ETV Bharat / bharat

'जीना यहां, मरना यहां, इसके सिवा जाना कहां', पूर्णिया लोकसभा सीट पर अड़े पप्पू यादव - Congress leader Pappu Yadav - CONGRESS LEADER PAPPU YADAV

हाल ही में JAP का विलय कर कांग्रेस में शामिल हुए पप्पू यादव की उम्मीदों को झटका लगा है. पप्पू यादव को पूर्णिया लोकसभा की सीट महागठबंधन के सीट बंटवारे में नहीं मिली है. यही नहीं उनकी परंपरागत सीट मधेपुरा भी आरजेडी ने ले ली है. ऐसे में अब पप्पू यादव क्या करेंगे? उसका जवाब उन्होंने ट्वीट के जरिए दिया है. पढे़ं

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 29, 2024, 1:23 PM IST

Updated : Mar 29, 2024, 1:57 PM IST

पटना : भले ही महागठबंधन में पूर्णिया लोकसभा सीट कांग्रेस के खाते में न गई हो लेकिन पप्पू यादव ने पूर्णिया सीट पर अपना दावा नहीं छोड़ा है. बता दें कि मधेपुरा और सुपौल सीट भी आरजेडी ने अपने पास रखी है. कांग्रेस के पाले में 9 सीटें आईं हैं जिसपर पप्पू यादव को कांग्रेस उम्मीदवार बना सकती है. लेकिन जिस तरह से पप्पू यादव पोस्ट कर रहे हैं उससे लगता है कि वो पूर्णिया से कम में मानने वाले नहीं हैं.

''हमारा संकल्प राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने का है. वो अंतिम सांस तक रहेगा. पूर्णिया में कांग्रेस का झंडा फहरेगा. पूर्णिया में कांग्रेस स्थापित होगी. मेरे हाथ में पब्लिक कांग्रेस का झंडा देखना चाहती है. मेरे सीने में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी हैं. पूर्णिया पप्पू यादव की जिंदगी है. हमें पूर्णिया से कोई अलग नहीं कर सकता और न ही छीन सकता है''- पप्पू यादव, कांग्रेस नेता

पप्पू यादव ने ट्वीट किया है कि ''सीमांचल कोसी जीतकर, देश में कांग्रेस सरकार बनाएंगे, पूर्णिया में कांग्रेस का झंडा लहराएंगे, राहुल गांधी जी को प्रधानमंत्री बनाएंगे''. अब सवाल उठता है कि क्या पप्पू यादव अपने अलायंस के उम्मीदवार का सहयोग करेंगे या खुद फाइट करेंगे? तो वो कहते आए हैं कि वो 'पूर्णिया को मरते दम तक नहीं छोड़ेंगे.'

पप्पू यादव को झटका : पप्पू यादव की उम्मीदों को सीट शेयरिंग से काफी झटका लगा है. पूर्णिया से उम्मीदवारी का मरते दम तक दावा ठोंकने वाले पप्पू यादव की ये सीट आरजेडी के खाते में गई है. मधेपुरा सीट भी कांग्रेस को नहीं मिली है. जबकि पप्पू यादव ने 'प्रणाम पूर्णिया' नाम से कैंपेन चलाया हुआ था. इस सीट पर आरजेडी ने जेडीयू से आईं पूर्व मंत्री बीमा भारती को लोकसभा का टिकट थमा दिया था.

ईटीवी भारत GFX.
ईटीवी भारत GFX.

पूर्णिया पप्पू को क्यों पसंद? : दरअसल, पप्पू यादव मधेपुरा सीट से तीन बार चुनाव लड़ें, दो बार जीते और पिछले चुनाव में यहां से वो हार गए. पप्पू यादव को पूर्णिया के MY समीकरण से ज्यादा भरोसा पूर्णिया में लगता है. क्योंकि यहां यादवों का प्रतिशत महज 9 है जबकि मुस्लिम समुदाय की संख्या 40 फीसदी है. दोनों को जोड़ दें तो ये आंकड़ा 49 फीसदी तक ठहरता है. ऐसे में यहां से जीतना पप्पू यादव को आसान नजर आ रहा है.

आरजेडी के हिस्से में ये सीटें : पूर्णिया, मधेपुरा, औरंगाबाद, गया, जमुई, नवादा, सारण, पाटलिपुत्र, बक्सर, उजियारपुर, जहानाबाद, दरभंगा, बांका, अररिया, मुंगेर, सीतामढ़ी, झंझारपुर, मधुबनी, सिवान, शिवहर, वैशाली, हाजीपुर, सुपौल, वाल्मिकीनगर, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज सीट आरजेडी के पाले में गई.

