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राम मंदिर पर खड़गे का 'दलित' कार्ड, पूछा- मैं आता तो क्या आप बर्दाश्त करते ? - Lok Sabha Election 2024 - LOK SABHA ELECTION 2024

Mallikarjun Kharge on Ram Temple: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकसभा चुनाव के बीच देश में दलितों के साथ भेदभाव के मुद्दे पर भाजपा को घेरने की कोशिश की है. उन्होंने कहा कि आदिवासी और दलित समुदाय से होने की वजह से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को राम मंदिर और नए संसद के उद्घाटन कार्यक्रमों में नहीं बुलाया गया. पढ़ें पूरी खबर.

Mallikarjun Kharge on Ram Temple
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 19, 2024, 4:10 PM IST

Updated : Apr 19, 2024, 4:22 PM IST

नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव 2024 के बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दलितों के साथ भेदभाव का मुद्दा उठाया है. राम मंदिर के मुद्दे पर कांग्रेस का बचाव करते हुए उन्होंने भाजपा को कटघरे में खड़ा किया है. एक कार्यक्रम में खड़गे ने भाजपा सरकार पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अपमानित करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि अनुसूचित जनजाति से होने के कारण राष्ट्रपति मुर्मू को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन समारोह और नए संसद भवन के उद्घाटन में आमंत्रित नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि इससे पहले तत्कालीन राष्ट्रपति कोविंद को नए संसद भवन की आधारशिला रखने की अनुमति नहीं दी गई, क्योंकि वो अनुसूचित जाति से थे.

उन्होंने आगे कहा, यही मेरी किस्मत है. अगर किसी दूसरे समुदाय का राष्ट्रपति होता तो आप कभी भी इन नियमों का उल्लंघन नहीं करते. सिर्फ यही बताया जाता है कि कांग्रेस के नेता राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं हुए, लेकिन दलितों के अधिकारों के बारे में कोई बात नहीं करता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिनों एक इंटरव्यू में कहा था कि वोट बैंक की राजनीतिक के कारण कांग्रेस ने राम मंदिर समारोह का निमंत्रण ठुकरा दिया था. साथ ही पीएम मोदी ने कहा था कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल राम मंदिर को अपने के लिए राजनीति मुद्दा मानते थे. कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने प्रधानमंत्री मोदी के इन आरोपों का खंडन किया और कहा कि अनुसूचित जाति के लोगों को आज भी कई मंदिरों में प्रवेश की अनुमति नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर मैं अयोध्या गया होता तो क्या वे इसे बर्दाश्त करते?

इस तरह भाजपा को घेरते हुए खड़गे ने देशभर में आवासियों और दलितों के साथ होने वाले भेदभाव को उजागर करने की कोशिश की. खड़गे ने कहा कि कांग्रेस का स्पष्ट कहना है कि जिसकी आस्था है, उन्हें जरूर जाना चाहिए. हम भी अपनी पसंद के समय पर जाएंगे. लेकिन मेरी चिंता यह है कि मेरे समुदाय के लोगों को हर जगह जाने की इजाजत नहीं है. दलित समुदाय के लोग अपमानित, कुचले हुए और शोषित हैं. जब तक उनको असली आजादी नहीं मिलेगी, तब तक मैं कहां जा सकता हूं.

ये भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव: 2019 में विपक्ष ने 102 में से 45 सीटें जीती थीं, 10 पॉइंट्स में जानें प्रमुख बातें

नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव 2024 के बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दलितों के साथ भेदभाव का मुद्दा उठाया है. राम मंदिर के मुद्दे पर कांग्रेस का बचाव करते हुए उन्होंने भाजपा को कटघरे में खड़ा किया है. एक कार्यक्रम में खड़गे ने भाजपा सरकार पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अपमानित करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि अनुसूचित जनजाति से होने के कारण राष्ट्रपति मुर्मू को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन समारोह और नए संसद भवन के उद्घाटन में आमंत्रित नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि इससे पहले तत्कालीन राष्ट्रपति कोविंद को नए संसद भवन की आधारशिला रखने की अनुमति नहीं दी गई, क्योंकि वो अनुसूचित जाति से थे.

उन्होंने आगे कहा, यही मेरी किस्मत है. अगर किसी दूसरे समुदाय का राष्ट्रपति होता तो आप कभी भी इन नियमों का उल्लंघन नहीं करते. सिर्फ यही बताया जाता है कि कांग्रेस के नेता राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं हुए, लेकिन दलितों के अधिकारों के बारे में कोई बात नहीं करता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिनों एक इंटरव्यू में कहा था कि वोट बैंक की राजनीतिक के कारण कांग्रेस ने राम मंदिर समारोह का निमंत्रण ठुकरा दिया था. साथ ही पीएम मोदी ने कहा था कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल राम मंदिर को अपने के लिए राजनीति मुद्दा मानते थे. कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने प्रधानमंत्री मोदी के इन आरोपों का खंडन किया और कहा कि अनुसूचित जाति के लोगों को आज भी कई मंदिरों में प्रवेश की अनुमति नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर मैं अयोध्या गया होता तो क्या वे इसे बर्दाश्त करते?

इस तरह भाजपा को घेरते हुए खड़गे ने देशभर में आवासियों और दलितों के साथ होने वाले भेदभाव को उजागर करने की कोशिश की. खड़गे ने कहा कि कांग्रेस का स्पष्ट कहना है कि जिसकी आस्था है, उन्हें जरूर जाना चाहिए. हम भी अपनी पसंद के समय पर जाएंगे. लेकिन मेरी चिंता यह है कि मेरे समुदाय के लोगों को हर जगह जाने की इजाजत नहीं है. दलित समुदाय के लोग अपमानित, कुचले हुए और शोषित हैं. जब तक उनको असली आजादी नहीं मिलेगी, तब तक मैं कहां जा सकता हूं.

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Last Updated : Apr 19, 2024, 4:22 PM IST
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