चंडीगढ़: हरियाणा के सोनीपत सीट से कांग्रेसी उम्मीदवार सुरेंद्र पंवार को करोड़ों रुपए के मनी लांड्रिंग मामले में बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा सुरेंद्र पंवार की गिरफ्तारी को अवैध माना है और उन्हें उन्हें बरी करने के आदेश दिए हैं. पंवार की रिहाई से अब सोनीपत सीट पर कांग्रेस और भाजपा के बीच विधानसभा का चुनावी मुकाबला काफी रोचक होना तय माना जा रहा है. रिहाई से पहले पंवार की पुत्र वधू समीक्षा पंवार ने चुनाव प्रचार की कमान संभाली हुई थी.
3 महीने पहले किया गिरफ्तार
गौरतलब है कि खनन कारोबारी सुरेंद्र पंवार को ED ने करीब तीन महीने पहले अवैध खनन और मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया था. इसके चलते 5 अक्टूबर 2024 को होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की टिकट पर पंवार ने अपना नामांकन पुलिस हिरासत में रहते हुए ही भरा था. ईडी ने पंवार को 20 जुलाई को गुरुग्राम में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था और तब से वह अंबाला जेल में बंद थे. जबकि वर्ष 2019 में भी वह कांग्रेस के टिकट पर सोनीपत से विधायक बने थे.
कांग्रेस से बागी नगर निगम मेयर से मुकाबला
सुरेंद्र पंवार का चुनावी मुकाबला सोनीपत में कांग्रेस से बागी हुए नगर निगम के मेयर निखिल मदान से है, जो भाजपा के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं. लेकिन भाजपा प्रत्याशी मदान को गुटबाजी का सामना करना पड़ रहा है, जबकि सुरेंद्र पंवार भी जेल में होने के कारण अभी तक चुनाव प्रचार नहीं कर सके हैं. हालांकि सोनीपत से सांसद सतपाल ब्रह्मचारी कांग्रेसी प्रत्याशी के चुनाव प्रचार में पहुंचे थे.
ED ने जनवरी में की छापामारी
प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने वर्ष 2013 में हुए अवैध खनन मामले की जांच के दौरान 4 जनवरी 2024 को सोनीपत के विधायक सुरेंद्र पंवार के सेक्टर-15 स्थित आवास और अन्य स्थानों पर छापेमारी की थी. ED ने पंवार के साझेदारों यमुनानगर के पूर्व विधायक दिलबाग सिंह के यहां और करनाल में भी छापा मारा था. ईडी ने खनन से जुड़े कुछ दस्तावेजों को कब्जे में लिया था.
25 करोड रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग का मामला
दरअसल विधायक सुरेंद्र पंवार पर 25 करोड़ रुपए के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ट्रायल चल रहा है. गौरतलब है कि पंवार के खिलाफ करीब आठ मामले दर्ज हैं, जिनमे से एक मामला ईडी द्वारा जनवरी 2024 में दर्ज किया गया था. इसके बाद ED की जांच टीम ने पूर्व विधायक दिलबाग सिंह और उनके सहयोगी को गिरफ्तार किया था, जो बाद में जमानत पर छूटे हैं.
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