Jul 13, 2024, 4:11 PM IST
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