राजनांदगांव : कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की न्याय यात्रा को असम में रोकने को लेकर छत्तीसगढ़ में विरोध प्रदर्शन शुरु हो गया है. राजनांदगांव शहर और जिला कांग्रेस कमेटी ने राहुल गांधी के साथ हुई दुर्व्यवहार की घटना को लेकर कड़ी आपत्ति दर्ज की है. असम में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के काफिला रोक जाने के मामले को लेकर राजनांदगांव शहर जिला कांग्रेस कमेटी ने मुंह में काली पट्टी बांधकर मौन प्रदर्शन करते हुए घटना की निंदा की.
न्याय यात्रा को रोके जाने का विरोध : आपको बता दें कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी मणिपुर से भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकाल रहे हैं. इस यात्रा के असम पहुंचने पर राहुल गांधी के काफिले को रोके जाने का मामला सोमवार को सामने आया. जिसमें राहुल गांधी को मंदिर और मठ में जाने से रोका गया. इसके बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आह्वान पर राजनांदगांव शहर जिला कांग्रेस कमेटी ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए मौन प्रदर्शन किया.
''असम के मुख्यमंत्री और उनके कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी के काफिले पर हमला किया और उन्हें मंदिर जाने से रोका. वहीं उनके साथ अभद्र व्यवहार किया गया. जिसकी कांग्रेस कमेटी निंदा कर रही है.इस घटना के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मौन धारण करके विरोध प्रदर्शन किया है.''- भागवत साहू, जिलाध्यक्ष कांग्रेस
राहुल गांधी के काफिले पर हमला सुनियोजित :राजनांदगांव शहर के जयस्तंभ चौक में कांग्रेसियों ने हाथों में तख्ती और मुंह में काली पट्टी बांधकर असम में राहुल गांधी के साथ हुए व्यवहार का विरोध किया. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इस हमले को सुनियोजित हमला बताया. वहीं ऐसे हमले से बिना डरे भारत जोड़ो न्याय यात्रा जारी रखने की बात कही. इस दौरान कांग्रेस जनों ने पैदल मार्च करते हुए घटना की कड़ी निंदा की है.
क्या है पूरा मामला ? : राहुल गांधी का सोमवार नगांव जिले के बटाद्रवा स्थित श्री श्री शंकर देव सत्र (मठ) मंदिर जाने का कार्यक्रम था. लेकिन स्थानीय प्रशासन ने राहुल गांधी और उनकी टीम को बटाद्रवा से करीब 17 किलोमीटर पहले ही हैबोरगांव में रोक लिया. असमिया समाज में प्रतिष्ठित वैष्णव संत श्रीमंत शंकर देव की जन्म स्थली बटाद्रवा सत्र मंदिर में जाने से रोकने से नाराज कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपने कार्यकर्ताओं के साथ हैबरगांव में ही धरने पर बैठ गए.इस दौरान राहुल गांधी ने समर्थकों के साथ ही सड़क पर भजन गाना शुरु कर दिया.
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भारत की सांस्कृतिक विविधता को शंकर देव जी ने भक्ति के माध्यम से एकता के सूत्र में पिरोया, लेकिन आज मुझे उन्हीं के स्थान पर माथा टेकने से रोका गया।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 22, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
मैंने मंदिर के बाहर से ही भगवान को प्रणाम कर उनका आशीर्वाद लिया।
अमर्यादित सत्ता के विरुद्ध मर्यादा का यह संघर्ष हम आगे बढ़ाएंगे। pic.twitter.com/EjMS1hB6pG
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— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 22, 2024
मैंने मंदिर के बाहर से ही भगवान को प्रणाम कर उनका आशीर्वाद लिया।
अमर्यादित सत्ता के विरुद्ध मर्यादा का यह संघर्ष हम आगे बढ़ाएंगे। pic.twitter.com/EjMS1hB6pGभारत की सांस्कृतिक विविधता को शंकर देव जी ने भक्ति के माध्यम से एकता के सूत्र में पिरोया, लेकिन आज मुझे उन्हीं के स्थान पर माथा टेकने से रोका गया।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 22, 2024
मैंने मंदिर के बाहर से ही भगवान को प्रणाम कर उनका आशीर्वाद लिया।
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