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अभिषेक मनु सिंघवी को तेलंगाना से राज्यसभा भेजने की तैयारी, केशव राव के इस्तीफे से रास्ता साफ - Abhishek Manu Singhvi

Abhishek Manu Singhvi Rajya Sabha from Telangana: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी को तेलंगाना से राज्यसभा के लिए नामित किया जा सकता है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि पूर्व बीआरएस नेता केशव राव के राज्यसभा से इस्तीफे के बाद अनुभवी वकील सिंघवी के लिए रास्ता साफ हो गया है. वहीं वाईएस शर्मिला को कांग्रेस कर्नाटक से राज्यसभा भेज सकती है.

Abhishek Manu Singhvi Rajya Sabha from Telangana
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी (ANI)
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By Amit Agnihotri

Published : Jul 7, 2024, 8:49 PM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस अपने वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी को तेलंगाना से राज्यसभा में भेज सकती है. कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य और अनुभवी वकील सिंघवी संसद के ऊपरी सदन में तीन कार्यकाल पूरा कर चुके हैं. बीते अप्रैल में कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया था, लेकिन कांग्रेस के छह विधायकों के बगावत करने से वह हार गए. भाजपा के हर्ष महाजन राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए थे. हार के बाद राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस की खूब किरकिरी हुई थी.

कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस हाईकमान अभी भी सिंघवी को राज्यसभा भेजने के पक्ष में है और उन्हें दक्षिणी राज्य तेलंगाना से उच्च सदन में लाने पर विचार चल रहा है. तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने हाल ही में बीआरएस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य केशव राव को कांग्रेस में शामिल कराया है. कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, सीएम रेवंत, उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क और राज्य की प्रभारी दीपा दासमुंशी ने केशव राव का पार्टी में स्वागत किया था.

कांग्रेस में शामिल होने के तुरंत बाद केशव राव ने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया, जिससे उच्च सदन में एक सीट खाली हो गई. कांग्रेस अब इस खाली हुई सीट से अभिषेक सिंघवी को राज्यसभा में भेज सकती है. इसके बदले में, केशव राव को तेलंगाना सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा देकर लोक प्रशासन का सलाहकार बनाया गया है. दिग्गज नेता केशव राव 2014 में आंध्र प्रदेश से अलग तेलंगाना राज्य के गठन से पहले कांग्रेस में थे.

तेलंगाना कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मधु गौड़ यास्की ने ईटीवी भारत को बताया कि राज्यसभा के लिए नामित करने का फैसला हाईकमान करेगा, लेकिन मैं यह कह सकता हूं कि अभिषेक मनु सिंघवी सदन के अंदर और बाहर दोनों जगह पार्टी के लिए संपत्ति की तरह हैं. वह पार्टी के मजबूत प्रवक्ता हैं.

तीन राज्यों में तीन सीटें जीत सकती है कांग्रेस
सत्ता में आने के बाद से कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की पार्टी बीआरएस के नेताओं को अपने साथ जोड़ने में लगी हुई है. हाल ही में बीआरएस के छह एमएलसी ने एक साथ कांग्रेस का दामन थाम लिया. तेलंगाना में एक सीट के अलावा कांग्रेस हरियाणा में एक सीट (जो लोकसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा द्वारा खाली की गई है) और राजस्थान में एक सीट (केसी वेणुगोपाल द्वारा खाली की गई है) जीत सकती है.

वाईएस शर्मिला को भी राज्यसभा भेजने पर विचार
पार्टी सूत्रों ने कहा कि सिंघवी के अलावा आंध्र प्रदेश कांग्रेस की प्रमुख वाईएस शर्मिला को भी कर्नाटक से राज्यसभा भेजने के लिए विचार किया जा रहा है. अपने पिता और पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वाईएस राजशेखर रेड्डी की पारंपरिक सीट कडपा से लोकसभा चुनाव हारने वाली शर्मिला अपनी संभावनाओं पर चर्चा करने के लिए रेवंत रेड्डी और कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार दोनों से मिल चुकी हैं.

