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लोकसभा में प्रियंका गांधी का पहला भाषण, बोलीं- 'एक ही व्यक्ति को क्यों दिए जा रहे सारे संसाधन, देश फिर उठेगा' - PRIYANKA GANDHI IN LOK SABHA

लोकसभा में प्रियंका गांधी ने पहला भाषण दिया. उन्होंने अडाणी और मोदी पर साधा निशाना.

Priyanka Gandhi
प्रियंका गांधी (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 3 hours ago

नई दिल्ली : लोकसभा में शुक्रवार को संविधान के 75 वर्ष की यात्रा पर चर्चा हो रही है. इसमें कांग्रेस गांधी प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी भाग लिया. संसद में यह उनका पहला भाषण था. उन्होंने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा.

प्रियंका गांधी ने कहा कि हमारे देश में चर्चा और संवाद की बहुत ही प्राचीन परंपरा रही है और इसका उल्लेख वेदों और उपनिषदों में भी किया गया है. यहां तक कि इस्लाम, जैन, सिख धर्म में भी बहस और चर्चा की परंपरा और संस्कृति रही है. उन्होंने कहा कि इसी परंपरा से आजादी का आंदोलन निकला.

प्रियंका ने कहा कि हमारा आजादी का आंदोलन पूरी दुनिया में सबसे अनोखा रहा है यह सत्य और अहिंसा पर आधारित थी. उन्होंने कहा कि हमारी आजादी की लड़ाई लोकतांत्रिक थी, जिसमें हर वर्ग, हर जाति धर्म के लोगों ने इसमें हिस्सा लिया और आजादी की लड़ाई लड़ी, उसी आजादी की लड़ाई से एक आवाज उभरी, वो ही आवाज हमारा देश का संविधान है.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि यदि लोकसभा चुनाव के नतीजे इस तरह से नहीं आते, तो आज ये लोग संविधान भी बदल देते. आज ऐसी स्थिति हो गई है कि सबकुछ यानि सारा संसाधन सिर्फ एक व्यक्ति को देने की तैयारी हो रही है. सारे ठेके एक ही व्यक्ति को दिए जा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि हमारा संविधान लोगों के लिए सुरक्षा कवच है जो देशवासियों को सुरक्षित रखता है. यह न्याय, एकता, और अभिव्यक्ति की आजादी का कवच है. उन्होंने कहा कि लेटरल एंट्री के जरिए आरक्षण को कमजोर किया जा रहा है.

प्रियंका गांधी ने लोकसभा चुनाव के नतीजों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘अगर लोकसभा में ये नतीजे नहीं आए होते तो ये (सत्तारूढ़ दल) संविधान बदलने का काम करते.’’ उन्होंने कहा, ‘‘लोकसभा चुनाव में इन्हें (भाजपा) हारते-हारते जीतने से एहसास हुआ कि इस देश में संविधान बदलने की बात नहीं चलेगी।’’

प्रियंका गांधी का कहना था कि आज जाति जनगणना का जिक्र सत्तापक्ष कर रहा है क्योंकि ऐसे नतीजे आए. कांग्रेस सांसद का तात्पर्य इस बात से था कि लोकसभा चुनाव में भाजपा बहुमत से दूर रहे. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार आर्थिक न्याय का कवच तोड़ रही है.

प्रियंका गांधी ने कहा, ‘‘यह सिर्फ एक दस्तावेज नहीं है...हमारा संविधान इंसाफ, उम्मीद, अभिव्यक्ति और अकांक्षा की वह जोत है जो हर हिंदुस्तानी के दिल में जलती है. उम्मीद और आशा की एक जोत हमने देश के कोने-कोने में देखी है.’’

प्रियंका गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का उल्लेख करते हुए कहा कि उनका नाम पुस्तकों से मिटाया जा सकता है, भाषणों से मिटाया जा सकता है, लेकिन आजादी और देश के निर्माण में उनकी भूमिका को नहीं मिटाया जा सकता.

ये भी पढ़ें : मोदी-अडाणी भाई-भाई लिखा हुआ बैग लेकर संसद पहुंचीं प्रियंका, भाजपा बोली- फैशन शो नहीं चल रहा यहां

नई दिल्ली : लोकसभा में शुक्रवार को संविधान के 75 वर्ष की यात्रा पर चर्चा हो रही है. इसमें कांग्रेस गांधी प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी भाग लिया. संसद में यह उनका पहला भाषण था. उन्होंने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा.

प्रियंका गांधी ने कहा कि हमारे देश में चर्चा और संवाद की बहुत ही प्राचीन परंपरा रही है और इसका उल्लेख वेदों और उपनिषदों में भी किया गया है. यहां तक कि इस्लाम, जैन, सिख धर्म में भी बहस और चर्चा की परंपरा और संस्कृति रही है. उन्होंने कहा कि इसी परंपरा से आजादी का आंदोलन निकला.

प्रियंका ने कहा कि हमारा आजादी का आंदोलन पूरी दुनिया में सबसे अनोखा रहा है यह सत्य और अहिंसा पर आधारित थी. उन्होंने कहा कि हमारी आजादी की लड़ाई लोकतांत्रिक थी, जिसमें हर वर्ग, हर जाति धर्म के लोगों ने इसमें हिस्सा लिया और आजादी की लड़ाई लड़ी, उसी आजादी की लड़ाई से एक आवाज उभरी, वो ही आवाज हमारा देश का संविधान है.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि यदि लोकसभा चुनाव के नतीजे इस तरह से नहीं आते, तो आज ये लोग संविधान भी बदल देते. आज ऐसी स्थिति हो गई है कि सबकुछ यानि सारा संसाधन सिर्फ एक व्यक्ति को देने की तैयारी हो रही है. सारे ठेके एक ही व्यक्ति को दिए जा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि हमारा संविधान लोगों के लिए सुरक्षा कवच है जो देशवासियों को सुरक्षित रखता है. यह न्याय, एकता, और अभिव्यक्ति की आजादी का कवच है. उन्होंने कहा कि लेटरल एंट्री के जरिए आरक्षण को कमजोर किया जा रहा है.

प्रियंका गांधी ने लोकसभा चुनाव के नतीजों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘अगर लोकसभा में ये नतीजे नहीं आए होते तो ये (सत्तारूढ़ दल) संविधान बदलने का काम करते.’’ उन्होंने कहा, ‘‘लोकसभा चुनाव में इन्हें (भाजपा) हारते-हारते जीतने से एहसास हुआ कि इस देश में संविधान बदलने की बात नहीं चलेगी।’’

प्रियंका गांधी का कहना था कि आज जाति जनगणना का जिक्र सत्तापक्ष कर रहा है क्योंकि ऐसे नतीजे आए. कांग्रेस सांसद का तात्पर्य इस बात से था कि लोकसभा चुनाव में भाजपा बहुमत से दूर रहे. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार आर्थिक न्याय का कवच तोड़ रही है.

प्रियंका गांधी ने कहा, ‘‘यह सिर्फ एक दस्तावेज नहीं है...हमारा संविधान इंसाफ, उम्मीद, अभिव्यक्ति और अकांक्षा की वह जोत है जो हर हिंदुस्तानी के दिल में जलती है. उम्मीद और आशा की एक जोत हमने देश के कोने-कोने में देखी है.’’

प्रियंका गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का उल्लेख करते हुए कहा कि उनका नाम पुस्तकों से मिटाया जा सकता है, भाषणों से मिटाया जा सकता है, लेकिन आजादी और देश के निर्माण में उनकी भूमिका को नहीं मिटाया जा सकता.

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