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यूपी में रालोद के विपक्षी गठबंधन छोड़ने की अटकलों को तवज्जो नहीं दे रही कांग्रेस

Congress plays down reports : राहुल गांधी की न्याय यात्रा यूपी में 16 फरवरी को पहुंचेगी. पार्टी उसकी तैयारियों में जुटी है. इस बीच यूपी के प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा कि आरएलडी को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट.

Congress plays down reports
कांग्रेस
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 8, 2024, 5:40 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस ने गुरुवार को उन खबरों को ज्यादा तवज्जो नहीं दी कि रालोद 16 फरवरी को उत्तर प्रदेश में प्रवेश करने वाली राहुल गांधी की भारत न्याय यात्रा को बाधित करने के लिए भाजपा से हाथ मिला सकता है. यात्रा में इसी तरह का व्यवधान हाल ही में बिहार में हुआ था जहां जेडी-यू ने भाजपा से हाथ मिलाया था और झारखंड में जहां भगवा पार्टी ने कथित तौर पर झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन को तोड़ने का प्रयास किया था.

उत्तर प्रदेश के प्रभारी एआईसीसी महासचिव अविनाश पांडे ने ईटीवी भारत को बताया, 'रालोद को अपनी स्थिति स्पष्ट करना है. सपा पहले ही साफ कर चुकी है कि वह कांग्रेस के साथ है. हमने अपने सभी सहयोगियों को यात्रा में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है और हमें उम्मीद है कि वे इसमें शामिल होंगे. मुझे नहीं लगता कि राहुल गांधी की यात्रा पर असर पड़ेगा. सफल यात्रा के लिए हमारी तैयारी चल रही है.'

कांग्रेस नेता की टिप्पणी उन खबरों के बीच आई है कि आरएलडी, जिसने एसपी द्वारा पश्चिमी यूपी में सात लोकसभा सीटों की पेशकश की थी, सिर्फ चार संसदीय सीटों के लिए भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल हो सकती है. राज्य के पश्चिमी हिस्सों में एक मजबूत खिलाड़ी आरएलडी की उपस्थिति राज्य में दोनों गठबंधनों के लिए महत्वपूर्ण है. यूपी लोकसभा में सबसे बड़ी संख्या में 80 सीटें भेजता है.

जैसे ही रालोद को लेकर अटकलें तेज हुईं, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और पश्चिमी यूपी के मैनपुरी से लोकसभा सांसद उनकी पत्नी डिंपल यादव ने बुधवार को कहा कि 'रालोद प्रमुख जयंत चौधरी एक बुद्धिमान नेता हैं जो किसानों के अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं और लड़ेंगे. अपनी स्थिति से समझौता करने के लिए कोई भी कार्य न करें.' कांग्रेस ने भी गुरुवार को ऐसे ही विचार व्यक्त किए.

यूपी के प्रभारी एआईसीसी सचिव प्रदीप नरवाल ने बताया, 'जयंत चौधरी जाने-माने किसान नेता हैं. वह विपक्षी गठबंधन का हिस्सा हैं और हमें उम्मीद है कि हम साथ रहेंगे. भाजपा ने बिहार और झारखंड में यात्रा को बाधित करने की कोशिश की लेकिन हम अटकलों पर प्रतिक्रिया नहीं दे सकते. हम स्थिति के अनुसार प्रतिक्रिया देंगे.'

नरवाल के अनुसार, अखिलेश यादव ने पुष्टि की थी कि वह पूर्व कांग्रेस प्रमुखों सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पारंपरिक गढ़ों रायबरेली या अमेठी में यात्रा में शामिल होंगे. कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि रालोद के भाजपा की ओर बढ़ने की स्थिति में, I.N.D.I.A गठबंधन बसपा को अपने साथ लाने की उम्मीद कर सकता है, जिससे पश्चिमी यूपी में विपक्ष को मदद मिलेगी.

कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने यह भी बताया कि कैसे अखिलेश यादव राहुल गांधी के इस आरोप का समर्थन कर रहे थे कि पीएम मोदी ओबीसी में पैदा नहीं हुए थे, उन्हें 2000 में गुजरात सरकार द्वारा सूची में शामिल किया गया था. अखिलेश ने गुरुवार को कहा, 'मैं राहुल गांधी ने जो कहा उसका जवाब दूंगा लेकिन यह सच है कि कुछ लोग जन्म से नहीं बल्कि प्रमाणपत्र से ओबीसी हैं.'

राज्य इकाई के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, 'यात्रा के प्रवेश को लेकर अमेठी और रायबरेली में स्थानीय नेताओं ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. उम्मीद है कि प्रियंका गांधी भी वहां राहुल गांधी के साथ शामिल होंगी.' पिछले दिनों पांडे जिला इकाई प्रमुखों को याद दिलाते रहे हैं कि मतदाता उनमें कांग्रेस आलाकमान की झलक देखते हैं और राज्य में पार्टी को पुनर्जीवित करना उनकी जिम्मेदारी है.