शर्मिला को आंध्र प्रदेश में पार्टी को आगे बढ़ाने और अपने भाई व वाईएसआरसीपी प्रमुख जगन मोहन रेड्डी का मुकाबला करने के लिए विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल किया गया था. कांग्रेस में शामिल होने से पहले शर्मिला ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात की थी. कांग्रेस के दोनों शीर्ष नेताओं ने कडपा ने शर्मिला के लिए प्रचार भी किया था.

यह भी पढ़ें- यूपी में मिशन 2027 की तैयारी में जुटी कांग्रेस, राहुल गांधी 9 जुलाई को रायबरेली का करेंगे दौरा

नई दिल्ली: कांग्रेस अपने वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी को तेलंगाना से राज्यसभा में भेज सकती है. कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य और अनुभवी वकील सिंघवी संसद के ऊपरी सदन में तीन कार्यकाल पूरा कर चुके हैं. बीते अप्रैल में कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया था, लेकिन कांग्रेस के छह विधायकों के बगावत करने से वह हार गए. भाजपा के हर्ष महाजन राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए थे. हार के बाद राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस की खूब किरकिरी हुई थी.

कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस हाईकमान अभी भी सिंघवी को राज्यसभा भेजने के पक्ष में है और उन्हें दक्षिणी राज्य तेलंगाना से उच्च सदन में लाने पर विचार चल रहा है. तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने हाल ही में बीआरएस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य केशव राव को कांग्रेस में शामिल कराया है. कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, सीएम रेवंत, उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क और राज्य की प्रभारी दीपा दासमुंशी ने केशव राव का पार्टी में स्वागत किया था.

कांग्रेस में शामिल होने के तुरंत बाद केशव राव ने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया, जिससे उच्च सदन में एक सीट खाली हो गई. कांग्रेस अब इस खाली हुई सीट से अभिषेक सिंघवी को राज्यसभा में भेज सकती है. इसके बदले में, केशव राव को तेलंगाना सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा देकर लोक प्रशासन का सलाहकार बनाया गया है. दिग्गज नेता केशव राव 2014 में आंध्र प्रदेश से अलग तेलंगाना राज्य के गठन से पहले कांग्रेस में थे.

तेलंगाना कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मधु गौड़ यास्की ने ईटीवी भारत को बताया कि राज्यसभा के लिए नामित करने का फैसला हाईकमान करेगा, लेकिन मैं यह कह सकता हूं कि अभिषेक मनु सिंघवी सदन के अंदर और बाहर दोनों जगह पार्टी के लिए संपत्ति की तरह हैं. वह पार्टी के मजबूत प्रवक्ता हैं.

तीन राज्यों में तीन सीटें जीत सकती है कांग्रेस
सत्ता में आने के बाद से कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की पार्टी बीआरएस के नेताओं को अपने साथ जोड़ने में लगी हुई है. हाल ही में बीआरएस के छह एमएलसी ने एक साथ कांग्रेस का दामन थाम लिया. तेलंगाना में एक सीट के अलावा कांग्रेस हरियाणा में एक सीट (जो लोकसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा द्वारा खाली की गई है) और राजस्थान में एक सीट (केसी वेणुगोपाल द्वारा खाली की गई है) जीत सकती है.

वाईएस शर्मिला को भी राज्यसभा भेजने पर विचार
पार्टी सूत्रों ने कहा कि सिंघवी के अलावा आंध्र प्रदेश कांग्रेस की प्रमुख वाईएस शर्मिला को भी कर्नाटक से राज्यसभा भेजने के लिए विचार किया जा रहा है. अपने पिता और पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वाईएस राजशेखर रेड्डी की पारंपरिक सीट कडपा से लोकसभा चुनाव हारने वाली शर्मिला अपनी संभावनाओं पर चर्चा करने के लिए रेवंत रेड्डी और कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार दोनों से मिल चुकी हैं.

शर्मिला को आंध्र प्रदेश में पार्टी को आगे बढ़ाने और अपने भाई व वाईएसआरसीपी प्रमुख जगन मोहन रेड्डी का मुकाबला करने के लिए विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल किया गया था. कांग्रेस में शामिल होने से पहले शर्मिला ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात की थी. कांग्रेस के दोनों शीर्ष नेताओं ने कडपा ने शर्मिला के लिए प्रचार भी किया था.

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