कांग्रेस के हाथ से निकली पूर्णिया सीट : जबकि पटना साहिब, किशनगंज, कटिहार, भागलपुर, सासाराम, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, पश्चिम चंपारण और महाराजगंज लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी चुनावी मैदान में होंगे.

किन सीटों पर लड़ेगी लेफ्ट ? : भाकपा माले- आरा, नालंदा, काराकाट, सीपीआई- बेगूसराय, सीपीएम- खगड़िया से चुनाव लड़ेगी.

ये भी पढ़ें-

पटना : भले ही महागठबंधन में पूर्णिया लोकसभा सीट कांग्रेस के खाते में न गई हो लेकिन पप्पू यादव ने पूर्णिया सीट पर अपना दावा नहीं छोड़ा है. बता दें कि मधेपुरा और सुपौल सीट भी आरजेडी ने अपने पास रखी है. कांग्रेस के पाले में 9 सीटें आईं हैं जिसपर पप्पू यादव को कांग्रेस उम्मीदवार बना सकती है. लेकिन जिस तरह से पप्पू यादव पोस्ट कर रहे हैं उससे लगता है कि वो पूर्णिया से कम में मानने वाले नहीं हैं.

''हमारा संकल्प राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने का है. वो अंतिम सांस तक रहेगा. पूर्णिया में कांग्रेस का झंडा फहरेगा. पूर्णिया में कांग्रेस स्थापित होगी. मेरे हाथ में पब्लिक कांग्रेस का झंडा देखना चाहती है. मेरे सीने में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी हैं. पूर्णिया पप्पू यादव की जिंदगी है. हमें पूर्णिया से कोई अलग नहीं कर सकता और न ही छीन सकता है''- पप्पू यादव, कांग्रेस नेता

पप्पू यादव ने ट्वीट किया है कि ''सीमांचल कोसी जीतकर, देश में कांग्रेस सरकार बनाएंगे, पूर्णिया में कांग्रेस का झंडा लहराएंगे, राहुल गांधी जी को प्रधानमंत्री बनाएंगे''. अब सवाल उठता है कि क्या पप्पू यादव अपने अलायंस के उम्मीदवार का सहयोग करेंगे या खुद फाइट करेंगे? तो वो कहते आए हैं कि वो 'पूर्णिया को मरते दम तक नहीं छोड़ेंगे.'

पप्पू यादव को झटका : पप्पू यादव की उम्मीदों को सीट शेयरिंग से काफी झटका लगा है. पूर्णिया से उम्मीदवारी का मरते दम तक दावा ठोंकने वाले पप्पू यादव की ये सीट आरजेडी के खाते में गई है. मधेपुरा सीट भी कांग्रेस को नहीं मिली है. जबकि पप्पू यादव ने 'प्रणाम पूर्णिया' नाम से कैंपेन चलाया हुआ था. इस सीट पर आरजेडी ने जेडीयू से आईं पूर्व मंत्री बीमा भारती को लोकसभा का टिकट थमा दिया था.

ईटीवी भारत GFX.
ईटीवी भारत GFX.

पूर्णिया पप्पू को क्यों पसंद? : दरअसल, पप्पू यादव मधेपुरा सीट से तीन बार चुनाव लड़ें, दो बार जीते और पिछले चुनाव में यहां से वो हार गए. पप्पू यादव को पूर्णिया के MY समीकरण से ज्यादा भरोसा पूर्णिया में लगता है. क्योंकि यहां यादवों का प्रतिशत महज 9 है जबकि मुस्लिम समुदाय की संख्या 40 फीसदी है. दोनों को जोड़ दें तो ये आंकड़ा 49 फीसदी तक ठहरता है. ऐसे में यहां से जीतना पप्पू यादव को आसान नजर आ रहा है.

आरजेडी के हिस्से में ये सीटें : पूर्णिया, मधेपुरा, औरंगाबाद, गया, जमुई, नवादा, सारण, पाटलिपुत्र, बक्सर, उजियारपुर, जहानाबाद, दरभंगा, बांका, अररिया, मुंगेर, सीतामढ़ी, झंझारपुर, मधुबनी, सिवान, शिवहर, वैशाली, हाजीपुर, सुपौल, वाल्मिकीनगर, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज सीट आरजेडी के पाले में गई.

कांग्रेस के हाथ से निकली पूर्णिया सीट : जबकि पटना साहिब, किशनगंज, कटिहार, भागलपुर, सासाराम, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, पश्चिम चंपारण और महाराजगंज लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी चुनावी मैदान में होंगे.

किन सीटों पर लड़ेगी लेफ्ट ? : भाकपा माले- आरा, नालंदा, काराकाट, सीपीआई- बेगूसराय, सीपीएम- खगड़िया से चुनाव लड़ेगी.

ये भी पढ़ें-

Last Updated : Mar 29, 2024, 1:57 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.