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नई दिल्ली : कांग्रेस ने गुरुवार को उन खबरों को ज्यादा तवज्जो नहीं दी कि रालोद 16 फरवरी को उत्तर प्रदेश में प्रवेश करने वाली राहुल गांधी की भारत न्याय यात्रा को बाधित करने के लिए भाजपा से हाथ मिला सकता है. यात्रा में इसी तरह का व्यवधान हाल ही में बिहार में हुआ था जहां जेडी-यू ने भाजपा से हाथ मिलाया था और झारखंड में जहां भगवा पार्टी ने कथित तौर पर झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन को तोड़ने का प्रयास किया था.

उत्तर प्रदेश के प्रभारी एआईसीसी महासचिव अविनाश पांडे ने ईटीवी भारत को बताया, 'रालोद को अपनी स्थिति स्पष्ट करना है. सपा पहले ही साफ कर चुकी है कि वह कांग्रेस के साथ है. हमने अपने सभी सहयोगियों को यात्रा में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है और हमें उम्मीद है कि वे इसमें शामिल होंगे. मुझे नहीं लगता कि राहुल गांधी की यात्रा पर असर पड़ेगा. सफल यात्रा के लिए हमारी तैयारी चल रही है.'

कांग्रेस नेता की टिप्पणी उन खबरों के बीच आई है कि आरएलडी, जिसने एसपी द्वारा पश्चिमी यूपी में सात लोकसभा सीटों की पेशकश की थी, सिर्फ चार संसदीय सीटों के लिए भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल हो सकती है. राज्य के पश्चिमी हिस्सों में एक मजबूत खिलाड़ी आरएलडी की उपस्थिति राज्य में दोनों गठबंधनों के लिए महत्वपूर्ण है. यूपी लोकसभा में सबसे बड़ी संख्या में 80 सीटें भेजता है.

जैसे ही रालोद को लेकर अटकलें तेज हुईं, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और पश्चिमी यूपी के मैनपुरी से लोकसभा सांसद उनकी पत्नी डिंपल यादव ने बुधवार को कहा कि 'रालोद प्रमुख जयंत चौधरी एक बुद्धिमान नेता हैं जो किसानों के अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं और लड़ेंगे. अपनी स्थिति से समझौता करने के लिए कोई भी कार्य न करें.' कांग्रेस ने भी गुरुवार को ऐसे ही विचार व्यक्त किए.

यूपी के प्रभारी एआईसीसी सचिव प्रदीप नरवाल ने बताया, 'जयंत चौधरी जाने-माने किसान नेता हैं. वह विपक्षी गठबंधन का हिस्सा हैं और हमें उम्मीद है कि हम साथ रहेंगे. भाजपा ने बिहार और झारखंड में यात्रा को बाधित करने की कोशिश की लेकिन हम अटकलों पर प्रतिक्रिया नहीं दे सकते. हम स्थिति के अनुसार प्रतिक्रिया देंगे.'

नरवाल के अनुसार, अखिलेश यादव ने पुष्टि की थी कि वह पूर्व कांग्रेस प्रमुखों सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पारंपरिक गढ़ों रायबरेली या अमेठी में यात्रा में शामिल होंगे. कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि रालोद के भाजपा की ओर बढ़ने की स्थिति में, I.N.D.I.A गठबंधन बसपा को अपने साथ लाने की उम्मीद कर सकता है, जिससे पश्चिमी यूपी में विपक्ष को मदद मिलेगी.

कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने यह भी बताया कि कैसे अखिलेश यादव राहुल गांधी के इस आरोप का समर्थन कर रहे थे कि पीएम मोदी ओबीसी में पैदा नहीं हुए थे, उन्हें 2000 में गुजरात सरकार द्वारा सूची में शामिल किया गया था. अखिलेश ने गुरुवार को कहा, 'मैं राहुल गांधी ने जो कहा उसका जवाब दूंगा लेकिन यह सच है कि कुछ लोग जन्म से नहीं बल्कि प्रमाणपत्र से ओबीसी हैं.'

राज्य इकाई के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, 'यात्रा के प्रवेश को लेकर अमेठी और रायबरेली में स्थानीय नेताओं ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. उम्मीद है कि प्रियंका गांधी भी वहां राहुल गांधी के साथ शामिल होंगी.' पिछले दिनों पांडे जिला इकाई प्रमुखों को याद दिलाते रहे हैं कि मतदाता उनमें कांग्रेस आलाकमान की झलक देखते हैं और राज्य में पार्टी को पुनर्जीवित करना उनकी जिम्मेदारी है.

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